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Stories related to अमावस्या कब है इस महीने की

दक्ष आर्यन

बड़ी ग़फ़लत मे है की तू ज़िंदा है तेरे सीने मे जो साँसे है वो चुनिंदा है तेरी साँसे क़र्ज़दार है इस वक़्त की साँसे छीनने और चुराने का इस वक़्त का

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White बड़ी ग़फ़लत मे है की तू ज़िंदा है 
तेरे सीने मे जो साँसे है वो चुनिंदा है 
तेरी साँसे क़र्ज़दार है इस वक़्त की
साँसे छीनने और चुराने का इस वक़्त का गोरखधंधा है
बड़ी ग़फ़लत मे है की तू ज़िंदा है 

जाने कब ये वक़्त छीन लेगा तुझसे ये साँसे तुम्हारी 
जाने कितना क़र्ज़ है तेरे सर पर
इतिहास गवाह है इस बात का 
चुकाया है ये क़र्ज़ सब ने ही मर कर
इसलिए तो मौत का भाव बड़ा मंदा है 
बड़ी ग़फ़लत मे है की तू ज़िंदा है 
तेरे सीने मे जो साँसे है वो चुनिंदा है

©दक्ष आर्यन बड़ी ग़फ़लत मे है की तू ज़िंदा है 
तेरे सीने मे जो साँसे है वो चुनिंदा है 
तेरी साँसे क़र्ज़दार है इस वक़्त की
साँसे छीनने और चुराने का इस वक़्त का

dilkibaatwithamit

सात दिन की चाहत का महिना आ गया आज, दिल और फूल खूब बिकते हैं, इस महीने, महंगे दाम में..... कुछ चाहते तो सच्ची होती है, सच में, और कुछ बदलती र

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सात दिन की चाहत का महिना आ गया आज,
दिल और फूल खूब बिकते हैं, इस महीने,
महंगे दाम में.....
कुछ चाहते तो सच्ची होती है, सच में,
और कुछ बदलती रहती है,
सुबह ,दोपहर , शाम में ..!! 😊

©dilkibaatwithamit सात दिन की चाहत का महिना आ गया आज,
दिल और फूल खूब बिकते हैं, इस महीने,
महंगे दाम में.....
कुछ चाहते तो सच्ची होती है, सच में,
और कुछ बदलती र

TARUN KUMAR VIMAL

#GoodMorning #भगवान नाम की कोई #व्यवस्था इस #संसार मे नहीं है. नहीं तो छल-कपट और बेईमाननो को कब का मार देती #tarun_kumar_vimal tarunkumarvi

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White भगवान नाम की कोई व्यवस्था इस संसार मे नहीं है. नहीं तो छल-कपट और बेईमानो को कब का मार देती.

©TARUN KUMAR VIMAL #GoodMorning #भगवान नाम की कोई #व्यवस्था इस #संसार मे नहीं है. नहीं तो छल-कपट और बेईमाननो को कब का मार देती
#tarun_kumar_vimal #tarunkumarvi

रिपुदमन झा 'पिनाकी'

#कब

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White ज़िन्दगी  पूछती  है  ज़िन्दगी  जियोगे  कब।
स्वाद इस ज़िन्दगी की मौज का चखोगे कब।
ऊम्र अपनी बिता रहे हो फंँस के उलझन में -
आसमाँ  पर  उड़ानें सपनों की  भरोगे  कब।

आप खुद  से बताओ  यार अब  मिलोगे कब।
क़ैद कर रखा है खुद को जो तुम खुलोगे कब।
पालते हो  क्यूँ  दिल में  ग़म  उदास  रहते  हो-
रंग  जीवन में अपने खुशियों की  भरोगे  कब।

जी रहे हो घुटन में खुल के साँस लोगे कब।
दुःख के दुश्मन को हौसलों से मात दोगे कब।
कुछ  नहीं  मिलता  है औरों  के लिए जीने से-
हो चुके  सब  के  बहुत अपने बता  होगे कब।

रिपुदमन झा 'पिनाकी' 
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक

©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #कब

Babita Singh

सुनोगे कभी इस दिल की पुकार 💝 क्या कहता है

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छोटी सी जिंदगी, लंबी कहानी, चेहरे पर मुस्कान, 
दिल में दर्द, किसी से कह नहीं सकते, किसी को बता नहीं सकते, 
ऐसे ही चलती है जिंदगी साहब 💞🕉️🦚🦋🫂

©Babita Singh सुनोगे कभी इस दिल की पुकार 💝 क्या कहता है

Himanshu Prajapati

#CloudyNight हद्द होती है यार किसी चीज की, मैं कब तक लोगों को परेशान करता रहूंगा..! #36gyan #hpstrange

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हद्द होती है यार किसी चीज की,
मैं कब तक 
लोगों को परेशान करता रहूंगा..!

©Himanshu Prajapati #CloudyNight हद्द होती है यार किसी चीज की,
मैं कब तक 
लोगों को परेशान करता रहूंगा..!
#36gyan #hpstrange

theABHAYSINGH_BIPIN

#love_shayari वक़्त के तराजू पर कब तक तौलते, बुरे वक्त की आहट को कब तक टालते। एहसासों को रखकर हाशिये पर, प्यार से यूँ ही कब तक भागते। हर

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White वक़्त के तराजू पर कब तक तौलते,
बुरे वक्त की आहट को कब तक टालते।
एहसासों को रखकर हाशिये पर,
प्यार से यूँ ही कब तक भागते।

हर दर्द के पीछे कोई बात होती है,
हर खामोशी में एक आवाज़ होती है।
पलकों के साए से कब तक छिपोगे,
दिल की पुकार से कब तक बचोगे।

प्यार बुरा है, ये बहाना कब तक,
खुद से दूरी का फसाना कब तक।
वक्त की इस रेत पर नाम लिखो,
एक बार प्यार से अपनी राह चुनो।

©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari 

वक़्त के तराजू पर कब तक तौलते,
बुरे वक्त की आहट को कब तक टालते।
एहसासों को रखकर हाशिये पर,
प्यार से यूँ ही कब तक भागते।

हर

Praveen Jain "पल्लव"

#Newyear2024-25 पतझर बारह महीने झरता है

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New Year 2024-25 पल्लव की डायरी
छलनी है चाँद सितारे
सूरज आभा हीन हुआ
नक्षत्र ग्रह सब उलट पलट गये
कूरता का बह्मांड में उदय हुआ
दिन पल घटी कटते नही कटती है
हर वर्ष नया लगता 
मगर उम्मीद का दामन छोड़ जाता है
दाँव लगाने वाले,दुनियाँ जीतने निकले
जल थल नभ पर उनका कब्जा है
साख मानवता की सूखी
पतझर बारह महीने झरता है
नव जीवन कैसे फले फूले
माली बगिया को मसले हुये है
ढ़ाचे जिंदा जरूर दिखते
लेकिन सोच समझ उत्साह
रोज उनके व्यवस्था के आगे मरते है
                                                 प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #NewYear2024-25 पतझर बारह महीने झरता है

सूरज

White जनवरी सपने देखने का महीना होता है, और दिसंबर सपने पूरे कर दिखाने का ।

©सूरज #महीने

Parasram Arora

कब?

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Unsplash मेरी बिगड़ेल  चाहतो 
से मुझे राहत मिलेगी कब?

मेरे शरारती स्वार्थी तत्व 
आखिर कब समझ पायगे जीवन का यथार्थ?

मेरा मौन  चिल्लाना चाहता है युगो से 
आखिर उनकी आवाज़ मै सुन पाऊंगा कब?

©Parasram Arora कब?
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