Find the Latest Status about आती-जाती बनी रही हो राई from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, आती-जाती बनी रही हो राई.
Anjali Singhal
New Year 2025 "नई खुशी है नई मुस्कुराहट, मुबारक हो नव वर्ष की नई सरसराहट। पलकें आनंद-उत्साह से भरी जा रही हैं, धड़कनें प्रेम ही प्रेम उमड़ा रही हैं। उम्मीद की तरंगे लहरा रही हैं, ख़्वाब कोई नया दिखा रही हैं। दुआएँ सभी की तरफ से आ रही हैं, बुरी बलाएँ सबकी ढली जा रही हैं।।" ©Anjali Singhal #Newyear2025 "नई खुशी है नई मुस्कुराहट, मुबारक हो नव वर्ष की नई सरसराहट। पलकें आनंद-उत्साह से भरी जा रही हैं, धड़कनें प्रेम ही प्रेम उमड़ा
#Newyear2025 "नई खुशी है नई मुस्कुराहट, मुबारक हो नव वर्ष की नई सरसराहट। पलकें आनंद-उत्साह से भरी जा रही हैं, धड़कनें प्रेम ही प्रेम उमड़ा
read morevikash Saini
Unsplash कभी याद 📝नहीं आती ©vikash Saini #leafbook कभी याड नहि आती
#leafbook कभी याड नहि आती
read moreF M POETRY
Unsplash दिल तड़पता है जांन जाती है.. आपकी याद ऐसे आती है.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #आपकी याद ऐसे आती है...
#आपकी याद ऐसे आती है...
read moreNANDLAL KUMAR
Unsplash क्यू जा रही हो मुझे छोड़ कर... ©Nandlal Kumar क्यू जा रही हो मुझे छोड़ कर...#feeling #breakupquotes #SAD #moodoff sad shayari
क्यू जा रही हो मुझे छोड़ कर...feeling breakupquotes SAD moodoff sad shayari
read moreSatish Kumar Meena
अकेले बैठ कहीं, ऐसा सोच रही हूं। दुनियां की बदली तस्वीर, नोंच रही हूं।। मुझे लगा हालात, वक्त आने पर सुधर जाएंगे। अपने किरदार को, एक उदाहरण से निभाएंगे। मैं फिर से पुरानी तस्वीर, खरोंच रही हूं। दुनियां की बदली तस्वीर, नोंच रही हूं।। ©Satish Kumar Meena सोच रही हूं
सोच रही हूं
read moreVandana Rana
उलझनों में जो खर्च हो रही है ज़िंदगी, मुस्कुराना तो मैं भी वहन कर लेती हूँ। ©Vandana Rana उलझनों में जो खर्च हो रही है ज़िंदगी, मुस्कुराना तो मैं भी वहन कर लेती हूँ।
उलझनों में जो खर्च हो रही है ज़िंदगी, मुस्कुराना तो मैं भी वहन कर लेती हूँ।
read moreबेजुबान शायर shivkumar
चेहरे की हसी दिखावट सी हो रही है असल ज़िन्दगी भी बनावत सी हो रही है अनबन बढ़ती जा रही रिश्तों में भी अब अपनों से भी बग़ावत सी हो रही है पहले ऐसा था नहीं जैसा हूँ आजकल मेरी कहानी कोई कहावत सी हो रही है दूरी बढ़ती जा रही मंज़िल से मेरी चलते चलते भी थकावट सी हो रही है शब्द कम पड़ रहे मेरी बातों में भी ख़ामोशी की जैसे मिलावट सी हो रही है और मशवरे की आदत न रही लोगो को अब गुज़ारिश भी शिकायत सी हो रही है. ©बेजुबान शायर shivkumar #चेहरे की #हसी दिखावट सी हो रही है असल #ज़िन्दगी भी बनावत सी हो रही है ll अनबन बढ़ती जा रही #रिश्तों में भी अब अपनों से भी #बग़ावत स