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kaushik
मेरा खडूस बोस " एक दिन जब मैं, office पहुंचा, सब घबराए हुए थे, शायद मैं लेट पहुंचा !, पर मैं पांच मिनट पहले पहुंचा, मैं ने देखा,बोस की केबिन में, एक नमुना बैठा था, - caption में पढ़ें @कौशिक दवे "मेरा खडूस बोस " एक दिन जब मैं, office पहुंचा, सब घबराए हुए थे, शायद मैं लेट पहुंचा !, पर मैं पांच मिनट पहले पहुंचा, मैं ने देखा,बोस
Arsh
"स्तन कर" साक्ष्यों पर आधारित नंगेली का नाम केरल के बाहर शायद किसी ने न सुना हो. किसी स्कूल के इतिहास की किताब में उनका ज़िक्र या कोई तस्वीर भी नहीं मिलेगी. लेकिन उनके स
priyanka yadav
#KargilVijayDiwas कारगिल विजय दिवस भाग 2 #kargilvijaydiwas मिसाइलों तथा तोपों का प्रयोग 26 मई को भारतीय वायुसेना को कार्यवाही का आदेश मिला। 27 मई को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान क
खामोशी और दस्तक
केरला की सच्ची घटना ©खामोशी और दस्तक *केरला की सच्ची स्टोरी* *वीरांगना नगेली कौन??* वीरांगना नगेली *‼️जब हिन्दू धर्म में महिलाओं को स्तन ढकने का भी अधिकार नहीं था इसलिए स्त
Ek villain
रोका नहीं जा सकता श्रमिकों के पलायन शीर्षक से लेख आलेख में भरत झुनझुनवाला ने यह दर्द ही लिखा है कि पलायन आर्थिक मार्च से जुड़ी एक वास्तविकता है उनका यह कहना भी उचित है कि जिन क्षेत्रों में प्लेन होता है जिन क्षेत्रों में पलायन होता है उन दोनों को ही इससे सबसे ज्यादा लाभ होता है यह बात घरेलू से लेकर वैश्विक स्तर पर पूरी तरह से खरी उतरी है हालांकि इस प्लान के कुछ नकारात्मक पहलू भी है अंतरराष्ट्रीय प्लेन से जहां देश के बेहतरीन प्रतिभाओं का प्लेन हो जाता है और देश के अन्य योजनाओं से वंचित रहता है वहीं घरेलू पलायन से उन शहरों के ढांचे पर दबाव पड़ता है जहां भारी संख्या में पलायन होता है इतना ही नहीं वहां कुछ वस्तुओं और सेवाओं के दाम भी अनावश्यक रूप से बढ़ते हैं दूसरी और अनेक मूल्य प्रदेश में बाजार की मांग की प्रभावित होती है यानी कुल राज्यों का दौरा नुकसान होता है ऐसे में पलायन का स्थाई समाधान खोजना नहीं है बल्कि अच्छी बात है कि सरकार द्वारा इस देश में प्रयास किया जा रहा है देश में मुंबई बेंगलुरु हैदराबाद हुआ करते थे किंतु जाते हैं दिल्ली सरकार के पीछे छोड़ दिया है इस रुझान को आधार मानें तो अब भारत के युवाओं को दक्षिण या पश्चिम भारत का रुख नहीं करना होगा इस रुझान को अभी माइक्रोम लेवल पर ले जाना होगा साथ ही रोजगार के ऐसे अवसर सृजित करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा जीने work-from-home के माध्यम से आजमाया जा सके ©Ek villain #स्थानीय स्तर पर बढ़ते रोजगार #doubleface
Ek villain
दिल्ली में पानी की दशा बेहतर क्यों नहीं है इसका जवाब पिछली सरकारों के पास भी कभी नहीं था और आज भी नहीं है इससे बढ़ते राजनीतिक और दिवाली के बाद राजनीति के दम घुट हालात से भी सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े हुए दिल्ली के पास अभी हालात दूसरे दिन दो-तीन दिन दशकों बाद से बेहतर हुए हैं बात हवा की हो या पानी की पूरे साल इसमें से किसी ना किसी का रोना बना रहता था दिल्ली प्रदेश की राजधानी है यह देश का प्रतिनिधित्व नहीं करती बल्कि है आदर्श है जिससे सारा देश देखता है अनुकरण के अवसर तलाशने करेगा देश की दिशा में भी यह तय होती है कि पानी की बढ़ती किल्लत और भूजल की हालत पर सरकार कितनी संतान है इसका पता है बात से चलता है कि भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है इस मसले पर सरकार को घेर लेते हैं सरकारी पानी ना हो तो उतारू रहते हैं पर