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नवनीत ठाकुर
Unsplash इश्क़ के बाज़ार में हर कोई खरीदार नहीं होता, कुछ तो टूटे दिल लिए मुफ्त ही बिखर जाते हैं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर इश्क़ के बाज़ार में हर कोई खरीदार नहीं होता, कुछ तो टूटे दिल लिए मुफ्त ही बिखर जाते हैं।
#नवनीतठाकुर इश्क़ के बाज़ार में हर कोई खरीदार नहीं होता, कुछ तो टूटे दिल लिए मुफ्त ही बिखर जाते हैं।
read moreअनिल कसेर "उजाला"
White सभी को कहते ये बेकार हैं, बताते खुद को वफादार हैं। पिता को अनपढ़ गंवार बोले, स्वयं को कहते समझदार हैं। बातें सच की यहाँ जो करता, उसी पे ये करते अत्याचार हैं। आज के नेता कहते सारे के सारे, हम ही इस देश के पालनहार हैं। जब उजाला कहता सच्ची बातें, करतें फिर इससे क्यों इंकार हैं। ©अनिल कसेर "उजाला" आज के लोग
आज के लोग
read moreAbhay Shaw (8100233007)
#poetryunplugged #LIFENEVERDIES किसी के दिल में प्यार हमेशा के लिए रहता है ...!! Love ❤️
read moreseema patidar
White फिर एक दिन ........ आजाद कर दिया मैने वो पंछी...... जिसमे कभी ....... जान बसती थी मेरी ....... ©seema patidar खोया है तुझे,तुझे ही पाने के लिए
खोया है तुझे,तुझे ही पाने के लिए
read moreDr.Priyanka Chandra
बे दिल ही सही उनकी चाहत हम कबूल कर बैठे इस कदर ही सही मोहब्बत से खुद को अब दूर कर बैठे ©Dr.Priyanka Chandra #Parchhai love बे दिल ही सही उनकी चाहत हम कबूल कर बैठे इस कदर ही सही मोहब्बत से खुद को अब दूर कर बैठे ..।।
#Parchhai love बे दिल ही सही उनकी चाहत हम कबूल कर बैठे इस कदर ही सही मोहब्बत से खुद को अब दूर कर बैठे ..।।
read moreHimanshu Prajapati
थोड़ा सा ही धक्का जरूरी है, गाली देने के लिए..!😎 ©Himanshu Prajapati #Funny थोड़ा सा ही धक्का जरूरी है, गाली देने के लिए..!😎
#Funny थोड़ा सा ही धक्का जरूरी है, गाली देने के लिए..!😎
read moreRahul Varsatiy Parmar
सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar #foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
read morekrishanpriya
White आपका दूसरे शहर से आकर मिलना जैसे कई दिनों बाद दिल को राहत मिलना जैसे दो नदियों का संगम होना और सौंदर्य को और निखार देना आपका फिर से वापस जाना हम दोनों की आंखों से आसू का झलक जाना गले लग कर रोना जैसे दो झरनों का बहना और विपरीत दिशा में चले जाना ©krishanpriya #Couple भले ही हमारे बीच में शहरों का फैसला क्यों ना हो मगर दिल आज भी करीब है जो सिर्फ एक दूसरे के लिए ही धड़कता है।
#Couple भले ही हमारे बीच में शहरों का फैसला क्यों ना हो मगर दिल आज भी करीब है जो सिर्फ एक दूसरे के लिए ही धड़कता है।
read moreneelu
White सहयोग करने के लिए तो 10 पैसे क1फी है 10 paisa is enough to cooperate सिस्टम फ1ड़ने के लिए 1 rupees होना ही चाहिए.... ©neelu #good_night #सिस्टम_मे_सुधार_नही_हो_सकता #फड़फड़ाए ने के लिए आ 1 #होना ही #चाहिए
#good_night #सिस्टम_मे_सुधार_नही_हो_सकता #फड़फड़ाए ने के लिए आ 1 #होना ही #चाहिए
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