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Chandan Roy

न्यूटन #विचार

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सर आइजक न्यूटन (Isaac Newton) ने 3 क्रांतिकारी खोजे की , जिनमे प्रकाश संबंधी नियम ,द्रव्य स्थिति एवं गुरुत्वाकर्षण , डिफरेंशियल कैलकुलस है | उन्होंने जो प्रमुख सिद्धांत का प्रतिपादन किया था उसे गुरुत्वाकर्षण (Universal Gravitation) कहा जाता है | गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत के अनुसार विश्व की समस्त प्राकृतिक शक्तिया -सूर्य ,पृथ्वी ,ग्रह नक्षत्र,तारे-स्थिर और गतिमान रहते है | इस महान खोज के लिए तथा खगोल विज्ञान से संबधित उनकी खोजो के लिए न्यूटन (Isaac Newton) हमेशा जाने जाते रहेंगे | आइये आपको न्यूटन की जीवनी के बारे में विस्तार से बताते है |

न्यूटन (Isaac Newton) का जन्म लिंकनशायन के निकट वुल्सथ्रोप में 25 दिसम्बर 1642 को हुआ था | उनके पिता हन्नाह न्यूटन एम् मामूली किसान थे जो न्यूटन के जन्म से दो माह पूर्व ही चल बसे थे | जब न्यूटन की अवस्था 3 वर्ष थी तो उनकी माता ने गरीबी और मजबूरी के कारण दूसरा विवाह कर लिया और न्यूटन की दादी की देखरेख में छोडकर नये पादरी पति के साथ चली गयी | दादी के लाड-प्यार से बड़े हुए न्यूटन का मन पढाई में नही लगता था | उन्हें तो फूलो-पत्तो को एकत्र करने , मशीनों के कलपुर्जो की जानकारी पाने में आनन्द आता था |

शरीर से कमजोर होने के कारण उनके मन में हीनता की भावना पैदा हो गयी थी | पादरी पति की मृत्यु होने पर न्यूटन की माँ ने उन्हें खेती करने के लिए अपने पास बुलवा लिया | न्यूटन का खोजी मन खेती की बजाय गणित और अन्य अविष्कारों में लगा रहता था | आइजक के मामा ने जब उनकी यह दशा देखी तो उसने अपनी बहिन की सहमती लेकर उन्हें स्कूल में भर्ती करवा दिया | माँ के एक परिचित क्लार्क दम्पति के साथ रहते हुए न्यूटन ने 5 जून 1661 को मैट्रिक उत्तीर्ण करने के पश्चात कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनीट्री कॉलेज में दाखिला ले लिया |

1665 में बी.ए. की उपाधि प्राप्त की | उनके गणित के प्राध्यापक मिस्टर बैरी ने उन्हें काफी प्रोत्साहित किया | न्यूटन (Isaac Newton) ने बाईनोमियल प्रमेय की खोज 1666 में की | वक्र रेखाओं तथा ठोस पदार्थो से संबधित कुछ नियमो का उद्घाटन किया | प्लेग और महामारी के फैलने से न्यूटन (Isaac Newton) विश्वविद्यालय छोडकर गाँव आ गये |

एक दिन बाग़ में खाली बैठे -बैठे न्यूटन कुछ सोच रहे थे तभी सेब के वृक्ष से एक सेब उनके सिर पर आ गिरा | इसे उठाकर वे सोचने लगे कि यह सेब नीचे ही क्यों गिरा ? उपर की ओर क्यों नही गया ? न्यूटन की इस बात को किसी ने गम्भीरता से नही लिया | उन्होंने यह  बात अपनी भतीजी केथरीन को बताई और यह भी बताया कि पृथ्वी उसे खींच रही है | पृथ्वी की नही सूर्य ,चाँद ,तारो में भी यह शक्ति होती होगी ? लगातार सोचते हुए न्यूटन ने सूर्य के चारो ओर निश्चित धुरी पर चक्कर लगाने वाले ग्रहों के संबध में गुरुत्वाकर्षण के नियम को प्रतिपादित कर दिया |

न्यूटन (Isaac Newton) ने एक रस्सी में गेंद बांधकर गोल-गोल घुमाया |बॉल के दूरी पर गिरते ही उन्होंने पृथ्वी की चन्द्रमा से दूरी का आंकलन किया | यह बताया कि दो वस्तुओ के बीच दूरी के वर्ग के उलट अनुपात में गुरुत्वाकर्षण बल होता है | समुद्र में उठने वाला ज्वार और लहरे भी सूर्य और चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण से आते है |

सन 1667 को न्यूटन (Isaac Newton) कैम्ब्रिज वापस आ पहुचे | प्रोफेसर बैरो के अवकाश ग्रहण करने के उपरान्त 26 वर्ष की अवस्था में वे वहा के प्रोफेसर नियुक्त हुए | न्यूटन को दूरबीन से तारे देखने में काफी रूचि थी |वे चाहते थे कि ऐसी दूरबीन का निर्माण करे ,जो अत्यंत बारीकी से सटीक अध्ययन कर सके | इसी विचार से उन्होंने शीशो के लैंसो को बार बार घिसा और उन्हें विभिन्न आकारों में ढाला | उन्होंने एक नई दूरबीन तैयार कर ली थी जिसे Reflecting Telescope कहा | इसमें प्रकाश को Lens की बजाय शीशे के द्वारा एकत्रित किया गया |

