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shalini jha
White जीवन का पन्ना पन्ना घटित क्षणों का अभिलेख मन की प्रतिलिपि अभिलाषाएं करती तन का अभिषेक स्वप्न छलावे संग हृदय का घटता बढ़ता आवेग सागर से गहरा प्रेम लिए लहराता भावों का उद्वेग चित्र उकेरे कल्पनाओं के इंद्रधनुषी रंग अनुभूति की बही त्रिवेणी डूब डूब सत संग ©shalini jha #जीवन का पन्ना पन्ना घटित क्षणों का अभिलेख मन की प्रतिलिपि अभिलाषाएं करती तन का अभिषेक स्वप्न छलावे संग हृदय का घटता बढ़ता आवेग
#जीवन का पन्ना पन्ना घटित क्षणों का अभिलेख मन की प्रतिलिपि अभिलाषाएं करती तन का अभिषेक स्वप्न छलावे संग हृदय का घटता बढ़ता आवेग
read moreसंजय जालिम " आज़मगढी"
बेटी बचाओ कल कल कर बहता झरना हर दुल्हन को सोहे सोने का गहना नीले गगन मे उड़ते ढेरों परिंदे अच्छे कर्म कर धरती के बंदे धन दौलत झूठी, शान है झूठी अपने माँ, बाप,की सेवा कर है संजीवनी बूटी शिप मे मिले जैसे मोती, आधी जनता भूखे सोती हमारी हर माँ हर दिन रात बेटी चलते रोती, "जालिम " दहेज लोभी के चलते " माँ " बेटी खोती ©संजय जालिम " आज़मगढी" # बेटी #
# बेटी #
read moreShayraa
"इत्र, मित्र, चित्र और चरित्र" ©Shayraa "इत्र ,मित्र, चित्र और चरित्र" #life_quotes #hindi_quotes
"इत्र ,मित्र, चित्र और चरित्र" #life_quotes #hindi_quotes
read morecopyrightshayar
खुदा का ही एक रूप, होती है बेटियां। खुदा जब होते हैं प्रसन्न, तो घर में आती है बेटियां।। ©copyrightshayar #बेटी #Shaayari #Love शायरी हिंदी में शेरो शायरी हिंदी शायरी खूबसूरत दो लाइन शायरी
Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी अध्ययन और अध्यापन स्तरहीन हुये गति देश समाज को दे नही पा रहे है आचरण और संस्कार की बाट लगा दी चरित्रों के चित्र खिल नही पा रहे है त्याग संयम गुरुओ का आकर्षण था जो छात्रों में नैतिकबल भरता था एक टीचर अपने ज्ञान से सौ सौ सूरज की प्रज्ञा प्रज्वलित करता था दिशाहीन को दिशा देकर भविष्य का नव निर्माण करता था प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #teachers_day चरित्रों के चित्र खिल नही पा रहे है
#teachers_day चरित्रों के चित्र खिल नही पा रहे है
read moreAdv Sony Khan
White *बंद करो बेटा बेटी में फर्क* """"""""""""""""""""""""""""""" प्यारी गुड़िया रानी बिटिया कहलाती है, अक्सर थके बाप के चेहरे पर मुस्कान ले आती है दिन भर अपनी मासूम किलकारियों से घर में रौनक लाती है भाई की जान बाप का गुरूर बन जाती है, तीज त्यौहार पर दीपों से घर को रोशन बनाती है, अक्सर रक्षाबंधन पर भाई की कलाई सजाती है, फिर भी न जाने क्यूं पराए घर की कही जाती है। करदो कन्यादान तो पुरुष की अर्धाग्नि बन जाती है, फिर भी दहेज़ के लोभियों द्वारा आग में जल जाती है। आज जान उसकी गई अगला नंबर तुम्हारा है, ऐसा अब हम होने नहीं देंगे यही लक्ष्य हमारा है। सरकार चाहें कोई भी हो जिम्मेदारी समाज की है किसी की बेटी की जान तो किसी कि मां की लाज है, इस सबको देख कर ही चलाया गया "मिशन शक्ति" आभियान है हर किसी को जिम्मेदारी के साथ जागरूक करना हमारा काम है। बेटा बेटी में फर्क करना यह बहुत बड़ा पाप है मानो कि जैसे हमारे ऊपर दुनिया में अभिशाप है बेटा बेटी में फर्क करोगे तो सुख नहीं पाओगे बेटे की चाहत में रहोगे तो बहू कहां से लाओगे ? हमको यही संकल्प लेना होगा बेटा बेटी की फर्क को मिटाना होगा, दोनों के साथ समानता के साथ रिश्ता निभाना होगा तभी हमारा और हमारे देश का कल्याण होगा। जब बेटा बेटी की पहचान नहीं शब्दों में सिर्फ "हमारी संतान" होगा । *ऐडवोकेट सोनी खांन* _द्वारा स्वरचित रचना_ ©Adv Sony Khan #Beti #बेटी #Self #selfconfidence #motivate #Motivation #Writer #my #Advocate #Reality मोटिवेशनल कविता इन हिंदी प्रेरणादायक मोटिवेशनल को
#beti #बेटी #Self #selfconfidence #motivate #Motivation #writer #my #Advocate #Reality मोटिवेशनल कविता इन हिंदी प्रेरणादायक मोटिवेशनल को
read moreSANIR SINGNORI
पराया क्या जाने पीर 'काटली' की कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की पैसे के लालच में आज, साहूकारों ने बेच दी मिट्टी 'काटली' की निकली थी वो तुम्हारी प्यास बुझाने, बुझा दी मानस ने राह 'काटली' की सहस्र जीवों का जीवन थी जो, इंसानों ने छीन ली सांसे 'काटली' की अपनों ने काट दी जड़े 'सानिर' कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की सिर साँटें 'सानिर', तो भी सस्तो जाण, जै बच जाए जान 'काटली' की पराया क्या जाने पीर 'काटली' की कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की . ©SANIR SINGNORI #DesertWalk नदी बचाओ
#DesertWalk नदी बचाओ
read moreAnjali Jain
आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
read moreAndy Mann
अगर "गलत" करूं कुछ मैं, तो "डाँटती" है मुझे..! "प्रकृति" ने बख़्शी है.. "बेटी"भी, मुझे "मां" की तरह..!! ©Andy Mann #बेटी अदनासा- Dr Udayver Singh Rakesh Srivastava Sangeet... MRS SHARMA
#बेटी अदनासा- Dr Udayver Singh Rakesh Srivastava Sangeet... MRS SHARMA
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