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RAVI PRAKASH
White जिंदगी मे कभी कभी बहोत कुछ एक साथ बिखर जाता है रिश्ते भी, सपने भी, और कुछ अपने भी... ©RAVI PRAKASH #GoodMorning जिंदगी मे कभी कभी बहोत
#GoodMorning जिंदगी मे कभी कभी बहोत
read moresk chodhry
White वफादारी का सबूत तो पीठ के पीछे होता है. चेहरे पर हर कोई सच्चा हो जाता है. ©sk chodhry वफादारी का सबूत तो पीठ के पीछे होता है. चेहरे पर हर कोई सच्चा हो जाता है.
वफादारी का सबूत तो पीठ के पीछे होता है. चेहरे पर हर कोई सच्चा हो जाता है.
read moreParasram Arora
White मेरे नाम को याद रख कर क्या करोगे अच्छा तो यही होगाकि मुझे तुमअपने दिल मे बसा कर देख को हा...अगर दिल तुम्हारा कमज़ोर है . तो तुम मुझे अपनी निगाहो मे बसा कर देख लो ©Parasram Arora दिल मे बसा कर देख लो
दिल मे बसा कर देख लो
read moreParasram Arora
White मेरी बेखुदी मे भटकता रहा मेरा खुदा न जाने कहा कहा मै उसे खोजता रहा सबज़ बगिचो मे लेकिन . मुझे वो दिखा बंजर रेगिस्तान के उजड़े हुए बिहदो मे r ©Parasram Arora मेरी बेखुदी मे
मेरी बेखुदी मे
read morePraveen Jain "पल्लव"
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset पल्लव की डायरी सबक जिंदगी के इतने है शायद परखते परखते उम्र ढ़ल जाये आँखों ने बस ख्वाब सजा लिये मंजिल तक दम ही निकल जाये अंधी भागदौड़ है अनचाहे मंजिल की सिर्फ स्टेटस पाने दौड़ लगाते है गुमराह दुनिया करती गोल गोल हम बस फसकर उसमे निधिया जीवन की गवाते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #SunSet सबक जिंदगी के इतने है जीवन मे
#SunSet सबक जिंदगी के इतने है जीवन मे
read moreranjit Kumar rathour
कितना सही कितना गलत इसका हिसाब क्या करना आज के आज़ जीना कल को क्यों मरना जो अतीत को झाकूंगा तो रोना आएगा भविष्य कि सोचूँ तो और भी डराएगा वर्तमान थोड़ा ख़ुशी देता उसे क्यों न संभालू इसीलिए आज़ मे जी रहा हुँ हा थोड़ा थोड़ा ही सही दिल ने दी इज़ाज़त तो हल्का हल्का सा जाम किसी के नाम का उसके हा उसके लबों से आहिस्ता आहिस्ता पी रहा हुँ हा पी रहा हुँ अच्छा है आज़ मे जी रहा हुँ ©ranjit Kumar rathour आज़ मे जी रहा हुँ
आज़ मे जी रहा हुँ
read moreranjit Kumar rathour
सर्द मौसम मे भी एक गरमाहट सी है जो बाऱ बार एहसास कराती है कि कोई है जो तुम्हे यादो का लिहाफ ओढ़े याद कर रहा है और फिर लगता कि शायद वो यही कही पास ही है मेरे करीब और करीब हा बिल्कुल करीब ©ranjit Kumar rathour और करीब सर्द मौसम मे
और करीब सर्द मौसम मे
read moreParasram Arora
Unsplash जीवंन के विकास क्रम. मे आचरण की शिथिलता स्पष्ट नजर आ रहीं हैँ संवेदनाओं के स्तर धीरे धीरे शून्यता की तरफ अग्रसर होते दिख रहेहैँ और बुलंदियों की सुदौल आकृति भी लड़खड़ाती हुई दिख रहीं हैँ ©Parasram Arora जिवंन के विकास क्रम मे
जिवंन के विकास क्रम मे
read moreGhumnam Gautam
White कहाँ हम कुछ कहीं भी बो रहे हैं झुकी है पीठ ख़ुद को ढो रहे हैं बहुत खुश हैं वो जिनका दिल है टूटा जिन्हें दिलवर मिला वो रो रहे हैं ©Ghumnam Gautam #love_shayari #दिलवर #कहीं #पीठ #ghumnamgautam
#love_shayari #दिलवर #कहीं #पीठ #ghumnamgautam
read moreSarvesh kumar kashyap