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DRx Tapojeet Adhikari
D. pharma B. pharma करे बो भी अटेंडिंग और नॉन अटेंडिंग कोर्स करे बो भी मात्र 80000 रुपये एक साल की फीस है साथ ही sc और genral स्टूडेंट्स के लिए 50000 रुपये स्कॉलरशिप मिलेगा अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे mb -9759904556 8882960665 ऑफर 31 अगस्त तक है डी फार्मा
Kunwar Kuldeep Rathore
अगर राम बनना है तो अयोध्या छोड़ना पड़ेगी। बिना अयोध्या छोड़े लंका नहीं जीती जाती। जिंदगी की यही परिभाषा है। अगर कामयाबी चाहिए तो घर छोड़ना पड़ेगा ।। आपके कर्म और मेहनत ही आपको राम बनाते ही। ©Kunwar Kuldeep Rathore #इंदौर ,,,,
Omprakash Bhati
ओम प्रकाश भाटी के द्वारा रची गई एक छोटी सी दिलदार शायरी आप जो भी देखोगे वह भी लाइक और कमेंट जरूर करें ©Omprakash Bhati इंदौर
ntnrathore
दिलकश, दिलनशीं दिलफरेब माहताब दिखाएंगे तुम्हे ! आना कभी इंदौर, शाही लाल बाग दिखाएंगे तुम्हे!! नवाब"सैम" इंदौर
क्षितिज़ समवर्ती
लगा एकाध फोटो इंदौर में रहते हुए और खींच लूँ। दिन बदल रहे हैं, मौसम बदल रहा है, दुनिया बदल रही है, संभव है हमारा रहवास भी बदल जाए! पर इन सब बदलावों के बावजूद इंदौर के लिए दिल में बनी जगह नहीं बदलेगी। युग बदलेगा, हम बदलेंगे, लेकिन इंदौर हमारा दूसरा होमटाउन बना रहेगा। आज धनतेरस है, परसों दिवाली होगी, घर में नहीं हूँ लेकिन फिर भी लग रहा है घर में ही हूँ। चारों तरफ सुनाई देती पटाखों की आवाज मे एक अलग ही जादू है। दुकानों की रौनक, बिल्डिंगों में झिलमिलाते झालर, इंदौरी 'भिया' के चेहरे पर दिखती खुशी, ये सब घर की यादों को मिटा नही सकते, पर कम जरूर कर रहे हैं। जैसे-जैसे इंदौर से दूर जाने का समय नजदीक आता जा रहा है मन की दशा कुछ अजीब सी रहने लग गई है। कुछ तो रिश्ता है इस शहर से ? रिश्ता ना भी हो तब भी जुड़ाव तो है ही। आखिर चार साल बिताए हैं यहां। कहां बिसरेंगे यहां के पोहे-जलेबी और होलकैरियन! ©क्षितिज़ समवर्ती # इंदौर
Rajnish Sharma
तू ना मेरा वायदा देखता है, ना इरादा देखता है फकत मुझ से दूर जाने का कोइ कायदा देखता है दिले नासाज से इतनी बेरुखी भी अच्छी नहीं होती क्यो हर वकत किसी डूबी कंपनी में फायदा देखता है कंपनी
Raghib Khan
हर मोहब्बत हर दर्द के दौर से गुजरा जब कभी में इंदौर से गुजरा तेरे शहर में कदम रखने की हिम्मत तो ना हुई मगर शब्ज ओ बाग़ को देखा तो रौब से गुजरा वो कड़ी धूप वो बारिश की फुहार वो नमकीन फिज़ा वो करारी शाम तकलीफ लेके सीने में मै बेनूर सा गुज़रा वो छोटी गाड़ियों के सीटियां पुकारती रही मुझे एक गुमान में नज़रे तलाशती रही तुझे कोई तो मौका होगा, कोई तो मोड़ होगा मिल जाएगी तू मुझे कोई तो दौर होगा वापिस पलट के देख देख थका हर नज़र प्यासी हर उम्मीद प्यासा ठहरा एक टीस उठी सीने में एक दर्द बाकी रह गया रोज़ तलाशता रहा तुझे रोज़ तेरे याद से गुज़रा तेरे शहर की रात मुझे भिगोती रही पल पल हर बार मेरे यार जब मैं इंदौर से गुज़रा।।। #इंदौर #याद