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Yogesh Hiwrale
"लोकांच्या नजरा मला छळतात गं जेंव्हा ,जेंव्हा, त्या तुझ्याकडे वळतात गं बघून तुला ना, येई पाठी. शक्य नसे ते ,कुणाही साठी. रीत जुणी ही सांगू किती. सौंदर्य जेथे ,जडते प्रीती अलगद, माझ्याकडे पाहू नको गं भाव मनाचे ते कळतात गं.... लोकांच्या नजरा मला छळतात गं.... श्रुंगार कशाला ,या रुपाला देह लाजवील, रती यौवनाला मृग नयनी तू ,स्वैर बाला अग्नी काठी, मद्य प्याला काळोख्या राती फिरू नको गं ताऱ्यांची मनेही जळतात गं लोकांच्या नजरा मला छळतात गं.... कुठे ठेवू हा चंद्र झाकून राहील कसा तो नभा वाचून सुरेल जणू तू एक मैफील राहील कोण कसा मग गाफील आल्हाद अशी हसू नको गं संदर्भ फुलांचे जुळतात गं लोकांच्या नजरा मला छळतात गं "लोकांच्या नजरा"###
Supriya Yewale
काही लोकांच्या येण्यामुळे वेगळं होतं खूप मला फक्त जगावं वाटतं मन मोकळं होत जातं खूप भारी वाटतं हजारे हजारो लोकं आपल्या असण्यापेक्षा एकच व्यक्ती पुरेशी असते जगण्यासाठी आपल्या हक्काची 💯🤞📑✍️ ©Supriya Yewale #nightsky लोकांच्या येण्यामुळे जगणं वेगळं होतं
Naino exam
Shubham Bhardwaj
समस्याओं का जीवन में आना, कोई नई बात नही होती है।हरेक इंसान के जीवन में समस्याएं कभी न कभी आती ही हैं मगर यह तब जटिल हो जातीं हैं जब इन्हें दूर करने के लिए शुभचिंतक आ जाते हैं। ©Shubham Bhardwaj समस्या#समस्या#जीवन#शुभचिंतक#जटिलता
Garg_girl
समस्याएं इतनी ताकतवर नही होती है जितना हम इन्हें मान लेते है कभी सुना है कि "अंधेरे ने सुबह ही ना होने दी हो " ©Garg_girl #समस्या
Seema Mahajan
जब जीवन मे कुछ समझ न आऐ तो समस्या को बताऐ ।शायद समस्या के पास, समस्या का समाधान हो। ©Seema Mahajan समस्या
ABHISHEK SHUKLA
समस्याओं से घबराना नहीं! हालात कैसी भी हो! समस्याओं से घबराना नहीं उस पर पकड़ बनाए रखना। जीवन के लक्ष्य पर, नजरे जमाये रखाना। रात बड़ी हो! हवाएँ तेज चली हो! अधेरा कितना भी गहरा हो.. उम्मीद के दीपक जलाए रखना। आगे गहरी खाई हो, पास कोई न भाई हो। दूर-दूर तक कुछ नजर न आई हो। घबराना नही... निकलने का आस लगाए रखाना। ©ABHISHEK SHUKLA #समस्या
Ajay kumar
समस्याओं को लेकर खुद की प्रतिक्रिया पर गहरी नजर रखना अति आवश्यक है ©Ajay kumar #समस्या
HP
समस्या एक राजा ने बहुत ही सुंदर ''महल'' बनावाया और महल के मुख्य द्वार पर एक ''गणित का सूत्र'' लिखवाया.. और एक घोषणा की कि इस सूत्र से यह 'द्वार खुल जाएगा और जो भी इस ''सूत्र'' को ''हल'' कर के ''द्वार'' खोलेगा में उसे अपना उत्तराधीकारी घोषित कर दूंगा! राज्य के बड़े बड़े गणितज्ञ आये और 'सूत्र देखकर लोट गए, किसी को कुछ समझ नहीं आया! आख़री दिन आ चुका था उस दिन 3 लोग आये और कहने लगे हम इस सूत्र को हल कर देंगे। *उसमे 2 तो दूसरे राज्य के बड़े गणितज्ञ अपने साथ बहुत से पुराने गणित के सूत्रो की पुस्तकों सहित आये! लेकिन एक व्यक्ति जो ''साधक'' की तरह नजर आ रहा था सीधा साधा कुछ भी साथ नहीं लाया था! उसने कहा मै यहां बैठा हूँ पहले इन्हें मौक़ा दिया जाए! दोनों गहराई से सूत्र हल करने में लग गए लेकिन द्वार नहीं खोल पाये और अपनी हार मान ली। अंत में उस साधक को बुलाया गया और कहा कि आप सूत्र हल करिये समय शुरू हो चुका है। साधक ने आँख खोली और सहज मुस्कान के साथ 'द्वार' की ओर गया! साधक ने धीरे से द्वार को धकेला और यह क्या? द्वार खुल गया.. राजा ने साधक से पूछा -- आप ने ऐसा क्या किया? साधक ने बताया जब में 'ध्यान' में बैठा तो सबसे पहले अंतर्मन से आवाज आई, कि पहले ये जाँच तो कर ले कि सूत्र है भी या नहीं.. इसके बाद इसे हल ''करने की सोचना'' और मैंने वही किया! कई बार जिंदगी में कोई ''समस्या'' होती ही नहीं और हम ''विचारो'' में उसे बड़ा बना लेते है। मित्रों, हर समस्या का उचित इलाज आपकी ''आत्मा'' की आवाज है! https://awgpskj.blogspot.com/2020/06/blog-post_80.html समस्या