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#R.J..!#मुरखनादान@#
White यहां सभी एक दूजे को जानने से पहले अनजान होते है.. जब होते है रूबरू एक दूजे से उसके बाद ही.. रिश्तेदार.,दोस्त.,या मेहमान होते है..! ©#R.J..!#मुरखनादान@# जानने के बाद ही सब रिश्ते बनते है
Shashi Bhushan Mishra
White झूठ फ़रेब के ताने-बाने, बनते फिरते लोग सयाने, ख़ुदगर्जी है आदत उनकी, औरों की ख़ातिर पैमाने, भाग खड़े होते मौके पर, करते फिरते झूठ बयाने, औरों पर रखते निगाह जो, करे गलत जाने-अनजाने, शक की सूई बचाती आई, लोग समझते जाने-माने, करतब जग-जाहिर होने पे, रोज बदलते नये ठिकाने, कर्मों का फल पड़े भुगतना, 'गुंजन' यहाँ न चले बहाने, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ• प्र • ©Shashi Bhushan Mishra #बनते फिरते लोग सयाने#
KK क्षत्राणी
किसी को भी मार कर जेसे उसके दिल से प्यार दिमाग से ज्ञान नहीं ले सकते हैं उसी तरह किसी को बार बार अपना प्यार देने ओर बार बार कहने से वो अपनी बातों से अपना नहीं हो सकता है..विद्वान नहीं होता ©KK क्षत्राणी जोर ज़बर्दस्ती से रिश्ते नहीं बनते कोई अपना नहीं होता..
Ashutosh Mishra
White हमें यकीन था तुम पर न दोगे दगा मुझे दिलाया था विश्वास तुमने भी ना साथ छोड़ेगे हम बना बैरी ये जमाना या किस्मत धोखा दे गई बनते बनते तकदीर के ,,तस्वीर ही बदल गई अल्फ़ाज मेरे✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #emotional_sad_shayari हमें यकीन था तुझ पर ना दोगे दगा मुझे दिलाया था विश्वास तुमने भी ना छोड़ेगे साथ हम बना बैरी ये जमाना या किस्मत धोखा द
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी पथों पर अब,अवरोध नजर आते है शान्त हवा में भी तूफान नजर आते है कैसे दम्भ सच्चाई के तोड़े जा रहे है लूट के कानून को अमली जामा पहना कर खुद अरबो की दौलत पा रहे है सूखा कर समुन्दर कलाकारी से कर्ज देश पर आवाम को तरह तरह से सता रहे है आने वाली पीढ़ी के लिये गुलामी के रास्ते तय करते जा रहे है खतरो से जूझेगा अब सबका भविष्य सियासी लोग अब खतरा बनते जा रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #bachpan सियासी लोग अब खतरा बनते जारहे है #nojotohindi
Rohan Roy
बूंदों को तालाब बनते देखा है। तालाबों को दरिया बनते देखा है। दरिया को समंदर बनते देखा है। समुद्र में लहरे उठते देखा है। तुम बूंदों की औकात पूछते हो। ये बूंदे ही तो लहरों का जरिया है। मैंने इन लहरों में, जर्रे-जर्रे को मिलते देखा है। ©Rohan Roy बूंदों को तालाब बनते देखा है। तालाबों को दरिया बनते देखा है | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | #rohanro
Rameshkumar Mehra Mehra
तो कभी बेबकूफ.................................. ©Rameshkumar Mehra Mehra # लोग बनते गए,और हम बनते गए,कभी खिलौना,कभी तमाशा,तो कभी बेबकूफ...
M V BHARTI
बनते बनते बिगड़ गई है, खुशी हमसे ज़रा सी रूठ गई है । चेहरे पर मुस्कान तो दिखावे की है, मुस्कुराहट तो रिश्ते निभाने में खो गई है।। ©M V BHARTI बनते बनते बिगड़ गई है, खुशी हमसे ज़रा सी रूठ गई है । h m alam s Suman Zaniyan Palvi Chalana suman kadvasra Sheetal Buriya