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पेलू रंजीत कुमार
White मैं बहुत गरीब हूं मुझे पैसा चाहिए प्लीज ©Ranjeet Kumar #Sad_Status मैं बहुत गरीब हूं मुझे पैसा चाहिए प्लीज
#Sad_Status मैं बहुत गरीब हूं मुझे पैसा चाहिए प्लीज
read moreपेलू रंजीत कुमार
White मैं बहुत गरीब हूं मुझे पैसा चाहिए प्लीज ©Ranjeet Kumar #Sad_Status मैं बहुत गरीब हूं मुझे पैसा चाहिए प्लीज
#Sad_Status मैं बहुत गरीब हूं मुझे पैसा चाहिए प्लीज
read moreSheera Singh
परेशान होकर भी परेशान नहीं दिखता रो कर मुंह धोने की आदत है तभी तो में रोया हुआ इन्सान नहीं दिखता जब तक थी ( मां ) तब तक था खुदा मेरा अब मुझे किसी ज़र्रे में भगवान् नहीं दिखता ©Sheera Singh #leaf परेशान
#leaf परेशान
read moreHimanshu Prajapati
ज्यादा बोलता हूं तो क्या हुआ, आगर सोच कर ही बोलना होता तो फिर क्या ही बोलता...! ©Himanshu Prajapati #BhaagChalo ज्यादा बोलता हूं तो क्या हुआ, आगर सोच कर ही बोलना होता तो फिर क्या ही बोलता...! #36gyan #hpstrange
#BhaagChalo ज्यादा बोलता हूं तो क्या हुआ, आगर सोच कर ही बोलना होता तो फिर क्या ही बोलता...! #36gyan #hpstrange
read moreM.K Meet
दिल को पत्थर बनाने की कशमकश में हूं! के वह बार-बार तोड़े,और मुझे दर्द भी न हो . ©M.K Meet दर्द से राहत का उपाय ढुंढता हूं पागल हूं मैं ये क्या ढुंढता हूं 😂😂😂😂😂😂😂😂
दर्द से राहत का उपाय ढुंढता हूं पागल हूं मैं ये क्या ढुंढता हूं 😂😂😂😂😂😂😂😂
read moreनवनीत ठाकुर
तुम्हे ही मुझसे हमदर्दी नहीं, तो किसे इत्येलाह करूं। तुम्हारे सुकून की ख्वाहिश में, खुद से भी गिला करूं। तुम्हीं न समझो मेरा दर्द, तो और किससे वफा करूं। जो अश्क छुपा रखे हैं पलकों में, उन्हें कैसे रिहा करूं। जिन लफ्ज़ों में था तेरा जिक्र, अब उनका क्या सिलसिला करूं। तुम्हारी खामोशी है गवाही मेरी, तो शिकायत किससे भला करूं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तुम्हे ही मुझसे हमदर्दी नहीं, तो किसे इत्येलाह करूं। तुम्हारे सुकून की ख्वाहिश में, खुद से भी गिला करूं। तुम्हीं न समझो मेरा द
#नवनीतठाकुर तुम्हे ही मुझसे हमदर्दी नहीं, तो किसे इत्येलाह करूं। तुम्हारे सुकून की ख्वाहिश में, खुद से भी गिला करूं। तुम्हीं न समझो मेरा द
read moreडॉ.अजय कुमार मिश्र
White बहुत लोग हैं मेरे साथ, फिर भी आज मैं तन्हा हूं, जाने क्यों खुली आसमां से ,व्यथा आज कहता हूं। हमें आदत थी हमेशा आग और बर्फ पर चलने की, आज सर्द हवाओं के सर्दी से भी जाने क्यों बचता हूं। धधकती आग तो दूर, आज आग के धुएं से भी डरता हूं।। कोई चोटिल न हो जाए मेरे खट्टे मीठे शब्दों से , आज जुबान से निकलने वाली हर शब्द से डरता हूं। कौन सक्स कब हमें कह दे गुनहगार। आज हर सक्स के नजरों से डरता हूं। ©डॉ.अजय कुमार मिश्र डरता हूं
डरता हूं
read moreparshu shayari
अगर कोई पूछे कि क्या मोहब्बत करता हूं तो बता देना बहुत फिक्र करता हूं कोई पूछे कि क्या चाहता हूं, तो बता देना सिर्फ़ तुम्हारी खुशी Read More
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