Find the Latest Status about 'मेला शायरी' from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos.
Hitesh Rathod
मेला लगता था कभी अल्फाज़ो का उनके नाम, सन्नाटा सा छा गया है अब कागज़ की कश्तियों मे। #अल्फाज़ #मेला #शायरी
Dev Sharma
बचपन और मेला होने दो तमाशा हमारी भी ज़िन्दगी का हमने भी बचपन के मेलो में खूब तालियां बजाई हैं,,, #शायरी #बचपन #मेला #तमाशा #ज़िन्दगी
शायरी बचपन मेला तमाशा ज़िन्दगी
read moreGautam_Anand
गुम हो गई हैं वो उँगलियाँ बीते वक़्त के साथ जिन्हें थाम कर मेले की भीड़ में भी गुम होने का कभी डर ना होता था मेरी वो नन्ही उँगलियाँ जो पिता की उँगलियों को थामे रहती थी शहर भर पैदल ही घूमते हुए प्रतिमाओं को देखते रंग बिरंगे गुब्बारे खिलौनों के लिये मचलते हुए अब बड़ी हो गयी हैं मेरी वो नन्ही उँगलियाँ बिछड़ गई हैं पिता की उँगलियों से मेरी उँगलियाँ अब पिता हो गया हूँ मैं मेरी बड़ी उँगलियों में आ गई हैं कुछ नन्ही सी उँगलियाँ और गुम हो चुका बरसों पुराना वो उल्लास ढूंढता हूँ अपने पुत्र की आँखों में #मेला
KAILASH
जब धूप का एक टुकड़ा सूरज की उंगली थाम कर अंधेरे का मेला देखता उस भीड़ में खो गया। सोचती हूँ: सहम और सूनेपन का एक नाता है मैं इसकी कुछ नहीं लगती पर इस छोटे बच्चे ने मेरा हाथ थाम लिया। तुम कहीं नहीं मिलते हाथ को छू रहा है एक नन्हा सा गर्म श्वास न हाथ से बहलता है न हाथ को छोड़ता है। अंधेरे का कोई पार नहीं मेले के शोर में भी ख़ामोशी का आलम है और तुम्हारी याद इस तरह जैसे धूप का एक टुकड़ा। ©KAILASH मेला
मेला #शायरी
read moreHariom Rajput
मानो झूमने लगता है बचपन में में अपनी उन कीमती यादों को महसूस करता हु जो बचपन में मेला आकर जिया करता था मेले की रंगत में इक अलग ही नशा है अपनी खूबसूरती लिए ये आसमा चूमते ये झूले ©Hariom Rajput #मेला
kanchan Yadav
बचपना बुलाता है यारों संग मौजमस्ती मेले की चाट पकौड़ी याद दिलाता है ये वो पल था जो पूर्ण जीवन जीने को दिल ललचाता है मेले की तरफ देखते ही............! ©kanchan Yadav #मेला
Nilam Agarwalla
मन मेरा मचल गया,मेले की सैर करने को। झूला झूलने को और चाट पकौड़ा खाने को। 'मौत का कुंआ' के कलाकार ने कमाल किया। जादूगर के विभिन्न करिश्मों ने मुझे डरा दिया। किस्म किस्म के झूलों का खूब मजा लिया। गोलगप्पे मैंने खा खाकर पेट को फूला लिया। चाऊमीन, आइस्क्रीम और क्या क्या ना था। दुनिया भर की दुकानों का यहां रेला सा था। खाते पीते घुमते फिरते वक्त का पता न चला। मौजमस्ती करके देर रात तक घर को पहुंचा। ©Nilam Agarwalla #मेला