उनके इस अविष्कार की चर्चा Royal Society तक जा पहुची | इस सोसाइटी द्वारा वे Fellow चुने जा चुके थे | न्यूटन ने प्रिज्म की तरह Lens के किनारों को प्रयुक्त किया था | जिससे सफेद प्रकाश की सामान्य किरणें अनेक रंगो में बदल जाती है | ऐसे में परेशान होकर उन्होंने रंगो की उत्पति का कारण ढूंढा | उन्हें ज्ञात हुआ कि सामान्य प्रकाश की किरणें जब एक प्रिज्म से गुजरती है तो वे सात रंगो में बटकर अलग अलग दिखाई पडती है | इन रंगीन किरणों को उन्होंने दुसरे प्रिज्मो से निकलने दिया तो पाया कि रंगो की किरणों का पथ थोडा बदलता है पर कोई नया रंग नही निकलता |

उन्होंने साबित कर दिया कि सफेद प्रकाश वस्तुत: सात रंगो का मिश्रण है | सभी रंग अलग-अलग है |  मौलिक है मिश्रण नही | इन्द्रधनुष का कारण भी सरल भाषा में समझाया | न्यूटन के द्वारा तैयार की गयी दूरबीन जो 9 इंच लम्बी 2 इंच शीशे से बनी थी अत्यंत लोकप्रिय हुयी | न्यूटन के सिद्धांतो पर काफी बहस हुयी किन्तु न्यूटन ने सभी को सप्रमाण साबित कर दिखाया | उनकी इस विधि का नाम विज्ञान विधि पड़ा | न्यूटन ने यह भी पता लगाया कि ज्वलनशील पदार्थ की किरणें 1 लाख 86 हजार मील प्रति सैकंड की गति से खाली स्थान में चलती है |प्रकाश की किरणें पारदर्शी माध्यम से गुजरते समय परावर्तित हो जाती है जो आपार करती है उनका पथ बदल जाता है |

©Chandan Roy न्यूटन

V Gurjar

जीवनी की कलम ।। #standAlone

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ये जीवन बड़ा रंगीन बताया ।
न जाने कहाँ गए वो रंग जो देखे ही नही।।
अपनी जन्दगी के कुछ रंग उड़ गए ।
तो कुछ देखे ही नही ।।

कैसा बेरंग है जीवन, फिर भी जिंदगी बड़ी रंगीन है ।।

©V Gurjar जीवनी की कलम ।।

#standAlone

M. LOHAR

न्यूटन🤣 #कॉमेडी

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न्यूटन फूफा का चौथा नियम के अनुसार

पुरुषों की तुलना में,
 महिलाओं की 
पोस्ट में ज्यादा गुरुत्वाकर्षण होता हैं
😏🤣😂 न्यूटन🤣

abhijeet singh

केदारनाथ सिंह जी की जीवनी #poem

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painforlove

न्यूटन की अनकही जुबानी 😂😂😂😂 #Comedy

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न्यूटन बताना भूल गया था, मैं बता दू...

He की तुलना में She की पोस्ट में अधिक गुरुत्वाकर्षण होता है !!! 🤣🤣🤣

©SP Biswas न्यूटन की अनकही जुबानी 😂😂😂😂

Nirankar Trivedi

#मेरे संघर्ष की कहानी मेरी जीवनी

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मेरे संघर्ष की कहानी      मेरे जीवन की भी संघर्ष कहानी भिन्न रही,
जैसे पाषाणो पर पेड़ उगाना उससे भी कुछ भिन्न रही |
मैं जल हूँ और बहना मेरा काम रहा,
कुछ दूरी चलने पर ही जीवन में एक मोड़ रहा |
इतना भटका इतना भूला चलना कितना भूल गया,
सीधे पथ पर भी मैं सीधा चलना भूल गया |
मंजिल भी मिल जाती थी पर रुकना उस पर भूल गया,
मिला हमेशा पथ पर चलकर ये भी कहना छूट गया |
जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ संघर्ष भी उतना बड़ा हुआ,
जिद थी मेरी लड़ने की संघर्षों से मैं बड़ा हुआ | #मेरे संघर्ष की कहानी मेरी जीवनी

dilip khan anpadh

#न्यूटन का लॉ #बात

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इश्क़ में भी लागू होता है न्यूटन का लॉ
आशिक़ भिखारी बनते है
आइटम का बढ़ता है भाव
बाबा मृदंगी #न्यूटन का लॉ

khushboo subraj tiwari

जीवनी

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सफर-ए-जिंदगी के भी राह  सुहाने होते हैं,
यहाँ के भी रंग अंजाने होते हैं,
खुशियों की हरियाली, दुखों की भी छठा निराली होती है,
गिरने वाले लाल और गीर कर उठने वाले रौशनी के रंगों से रौशन उनकी जीवनी होती है
 ।।



 #NojotoQuote जीवनी

Samir Ahamad

एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी #PowerOfPrayer

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Deepak Kurai

#BuddhaPurnima2021 गौतम बुद्ध की जीवनी #जीवन #विचार

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गौतम बुद्ध 

यह एक श्रमण थे जिनकी शिक्षाओं पर बौद्ध धर्म का प्रचलन हुआ।

 इनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय
 क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था। 
 उनकी माँ का नाम महामाया था जो कोलीय वंश से थीं, जिनका
 इनके जन्म के सात दिन बाद निधन हुआ, उनका पालन
 महारानी की छोटी सगी बहन महाप्रजापती गौतमी ने किया। 
29 वर्ष की आयुु में सिद्धार्थ विवाहोपरांत एक मात्र प्रथम
 नवजात शिशु राहुल और धर्मपत्नी यशोधरा को त्यागकर
 संसार को जरा, मरण, दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग एवं सत्य
 दिव्य
 ज्ञान की खोज में रात्रि में राजपाठ का मोह त्यागकर वन की
 ओर चले गए । 
 वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधि
 वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से
 भगवान बुद्ध बन गए।

कई ग्रंथों में यह मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है.

©Deepak Kurai #BuddhaPurnima2021 

गौतम बुद्ध की जीवनी
#जीवन
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