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Kuldeep Shrivastava
जीभ कभी नहीं फिसलती है, याद रखें, दिमाग में जो चल रहा है वह ही हमेशा जीभ पर आता है।। ©Kuldeep Shrivastava #Likho #जीभ
Hiren. B. Brahmbhatt
अपनी अलग ही बोली होती है, व्यक्तित्व की , वो लोगों के अंर्तमन को छु जाती है, बिना कलम या जीभ के इस्तेमाल बिना.. #कलम #जीभ
Anuj Ray
White अब फिर से क्यों कुरेद रहे हो ,पुराने घावों को, बड़ी मुश्किल से भरे हैं ज़ख्म, दाग़ अभी भी मिटे नहीं है। तुम्हारा क्या है तुम तो परिंदे ठहरे, हम अभी भी ठीक से,ठिकाने लगे नहीं है। ©Anuj Ray # पुराने घावों को"
# पुराने घावों को" #शायरी
read moreEk villain
विधाता की सृष्टि संरचना बड़े विधि विधान से की गई है इसमें 8400000 प्रकार के जीवो का अवतरण होता है जिनमें से मनुष्य को भी दूसरे जीवो की ही भांति एक शरीर देखकर जगत व्यवहार करने का अधिकार दिया जाता है यही शरीर दस इंद्रियों का एक स्थूल स्वरूप है जिसमें मन नामक एक चेतन इंडिया में अवस्थित है और यही अन्य इंद्रियों के द्वारा ग्रहण किए गए विषयों को चेतन आत्मा तक पहुंचाती है मन के अतिरिक्त अन्य जो दस इंद्रियां हैं उनमें से चाहा तो 4 नेत्र नासिका मुख्य है क्योंकि प्रत्येक यही शब्द स्पर्श रूप रस और गंदे विषयों को ग्रहण करती है वैसे तो कहा गया है कि प्रत्येक इंद्रियों को अपने लिए निर्धारित एक ही विषय ग्रहण करने का समर्थन प्राप्त है परंतु जी हां ही एकमात्र ऐसी इंद्रियां है जिसकी शब्द और रस के रूप में दो विषय ग्रहण करने की क्षमता मिली है जी हां यदि बिना विचार किए शब्द का प्रयोग करते हैं तो व्यक्ति के जीवन में ना केवल छोटे-मोटे विरोधी खड़े हो जाते हैं आपूर्ति महाभारत जैसे युग परिवर्तन युद्ध तक छोड़ जाते हैं जिनमें पूरे के पूरे परिवार का विनाश हो जाता है यहां जी हां का ही असहयम है कि जिसे मांसाहारी की स्वाभाविक अवस्था नहीं लेकिन वह आशा एवं बिहार के स्वाद के लिए प्रतिदिन हजारों हजार मेरे जीवो की हत्या का निर्माता बनता है बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो अपनी जीवा के स्वाद के लिए फेर में फंस कर अनेक प्रकार के अनुचित और मादक पदार्थ का सेवन करते हुए ना केवल अपना जीवन संकट में डालते हैं आपूर्ति अपने परिवार के लिए भी मुसीबतों को निमंत्रण दे बैठते हैं इसलिए हमें यह विचार करना चाहिए कि हम अन्य सभी जीवो से इसलिए श्रेष्ठ है क्योंकि हमें बुद्धि और विवेक का ऐसा प्रसाद मिला है जो मनुष्य से भी न किसी भी जीव को नहीं मिला इसलिए हम सहमत होकर मनुष्य जीवन को सार्थक कर सकते हैं ©Ek villain #जीभ का संयम #Love
#जीभ का संयम Love
read moreMINTU KUMAR
हमारी जीभ का भी अजी़ब खेल है, गलती ये करती है और बलिदान दाँतों को होना पड़ता है।। -Mintu kumar जीभ का अज़ीब खेल
जीभ का अज़ीब खेल
read moreVandana Mishra
जीभ सुधर जाए और सोच सुधर जाए। तो...... परिवार अपने आप सुधर जाता है। ©Vandana Mishra जीभ सुधर जाए........ #Drops
जीभ सुधर जाए........ #Drops
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