इसकी भरपाई दोस्तों से दूर है दिल्ली के पानी की आपूर्ति होती है नदियों में गंगा और यमुना जल की आवश्यकता है यहां की आबादी 100000 से 28 करोड़ तक पहुंच गई अब पानी की आवश्यकता कई गुना बढ़ गई है दूसरी तरफ से होने वाले पानी में बड़ी कमी आई है पानी की मांग कई गुना बढ़ गई है और दूसरी तरफ से ज्यादा है और उसमें से ही आता है हर दिन किए जाने वाले पानी की आपूर्ति की कोई व्यवस्था ना होने के कारण आज ही जल स्तर तक नीचे जा चुका है एक सर्वे के अनुसार दिल्ली के प्रति वर्ग मीटर की दर से गिर रहा है हालात यदि ऐसे नहीं गए तो कुछ समय बाद पताल में भी जाने पर पानी नहीं मिलेगा दूसरी बड़ी बात यह है कि जल्दी इतना नीचे है खींचा जाता है उसकी गुणवत्ता भी उतनी ही खत्म होती चली जाती ©Ek villain #गिरते भूजल स्तर पर लगे लगाम #WorldPoetryDay
Ek villain
कोविड-19 से उभर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था को जिस तरह से यूक्रेन संकट का सामना करना पड़ रहा है उसके नतीजे से महंगाई बढ़ने ही थी क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे माल तेल के मूल्य में लगातार बढ़ोतरी हो रही है इस विधि से दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत भी जूझ रहे जो कि भारत अपनी खपत का 80% से अधिक कच्चा तेल आयात करता है इसलिए उससे कहीं अधिक प्रभाव पड़ा है फिलहाल यह कहना कठिन है कि पेट्रोल के मूल्य में वृद्धि का सिलसिला कब था लेकिन यदि में इसकी भी अनदेखी नहीं की जा सकती महंगाई पर लगाम लगाने की खपत हो रही थी उसके दाम बढ़े हैं कि भले ही पड़ रहा है लेकिन समस्या का हल नहीं होने वाला सरकार को ऐसे कदम उठाने की जैसे यूक्रेन संकट से उपजी परिस्थितियों के प्रभाव को कम किया जा सकता है यह ठीक है कि सरकार के पास सीमित विकल्प है लेकिन उसे कुछ संभव हो तो करना ही होगा रिजर्व बैंक को भी यह देखना होगा कि उससे ऊपर स्तर क्या कर सकते हैं सरकारी अनदेखा नहीं कर सकती खाने-पीने की सामग्री के साथ अन्य वस्तुओं के दाम भी बढ़ रहे हैं इससे हम लोगों का बजट बिगड़ रहा है ©Ek villain #महंगाई की चुनौती वैश्विक स्तर पर #selfhate
Pradyumn awsthi
मूर्ख इंसान किसी भी काम को उसके परिणाम को सोचे बिना ही कर देता हैं समझदार इंसान पहले सोचता है उसके बाद काम को करता हैं और ज्ञानी व्यक्ति पहले ही पूर्ण आकलन करके अपने काम को पूरा भी कर लेता है और उसे पूर्ण सफलता भी प्राप्त हो जाती हैं यही अंतर होता है एक न्यूनतम ,मध्यम और उच्चतम स्तर के इंसानों मैं ©"pradyuman awasthi" #स्तर
Kishor Jangra
कोई भी उस व्यक्ति से प्रेम नहीं करता, जिससे वो डरता है। प्रेम को निम्न स्तर पर न ले जाये
Ek villain
वैश्विक स्तर पर गेहूं की आपूर्ति में भारत की हिस्सेदारी बढ़ना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कथन को सही साबित करता है कि भारत दुनिया का खाद्यान्न उपलब्ध करा सकता है एक अनुमान है कि इस वर्ष एक करोड़ टन गेहूं निर्यात करा सकता है नहीं संदेश का मुख्य प्रमुख कारण से उस पर हमला है महत्वपूर्ण केवल यह नहीं है कि यूक्रेन संकट के कारण दुनिया भर में भारतीयों की मांग बढ़ रही है बल्कि हमारे किसान निजी कंपनियों को बेचना पसंद कर रहे हैं इसके बावजूद यह है कि निजी कंपनी समर्थन मूल्य से अधिक का अनुदान दे रही है किसान निजी कंपनियों को बेचने इसलिए भी पसंद नहीं कर रहे क्योंकि असुविधा का सामना करना पड़ रहा है जिससे आम तौर पर सरकारी मीडिया में करना पड़ता है पंजाब हरियाणा में तो निजी कंपनियों के बीच गेहूं है किसान को मिले किसान नेताओं के तौर ©Ek villain #गेहूं की निजी खरीदें विश्व स्तर पर #Life