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Umesh Kumar
नाग देवता के दर्शन करने के लिए नेपाल के रास्ते से होकर गुजरना होगा ©Umesh Kumar नाग देवता का पूजन
Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma
~Bhavi
शिव शंकर गले विराजे.. घर घर में महिमा बाजे।। नागपंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है।।यह त्योहार श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है।इस दिन हमारे भारतवर्ष में नागों की पूजा करने का विधान है।ऐसा माना जाता है कि नाग देवता शिव जी का प्रतिरूप हैं, क्योंकि वह शिव जी के परिवर्तित रूप हैं।वह उनके साथ हमेशा उनके गले में विराजमान रहते हैं।।मान्यता है जहां नाग देवता का निवास होता है,वहाँ लक्ष्मी भी निवास करती है।।नागों और सर्पों की पूजा करने से भय से भी मुक्ति मिलती है।।प्राचीन समय की मान्यता है कि सर्प हमारे कृषकों के लिए भी वरदान होते हैं क्योंकि वह खेतों में जीव-जंतु आदि से फसलों की रक्षा करता है।।इसलिए साँप को "सर्पपाल या छेत्रपाल "भी कहा जाता है।।नागपंचमी के दिन सब लोग नाग देवता की पूजा करते हैं,उनके लिए दूध रखा जाता है।।नाग हमें कई संदेश भी देते हैं उनकी तीव्र दृष्टि बेहद ही रोमांचकारी होती है।।कहीं कहीं नागमणि का भी उल्लेख मिलता है।।कुछ लोग इनके ख़िलाफ़ होते हैं, जो जंतुओं की निर्मम हत्या कर देते हैं।।उन्हें घातक मानते हुए, प्रत्येक व्यक्ति उनसे दूर रहने की कोशिस में नागों ,सर्पों को नुकसान पहुँचाते हैं।।ऐसा करना हमारे मनुष्य जीवन के लिए बिल्कुल भी उत्तम नहीं है।।हमें प्रत्येक जीव-जंतु की रक्षा करनी चाहिये।। ©bhawna gupta शिव शंकर गले विराजे.. घर घर में महिमा बाजे।। नागपंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है।।यह त्योहार श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की प
PARBHASH KMUAR
आज हम आपके लिए नाग पंचमी से जुड़ी हुई एक अन्य पौराणिक कथा लेकर आए हैं। तो चलिए इस कथा को विस्तार से जानते हैं। एक समय की बात है किसी गांव में एक कुम्हार अपनी बेटी राधा और अपनी पत्नी के साथ निवास करता था। उसकी बेटी भगवान शिव की बहुत बड़ी भक्त थी और उनकी पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना किया करती थी। एक दिन उस कुम्हार ने अपनी बेटी से बरतन बनाने के लिए मिट्टी लाने को कहा। पिता के कहने पर राधा मिट्टी लाने के लिए जंगल में चली गई, वहां मिट्टी खोदते वक्त उसके सामने एक नाग आ गया। राधा नाग को देखकर घबरा गई और उसकी घबराहट को देखते हुए नाग देवता ने एक मनुष्य का रूप धारण कर लिया। नाग देवता राधा से बोले कि पिछले जन्म में तुम मेरी बहन थीं, तुम्हें देखते ही मुझे सब याद आ गया। अब मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा और तुम्हारी रक्षा करुंगा। राधा यह सब सुनकर काफी खुश हो गई और अपने भाई से कुछ देर तक बात करने के बाद घर वापिस चली गई। घर पहुंच कर राधा ने यह पूरा वृतांत अपने माता-पिता को सुनाया, इस बात को सुनकर उसके माता पिता चिंतित हो गए और उन्होंने राधा को जंगल में जाने से मना कर दिया। राधा ने अपने माता पिता की बात को मानने से इंकार कर दिया और वह बोली कि, मेरा कोई भाई नहीं है और मैंने नाग देवता को भाई मान लिया है, इसलिए मैं उनसे जंगल में मिलने अवश्य जाया करूंगी। अपनी बात पर अडिग रहकर राधा अगले दिन जंगल में अपने भाई के लिए दूध लेकर गई। कुछ देर बाद नाग देवता वहां आए और उन्होंने दूध ग्रहण किया और उन्होंने फिर से मनुष्य का रूप धारण कर लिया। इसके बाद उन्होंने राधा को एक पोटली दी और बोला कि तुम यह पोटली घर जाकर खोलना।