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N S Yadav GoldMine
मेघनाथ ने लक्ष्मण पर चलाया ब्रह्मास्त्र, पशुपाति व नारायण अस्त्र आइए जानते हैं !! 🌍Bolo Ji Radhey Radhey}🌍 पशुपाति व नारायण अस्त्र :- 🌄 मेघनाथ एक ऐसा योद्धा था जिसने श्रीराम की वानर सेना में हाहाकार मचा दिया था। उसने अपनी पिता की आज्ञा स्वरुप शत्रुओं की सेना में भीषण तबाही मचाई थी। पहले दिन उसने श्रीराम व लक्ष्मण को नागपाश में बांध दिया था तो दूसरे दिन लक्ष्मण को शक्तिबाण की सहायता से मुर्छित कर दिया था लेकिन दोनों ही बार हनुमान की चतुराई से दोनों सुरक्षित बच निकले। तीसरे दिन वह निकुंबला देवी का यज्ञ कर रहा था जिसके समाप्त होने के पश्चात वह अजय हो जाता व किसी भी शत्रु का उसे युद्ध में हराना असंभव हो जाता किंतु लक्ष्मण ने यज्ञ के समाप्त होने से पहले पहुंचकर उस यज्ञ को ध्वस्त कर डाला। इससे क्रुद्ध होकर मेघनाथ युद्धभूमि में आया व लक्ष्मण से युद्ध करने लगा। मेघनाथ के पास थे तीन शक्तिशाली अस्त्र :- 🌄 मेघनाथ ने एक बार राक्षसों के गुरु शुक्राचार्य की सहायता से सात यज्ञो का महा आयोजन किया था जिसमे उसे त्रिदेव से कई प्रकार की शक्तियां व वर प्राप्त हुए थे। उन्हीं शक्तियों में उसे भगवान ब्रह्मा के सर्वोच्च अस्त्र ब्रह्मास्त्र, भगवान विष्णु के सर्वोच्च अस्त्र नारायण अस्त्र व भगवन शिव के सर्वोच्च अस्त्र पशुपाति अस्त्र प्राप्त हुए थे। यह तीन अस्त्र अत्यंत विनाशकारी थे जिनका प्रयोग करने पर प्रलय तक आ सकती थी। लक्ष्मण थे शेषनाग का स्वरुप :- 🌄 चूँकि भगवान विष्णु ने रावण रुपी पापी का अंत करने व धर्म की पुनः स्थापना के उद्देश्य से इस धरती पर श्रीराम रूप में जन्म लिया था तो शेषनाग ने उनके छोटे भाई लक्ष्मण के रूप में। जब शेषनाग रुपी लक्ष्मण व रावण पुत्र मेघनाथ के बीच तीसरे दिन युद्ध शुरू हुआ तक मेघनाथ ने अपने सबसे बड़े अस्त्रों का प्रयोग किया था। मेघनाथ का लक्ष्मण पर आक्रमण :- मेघनाथ का लक्ष्मण पर ब्रह्मास्त्र चलाना :- 🌄 सबसे पहले मेघनाथ ने लक्ष्मण पर भगवान ब्रह्मा के सबसे बड़े अस्त्र ब्रह्मास्त्र को छोड़ा। जब लक्ष्मण ने ब्रह्मास्त्र को देखा तो वे उसके सामने हाथ जोड़कर खड़े हो गए। लक्ष्मण को देखकर ब्रह्मास्त्र उन्हें बिना कोई हानि पहुंचाए वापस चला गया। चूँकि जब भगवान ब्रह्मा ने ब्रह्मास्त्र का निर्माण किया था तब उन्होंने इसे धर्म की रक्षा के उद्देश्य से बनाया था जिसका प्रयोग किसी भी युद्ध में अंतिम विकल्प के रूप में प्रयोग किया जाना था। साथ ही उन्होंने इसके निर्माण में यह ध्यान रखा था कि इससे भगवान शिव, आदिशक्ति, भगवान विष्णु व शेषनाग को कोई हानि नही पहुँच सकती। इसलिये जब मेघनाथ ने लक्ष्मण पर ब्रह्मास्त्र चलाया तो स्वयं शेषनाग के अवतार होने के कारण उन पर इसका कोई प्रभाव नही पड़ा। मेघनाथ का लक्ष्मण पर पशुपाति अस्त्र चलाना:- 🌄 