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Deepa Didi Prajapati
परमपिता परमात्मा के, जो देवी - देवता रूपी कार्यकर्ता हैं क्या उनमें भी कुछ ईमानदार और कुछ रिश्वतखोर होते होंगे? सज्जनों - दुर्जनों की स्तिथि देखकर तो यही लगता है। कंस सम लोगों के कारण कुछ मासूम कृष्ण और कन्याएं बाल्यकाल से ही प्रारब्ध के नाम पर दुःखों से घिर जाते हैं। ©Deepa Didi Prajapati #ईश्वर #देवी- देवता #प्रारब्ध
Anuj Ray
White ऐ मेरी मोहब्बत के देवता" बिछड़ के तुमसे मेरे दिल को इस घड़ी अफ़सोस है इतना कि, बयां कर नहीं सकता। रो रो के खून के आंसू गुजर रहे हैं दिन, ऐसे हैं हालात कि, चैन से मर भी नहीं सकता। मैं तेरा गुनहगार हूं ज़िन्दगी भर के लिए, हो सके तो माफ कर देना ,ऐ मेरी मोहब्बत के देवता। ©Anuj Ray # ऐ मेरी मोहब्बत के देवता"
amar gupta
सच्चे मन से हमने , एक पत्थर पूजा .... उसने खुद को , देवता तो समझना ही था । ©amar gupta #खुद को देवता तो समझना ही था...
bhim ka लाडला official
DK SHING
White दहशत के देवता दिखते हैं बस, मुझे भगवान देखे ज़माना हो गया, मज़हब के पुतले सब ओर खड़े हैं, कोई इंसान देखे ज़माना हो गया।। ©DK SHING #lonely_quotes दहशत के देवता दिखते हैं बस, मुझे भगवान देखे ज़माना हो गया
bhim ka लाडला official
bhim ka लाडला official
Shaarang Deepak
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} 🎆 पूजा का किसी भी धार्मिक व्यक्ति के जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है। कोई भी व्यक्ति अपने किसी ईष्ट को, अपने किसी देवता को, किसी गुरु को मानता है, तो वह उनकी कृपा भी चाहता है। वह चाहता है कि उसके ईष्ट, देवता हमेशा उसके साथ रहें, गुरु का उसे मार्गदर्शन मिलता रहे। इसी कृपा प्राप्ति के लिए जो भी साधन या कर्मकांड अथवा क्रियांए की जाती हैं, उन्हें पूजा विधि कहते हैं। धर्मक्षेत्र के अलावा कर्मक्षेत्र में भी पूजा का बहुत महत्व है इसलिये काम को भी लोग पूजा मानते हैं। 🎆 जिस प्रकार हर काम के करने की एक विधि होती है, एक तरीका होता है, उसी प्रकार पूजा की भी विधियां होती हैं, क्योंकि पूजा का क्षेत्र भी धर्म के क्षेत्र जितना ही व्यापक है। हर धर्म, हर क्षेत्र की संस्कृति के अनुसार ही वहां की पूजा विधियां भी होती हैं। मसलन मुस्लिम नमाज अदा करते हैं, तो हिंदू भजन कीर्तन, मंत्रोच्चारण हवन आदि, सिख गुरु ग्रंथ साहब के सामने माथा टेकते हैं, तो ईसाई प्रार्थनाएं करते हैं। इस तरह हर देवी-देवता, तीज-त्यौहार आदि को मनाने के लिए, अपने ईष्ट - देवता को मनाने की, खुश करने की अलग-अलग पद्धतियां हैं, इन्हें ही पूजा-पद्धतियां कहा जाता है। 🎆 जिस प्रकार गलत तरीके से किया गया कोई भी कार्य फलदायी नहीं होता, उसी प्रकार गलत विधि से की गई पूजा भी निष्फल होती है। जिस प्रकार वैज्ञानिक प्रयोगों में रसायनों का उचित मात्रा अथवा उचित मेल न किया जाये, तो वह दुर्घटना का कारण भी बन जाते हैं, उसी प्रकार गलत मंत्रोच्चारण अथवा गलत पूजा-पद्धति के प्रयोग से विपरीत प्रभाव भी पड़ते हैं, विशेषकर तंत्र विद्या में तो गलती की माफी नहीं ही मिलती। ये कर्म काण्ड है, और भगवान श्री कृष्ण की मन से की गई भक्ति सर्वोत्तम और सर्वोपरि तथा सर्वसश्रेष्ठ हैं।। ©N S Yadav GoldMine #bachpan {Bolo Ji Radhey Radhey} 🎆 पूजा का किसी भी धार्मिक व्यक्ति के जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है। कोई भी व्यक्ति अपने किसी ईष्ट को, अप