राधा वह पोटली लेकर घर चली गई और जब घर जाकर उसने वह पोटली खोल कर देखी तो उसमें सोने के सिक्के भरे हुए थे। अगले दिन राधा के माता-पिता भी उस स्थान पर पहुंच गए जहां नाग देवता राधा से मिलने आते थे। वहां उन्होंने राधा के पिछले जन्म के भाई से बात की और फिर वह लोग भी नाग देवता से मिलने आने लगे। धीरे-धीरे यह बात पूरे गाँव में फैल गई और वहां के लोगों ने नाग के गाँव में रहने पर आपत्ती जताई। उन्होंने कहा कि अगर नाग गांव में रहेगा तो पूरे गाँव के लोगों पर खतरा बना रहेगा। गाँव के लोगों ने इकट्ठे होकर राधा के पिता के पास पहुंचने का फैसला किया। वह लोग राधा के घर पर पहुंच कर बोले कि इस नाग को गाँव से दूर भगा दो क्योंकि यह अन्य लोगों के लिए खतरा बन सकता है। राधा और उसके परिवार ने उन लोगों को समझाने का काफी प्रयास किया कि वह नाग किसी को हानि नहीं पहुंचाएगा, लेकिन गाँव के लोग नाग को भगाने की अपनी बात पर अड़े रहे। इसके बाद राधा और उसके माता पिता ने नाग से विनती की कि वह गाँव छोड़कर चला जाए। इस पर नाग ने कहा कि आप लोग परेशान न हों, मैं यहां से चला जाऊंगा। यह सुनकर राधा बोली, कि भैया अब हम दोनों कैसे मिल पाएंगे? नाग देवता ने इस प्रश्न के उत्तर में कहा कि, मेरे यहां रहने से तो नहीं लेकिन मेरे यहां से जाने से गाँव पर ज़रूर विपदाएं आएंगी। अगर ऐसा हो तो नाग पंचमी पर इसी स्थान पर दूध रख देना और मन में मुझे याद करना, मैं तुम्हारे पास आ जाऊंगा। इतना कह कर वह नाग वहां से चला गया। कुछ दिनों के पश्चात् सावन के महीने से हर जगह बारिश होने लगी और हरियाली छा गई। लेकिन गाँव में बारिश की एक बूंद भी नहीं पड़ी और पूरा गांव सूखे की चपेट में आ गया। गांव वालों की फसले बरबाद होने लगीं और सभी लोग इससे परेशान हो गए। यह सब देखकर राधा ने गाँव पर विपदा आने का कारण सबको बताया, तब गाँव वालों को अपनी गलती का एहसास हुआ। राधा की बात मानते हुए गाँव वालों ने मिलकर नाग पंचमी पर उस स्थान पर दूध का पात्र रख दिया जहां नाग देवता राधा से मिलने आया करते थे। सभी मिलकर वहां नाग देवता का इंतज़ार करने लगे, नाग के स्वागत के लिए पूरे गाँव को भी सजाया गया। राधा ने अपने मन में नाग को याद किया और अपने वादे के अनुसार नाग देवता वहाँ पर प्रकट हो गए। सभी लोगों ने नाग देवता को प्रणाम किया और अपनी गलती के लिए क्षमायाचना भी की। राधा ने अपने भाई को दूध पिलाया और गाँव में वापिस आने का आग्रह किया। इस पर नाग देवता बोले, कि मैं अब यहां नहीं रह सकता, लेकिन मैं हर नाग पंचमी को अपनी बहन से ज़रूर मिलने आया करूंगा। नाग देवता ने आगे यह भी आश्वासन ©parbhashrajbcnegmailcomm आज हम आपके लिए नाग पंचमी से जुड़ी हुई एक अन्य पौराणिक कथा लेकर आए हैं। तो चलिए इस कथा को विस्तार से जानते हैं। एक समय की बात है किसी गांव म
rajkumar
ram ram ji ©rajkumar एक किसान बहुत ही दुखी रहता था क्योंकि बार-बार उसकी फसल बर्बाद हो जाती थी। वह नहीं समझ पा रहा था ऐसा उसके साथ क्यों हो रहा है। जब वह 1 दिन खे
SONALI SEN
।। गौ माता ।। अखियों मे जिनके चंद्रमा, सूरज विराजे है, मस्तिष्क पे गोपालक गोपाल साजे है। गोबर मे जिनके लक्ष्मी,आकर करे निवास, करते है जिनकी पूछ पे, बजरंगवली बास। जिनके खुरो मे नाग,देवता रहे प्रतिक्षण , करते है रोग मुक्त तत्व, दूध के सुवर्ण । गौमूत्र पंचगव्य है, हर रोग की दवा , जिनके स्पर्श मात्र से, शुद्ध हो हवा। करती है जहाँ विचरण,रभायें जिस जगह, हो जाती पुष्प वर्षा, मिट जाती सब कलह। जन्मे है जिनके गर्भ से, गोकर्ण से ज्ञानी, गौ से बड़ा नही कोई, संसार मे दानी। तैतीस कोटि देवता,जिनमे करे नित वास, हर रोम मे गोविंद गोपाल, गाएँ हर एक स्वास गौ माता पूज्यनीय है गौ, ममता का स्वर्रूप, धरती पे चलता फिरता, मंदिर है गौ का रूप।। .......सोनाली सेन सागर( मध्य प्रदेश) #प्यारी_मुन्नो ♥️😘 ©SONALI SEN ।। गौ माता ।। अखियों मे जिनके चंद्रमा, सूरज विराजे है, मस्तिष्क पे गोपालक गोपाल साजे है। गोबर मे जिनके लक्ष्मी,आकर करे निवास, करते है जिनकी
Vibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ जगत के सभी भक्तों को व श्रद्धालुओं को नाग देवता की उपासना के पावन पर्व 'नाग पंचमी' की अनंत शुभकामनाएं। यह पर्व सभी प्राणियों के प्रति कल्याण का भाव रखने वाली हमारी सनातन संस्कृति की उदारता तथा सभी जीवों व प्रकृति के मध्य आत्मीय संबंध का प्रतीक है....। सर्प जैसे जहरीले प्राणी को भी देवताओं का स्थान देकर प्रेम व भक्ति-भाव से उसकी पूजा करना-यह भारतीय संस्कृति व ऋषि-मुनियों की देन है।संस्कृति जीवित रखिए .... 🙏हिन्दुस्तान 🇮🇳जीवित रहेगा🙏 🙏🌺🙏हर हर महादेव शिव शंभु🙏🌺🙏 ✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary #Vs❤❤ जगत के सभी भक्तों को व श्रद्धालुओं को नाग देवता की उपासना के पावन पर्व 'नाग पंचमी' की अनंत शुभकामनाएं। यह पर्व सभी प्राणिय