Nojoto: Largest Storytelling Platform

New रकीबों से हबीबों से तमाम आलम Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about रकीबों से हबीबों से तमाम आलम from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, रकीबों से हबीबों से तमाम आलम.

Stories related to रकीबों से हबीबों से तमाम आलम

unique writer

गुणों से पहचान

read more

Lalit Saxena

#Book दिल से

read more
Unsplash मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं
तारीफ़ तो मेरे बेवफ़ा हालातों की है
जो मुझे लिखने के लिए हर पल, हर लम्हा
बेताब करते है।।।।।
गर ये लम्हे ये हालात ये अफसाने ना होते
..............तो क्या मैं लिखता?
कोई कवि, शायर, गजलकार, या फनकार
कलम कही पड़ी होती किसी कोने में
और कागज़ हवा में उड़ रहे होते
कैसा लगता....ख्वाबों में गोते लगाना
डूब कर अंधेरों में कही दफ़न हो गए होते।
मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं!!!

©Lalit Saxena #Book दिल से

Dalip Kumar 'Deep'

🌹✍🏿तमाम उम्र तेरी खुशी में जियें😊💕💕

read more

unique writer

खुद से दोस्ती

read more

पूर्वार्थ

#जख्म से जीता

read more
White बैठी हैं क्यों दर्द लिए;
आतीत-सा मन को शान्त किये ।
जो बीते पल माहुर से थे;
आज क्यों उनके जाम पिए।
भविष्य सुनहरा राह देखता;
तेरे हर पल आने की,
हौसले से तोड़ बेड़ियाँ
जख्म भरे अल्फाजों की
देख आसमाँ भर ऊँची उड़ाने;
आगे बढ़ तू इसी बहाने ,
दर्द मिटा तू ख्व़ाब गढ़ ;
भूल न उसे ;
जो कहता तू आगे बढ़।
जीवन समर में कुछ ऐसे उतर ;
शत्रु हो जाए छितर - बितर।।
मौत भी घबराए तुझ तक आने के लिए ,
तू बन जा एक मिसाल इस जमाने के लिए।।

©पूर्वार्थ #जख्म से जीता

Shashi Bhushan Mishra

#तमाम उम्र#

read more
बनकर तमाशबीन हम  घूमे  तमाम उम्र,
क्या ढूंढना था और क्या ढूंढे तमाम उम्र,

गुमनामियों में कट रही है ज़िंदगी की शाम,
दुनिया  के  पीछे  भागते  बीती तमाम उम्र,

अपने सभी  चले गए  उड़ने की  आस में,
लुटती  कटे पतंग की  इज्ज़त तमाम उम्र,

मक़बूल मसाइल को  कल पे  टालते रहे,
ख़्वाबों की  रोशनी में  नहाये  तमाम उम्र,

ठहरो ज़रा कुछ देर अपने मन में विचारो,
खाते रहोगे कब-तलक धक्के तमाम उम्र,

रहबर जिसे मिला मिली तक़दीर की चाभी,
मुर्शिद  बिना  मझधार  में  डूबे तमाम उम्र,

आई न अक्ल समय के रहते हुए 'गुंजन',
यारों  कपास  ओटते  रहते  तमाम  उम्र,
    ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
             प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #तमाम उम्र#

हिमांशु Kulshreshtha

अल्फाजों से..

read more
मेरी कविता के दर्पण में,
जो कुछ है,
महज़ तेरी परछाई है
एक कोने में नाम मेरा,
लफ्ज़ लफ्ज़ में तू छाई है
तू पढ़ती है मेरी कविता,
मैं तेरा मुखड़ा पढ़ता हूँ…
देख झील सी आँखे तेरी
मैं अल्फाजों से
तुझ को गढ़ता हूँ

©हिमांशु Kulshreshtha अल्फाजों से..

HARVEER चौधरी

पति से डर नही लगता इंजेक्शन से लगता है

read more

RjSunitkumar

दिल से

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile