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Shiva Sarika
White हम तुम्हें चाहने लगे ऐसे सासों की जरूरत बन गई जैसे हर तरफ तुम नज़र आने लगे जिन्दगी तेरा मोहताज हो गया जैसे ©Shiva Sarika # तुम
# तुम #शायरी
read moreDirect DIL SE
White सिर्फ कुछ रूप की बात थी कुछ हो गया जो उसने बताया आप ले लो कैसे बताए उसे दौलत सारी उनके कदमों में बिछाएगे दौलत तो क्या हे मांग ले वो यदि तो जान भी देदेगे ©Funny Man #उनके सामने
ANIL KUMAR
White कोई फायदा नहीं ज़िन्दगी में शेर बनने का जब सामने वाली को कुत्ते पसंद हों 🤣🤣🙈😜 ©ANIL KUMAR सामने वाली को
सामने वाली को #Life
read more"Meri baatein"
White तुम मुझे तकलीफ़ दे कर पूछती हो क्या हुआ है?? ©"Meri baatein" #तुम
Kiran Chaudhary
मंज़िल सामने थी, रास्ता ज़रा मुश्किल था, हार हर कदम पर मेरे साथ थी, मगर मुझे जीत का चस्का था, कभी बेबस भी हुई, तो कभी टूटी भी, कभी खुद से लड़ी, तो कभी रूठी भी, किसी ने कभी साथ न दिया, खुद से सम्भली खुद ही को सहारा दिया भी, मैं हर रोज़ एक ही सपने के साथ सोई ओर उसी के साथ उठी भी, मैं खुद का सूरज बनी तो कभी अंधेरा भी।। ©Kiran Chaudhary मंज़िल सामने थी।।
मंज़िल सामने थी।। #मोटिवेशनल
read moreहिमांशु Kulshreshtha
आंखों में सजा कर अनगिनत सपने अपने दिल में बसाया था तुमको सपने ही तो थे.... टूटना था, टूट गए आज भी, मगर तन्हाई के लम्हों में तुम्हारा ख्याल आ जाता है हृदय के द्वार पर तुम्हारा अक्स हौले से दस्तक दे जाता है अपनी भावनाओं को दफ़ना लिया था मैंने अपने दिल को कब्र बना कर तसव्वुर तुम्हारा बिखर जाता है फूल बन कर आज भी मेहसूस होती है तुम्हारी नर्म उंगलियों की छुअन और, तब अकस्मात मेरे रोम-रोम में आकुलता जगा जाती हो तुम मन बेचैन हो उठता है मायावी सी तुम आज भी मेरी तन्हाइयों में चली आती हो तुम !!!! ©हिमांशु Kulshreshtha तुम....
तुम.... #कविता
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White कैसे भूल जाऊँ उस लम्हे को जब तुम ने सर रख कर मेरे कांधे पर जन्मों जन्म साथ रहने का वायदा किया था खायीं थी कसम कई कई बार कैसे भूल जाऊँ मैं उस लम्हे को जिसमें तुमने भुला दिया था हर कसम, हर वायदा भुला दिया था, मेरी बेपनाह चाहत को और अपने गुरूर की आंच में छोड दिया था तुमने मुझे लम्हा लम्हा जलने को, कैसे भूल जाऊँ मैं..... ©हिमांशु Kulshreshtha तुम...
तुम... #कविता
read moreVivek Sharma Bhardwaj
White पता है ज़िंदगी बहुत ही अजीब है, तुम्हें खो कर जाना!! तुम सा कोई नहीं, तुम शायद नहीं समझ सकते अब, शायद मैं भी नहीं समझ पाया तुम थे जब, अब बस सफ़र है, और एक राह, ना मंज़िल की ख़बर, न ही रस्ते का पता, बस अब भी तू है! तेरा ज़िक्र, तेरी फ़िक्र, तेरी चाह, और वो सब बातें जो तेरे लिए थी, और तुमसे कही न गई..... ©Vivek Sharma Bhardwaj #तुम
हिमांशु Kulshreshtha
तुम चंचल, सुकोमल सुनयना, सुकुमार कैसे बिताई रात मीठी नींद में सपनों में रात क्या देखा तुमने कुछ याद भी रहा क्या तुमको? गहरी नींद का मधुर कोई सपना देखा क्या तुमने रात भर कोई जगा निहारता रहा बस तुमको.... नींद में सोते देखा करवटें बदलना तुम्हारा.... मुस्कराता लाज की लाली लिए मुखड़ा तुम्हारा कह रहा है बहुत कुछ जो देखा होगा तुमने सपने में ©हिमांशु Kulshreshtha तुम
तुम #कविता
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