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स्मृति.... Monika
आयो रे आयो जन्मदिवस आयो आयो रे आयो रे जन्मदिवस आयो मेरे मोहन का, मेरे साँवरे का जग का पालनहार है वह प्रेम सरस रसधार वह बाँके बिहारी की बात अलग है गोपियन का श्रृंगार है वह भायो रे भायो मन को मेरे भायो आयो रे आयो जन्मदिवस आयो मेरे मोहन का, मेरे साँवरे का || वृन्दावन की हर गली में बस उसकी ही पुकार है जन्मदिवस कान्हा का मेरे सबके लिए त्योहार है लायो रे लायो खुशियाँ संग लायो आयो रे आयो जन्मदिवस आयो मेरे मोहन का, मेरे साँवरे का || ©स्मृति... मोनिका ✍️ ©स्मृति.... Monika #janmashtami#आयो रे आयो जन्मदिवस आयो#स्मृति.... मोनिका ✍️
Niklesh express Singh Yadav
तुमसे दूर कैसे रह पाता, दिल से कैसे भूल पाता, काश। तुम आईना में बसी होती ,खुद को देखता तो तू ही नजर आती। #NojotoQuote याद आयो रे
प्रेम कुमार रावत
वचन निभाने के खातिर मधु सुधन पूरी पर आए बहन सुभद्रा भईया बाल दाऊ संग जगन्नाथ कहलाए आस्था का संगम बना सुंदर विशाल झाकिया सजाए है पवित्र हुवा शहर का हर कोना आयो रे शुभ दिन आयो रे ©prem kumar ravat #Dark जय जगन्नाथ आयो रे शुभ दिन आयो रे
Deepali Singh
फगुआ आयो हर घर-दर दस्तक पीट के करे ज़ोर फाल्गुन पूर्णिमा की गीत रे थिरक-थिरक अल्पाये फाग-धमार रे लो आयो बसंत की होली हौले हौले दिख रहे खेतों में सरसों इठलाते से मोहे गेहूँ के बालियाँ मंद मुस्काते हुए खिले कुछ चेहरे नुर छलकाते हुए शरम में सिमटे लाल-पीले गीले से अंग-अंग बहके पानी के आग पे मचले तन- मन मस्ती के राग में कभी गुझिया पर ठंढई बहकाती हुई तो आम मंजरी चंदन में लिपटाती हुई हाँथ में पुए पकड़े,मुख में दबे दहीबड़े स्वाद घोले वो गोल-गोल पूड़ी-छोले जब ढोलक,झाँझ,मंजिरे बोले चींख के बस पास एक-दूजे को सब खींच लें ये रंग,गुलाल,धुरखेल जोड़े प्रीत रे नृत्य-संगीत में झूमे उपर-नीचे भीग के मग्न हम बोले जोगी जी धीरे-धीरे! सा रा रा रा रा...जोगी जी धीरे-धीरे! ©Deepali Singh फाल्गुन आयो... #Holi
Preet💕
हरियाली हर सू छायो रे रंगीलो सावण आयो रे रंगीलो सावण आयो... बरखा की बुंदा लायो रे मनभावन सावण आयो रे मनभावन सावण आयो तीज त्योहार लायों रे रंग गई मैं बवारिया रे अरे मेहंदी सज गई हाथन में सवारिया आयो आयो रे रंगीलो सावण आयो रे हरिया लो सावण आयो हसी की बौछार फैलायो रे सब झूला झूलन आवो रे मन हरस हरस हर्शावो रे सुरंगों सावण आयो रे रंगीलो सावण आयो रे रंगीलो सावण आयो हरियाली हर सू छायो रे रंगीलो सावण आयो रे रंगीलो सावण आयो... बरखा की बुंदा लायो रे मनभावन सावण आयो रे मनभावन सावण आयो तीज त्योहार लायों रे
Amar Nath Yadav
सखी री मोरें पिय नहीं फागुन आयो मन मयूर मन आश लगाके सपने बहुत सजायो सखी री मोरें पिय नहीं फागुन आयो कलियाँ खिल के सुमन बनीं हैं मन्द मन्द मुस्काये ॠतु पति आवत देख के भौरा बन बन शोर मचाये आम महुइया गये मुजराइ बिरह कोयलिया गायो सखी री मोरें पिय नहीं फागुन आयो जबसे गए पिया छोड़ के हमके भेजें नहीं पातीं पीय हित सोच सोच के निस दिन तड़प रहीं है छाती कहकर गए जल्दी घर अइहो काहे हमें बिसरायाओ सखी री मोरें पिय नहीं फागुन आयो #NojotoQuote पिय नहीं फागुन आयो