ब्रह्मास्त्र के लौटकर आने के पश्चात मेघनाथ ने लक्ष्मण पर भगवान शिव के सबसे बड़े अस्त्र पशुपाति अस्त्र से प्रहार किया जो कि शिव का त्रिशूल था किंतु इसका भी कोई प्रभाव लक्ष्मण पर नही पड़ा। इसके साथ भी यही नियम था कि वह भगवान विष्णु व शेषनाग पर कोई प्रभाव नही डाल सकता था। इसलिये यह भी बिना अपना प्रभाव दिखाएँ वापस आ गया। मेघनाथ का लक्ष्मण पर नारायण अस्त्र चलाना:-🌄 इसके बाद मेघनाथ ने अपने अंतिम सबसे बड़े अस्त्र नारायण अस्त्र से लक्ष्मण पर प्रहार किया जो भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र था। चूँकि वे स्वयं भगवान व्ष्णु के शेषनाग थे इसलिये इससे उन पर क्या ही प्रभाव पड़ता क्योंकि शेषनाग तो उनके लिए पूजनीय थे। इसलिये नारायण अस्त्र लक्ष्मण के चारों ओर परिक्रमा कर व उन्हें प्रणाम कर वापस आ गया।तीनो अस्त्रों के विफल होने के कारण मेघनाथ को यह आभास हो गया था कि लक्ष्मण व श्रीराम कोई साधारण मनुष्य नही अपितु स्वयं भगवान के अवतार है। उसने यह बात जाकर अपने पिता रावण को समझायी लेकिन उसके न समझने पर वह वापस युद्धभूमि में आया तथा वीरगति को प्राप्त हुआ। ©N S Yadav GoldMine #Hanuman मेघनाथ ने लक्ष्मण पर चलाया ब्रह्मास्त्र, पशुपाति व नारायण अस्त्र आइए जानते हैं !! 🌍Bolo Ji Radhey Radhey}🌍 पशुपाति व नारायण अस्त्र
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{Bolo Ji Radhey Radhey} जब मेघनाथ ने विभीषण पर चलाया यम अस्त्र आज, मैं उसी के बारे में आपको बता रहा हूँ !! 🌞🌞 आपका एन एस यादव :- यम अस्त्र:-🌅 मेघनाथ अपने पिता रावण की आज्ञा का हमेशा पालन करता था व उनके गलत होने के पश्चात भी उसने हमेशा उनका साथ दिया था। जितना वह अपने पिता का सम्मान करता था, उतना ही वह अपने चाचा विभीषण से द्वेष रखता था, क्योंकि उसके चाचा विभीषण ने उसके पिता, कुल, समाज व देश के साथ विश्वासघात किया था। 🌅 जब मेघनाथ ने लक्ष्मण को शक्तिबाण के प्रहार से मुर्छित कर दिया था, तब वह बहुत प्रसन्न था, लेकिन विभीषण ने लंका के वैद्य सुषेण की सहायता से लक्ष्मण को स्वस्थ कर दिया था। इसके अलावा भी मेघनाथ को विभीषण के द्वारा श्रीराम की सेना की कई प्रकार से सहायता करने के कारण क्रोध था, जिसका बदला वह लेना चाहता था। आज हम उसी के बारे में आपको बताएँगे। जय श्री राम जी:-मेघनाथ का विभीषण पर आक्रमण:- 🌅 मेघनाथ युद्ध में जाने से पहले लंका के गुप्त स्थान पर बने अपनी कुलदेवी माता निकुंबला देवी का यज्ञ कर रहा था, जिसके पश्चात उसे हरा पाना असंभव था, लेकिन विभीषण को इसका पता चल गया था। यदि यह यज्ञ सफल हो जाता तो युद्ध का परिणाम कुछ और होता। किंतु विभीषण ने लक्ष्मण के साथ मिलकर उस यज्ञ को असफल करवा दिया था, जिसके कारण मेघनाथ विभीषण के प्राण लेने को आतुर हो उठा। मेघनाथ विभीषण संवाद:-🌅 यज्ञ के असफल होने के पश्चात जब वह युद्ध भूमि में आया तो विभीषण को देखकर अत्यंत क्रोधित हो उठा। उसने विभीषण को कई कटु वचन कहे व अपने कुल से विश्वासघात करने के लिए उसे धिक्कारा। विभीषण ने भी उसे अधर्म का साथ देने के लिए आलोचना की। इससे क्रोधित होकर मेघनाथ ने अपना शक्तिशाली यम अस्त्र निकाला व विभीषण पर चला दिया। लक्ष्मण को कुबेर ने बतायी थी इसकी काट:-🌅 रावण के बड़े व सौतेले भाई कुबेर ने लक्ष्मण को पहले ही इस बारे में सचेत कर दिया था, कि रावण के पुत्र मेघनाथ ने यम अस्त्र को बचाया हुआ है, जिसे वह युद्ध भूमि में विभीषण को मारने के लिए छोड़ेगा। इसलिये कुबेर ने उस अस्त्र की काट पहले से ही लक्ष्मण को बता के रखी थी। लक्ष्मण ने काटा यम अस्त्र:-🌅 चूँकि श्रीराम ने विभीषण की सुरक्षा का भार लक्ष्मण को ही सौंपा हुआ था व कुबेर पहले से ही उन्हें इस अस्त्र की काट बता कर चला गया था। इसलिये जैसे ही मेघनाथ ने विभीषण पर यम अस्त्र को छोड़ा उसी समय लक्ष्मण ने भी मंत्र पढ़कर उस अस्त्र को काट डाला। इस प्रकार विभीषण के प्राणों की रक्षा हो सकी। ©N S Yadav GoldMine #watchtower {Bolo Ji Radhey Radhey} जब मेघनाथ ने विभीषण पर चलाया यम अस्त्र आज, मैं उसी के बारे में आपको बता रहा हूँ !! 🌞🌞 आपका एन एस यादव :-
kvitt_kalash
हे प्रेयसी अब करो विदा, ये अंतिम मिलन हमारा है, न अपने मन को तुम व्यथित करो , यही अब भाग्य हमारा है । हे प्रेयसी अब करो विदा , ये अंतिम मिलन हमारा है । तुम्हारा मैं अपराधी हूं लेकिन , पुज्य पिता के वचनों का पालन दायित्व हमारा है हे प्रेयसी अब करो विदा ये अंतिम मिलन हमारा है । ©कवित्त कलश #मेघनाथ
Prem Shanker pandey
धर्म युद्ध, धर्म युद्ध, धर्म युद्ध.....
मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak)
इस दुनिया मे जब से इंसान का वज़ूद है तब से ही भाषा, धर्म और सभ्यता के नाम से युद्ध जारी है और ये आगे भी जारी रहेगी। ©मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak) #युद्ध
CK JOHNY
कोरोना ने क्या खाक तबाही मचाई जो युद्ध में इनसान मचायेगा। कोरोना ने तो महज लाखों मारे इनसान करोड़ों को मार गिरायेगा। जो जितना महाविनाश करेगा वो उतना ही महान कहलायेगा। भले ही भविष्य में खुद ही खत्म हो जायेगा। कोरोना ने क्या खाक तबाही मचाई जो युद्ध में इनसान मचायेगा। युद्ध
alka mishra
युद्ध जमीन बारूदी हुई आसमां लाल हुआ सरहदें दहशती हुई इंसान हलाल हुआ शोहबत आतंकी हुई ईमान जवाल हुआ ख्वाहिशें जमींदोज हुई सियासतों का सवाल हुआ जिन्दगी गमगीन हुई निगाहों पर बवाल हुआ रूहें चीखती पुकारतीं रही हुक्मरां को न मलाल हुआ शतरंजी चालें चली गईं हथियारों का व्यापार हुआ जहान में जब-जब जंग छिड़ी हर शय इससे बदहाल हुआ। ©अलका मिश्रा ©alka mishra #युद्ध
Nisha Bhargava |di√y∆|
इक पल का गुस्सा है, दो पल का जुनून है एक दूजे की मात में, बस अपनों को खोना हैं ©Nisha Bhargava युद्ध