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हिTeश KuमाR
हिteश कुmaर #Freedom मैं ख़त पर नाम, लिखना क्या भूल || वो ना-मुराद, डाकिए से मोहब्बत कर बैठी || हिteश कुmaर
बेबाक मुसाफ़िर
डाकिए के भेष में आया था वक़्त.... और इक ख़ाली यादों का लिफ़ाफ़ा दे गया.... डाकिए के भेष में आया था वक़्त.... और इक ख़ाली यादों का लिफ़ाफ़ा दे गया....#nojoto #hindiquotes
@yaadenyaadaatihain
बचपन की यादें डाकिए के भेष में आया था वक़्त, और इक ख़ाली यादों का लिफ़ाफ़ा दे गया...!! #NojotoQuote डाकिए के भेष में आया था वक़्त.... और इक ख़ाली यादों का लिफ़ाफ़ा दे गया...!! #waqt #yaaden #Nojotohindi #nojotoshayries
prem e mitra
डाकिए के भेष में आया था वक़्त.... और इक ख़ाली यादों का लिफ़ाफ़ा दे गया...!! BRMcreàtive डाकिए के भेष में आया था वक़्त.... और इक ख़ाली यादों का लिफ़ाफ़ा दे गया...!! #Waqt #CalmingNature MR NAVROJ TEJANI pari gulnaz Shivam Ve
Anita Saini
लिखे ख़त बैरंग लौट आते हैं पता! तुमने बदल लिया, या डाकिए का रोजगार छिना है? आज तक "ख़त" जवाबी आया नहीं..! तुम्हारे नाम पर, लिखे ख़त! बैरंग लौट आते हैं पता! तुमने बदल लिया, या डाकिए का रोजगार छिना है? आज तक "ख़त" जवाबी आया नहीं..!
Kulbhushan Arora
E mail, What's app के ज़माने में, तुम्हारे हाथो से लिखा ख़त का आना, अचानक दशकों की यादों का जाग जाना, शब्दों में लिखा आया करता प्यार, हर दोपहर करते डाकिए का इंतज़ार, ख़त न आने पर यूं मायूस हो जाना, मानो लूट गया हो अपना कोई खज़ाना, उदासी फिर इंतज़ार में बदल जाती, कल आने की उम्मीद से फिर मुस्कुराती, मगर आज की चकाचौंध ने छीन लिया है वो, रोमांच जो इंतज़ार में हुआ करता था, तकनीकों ने पास तो ला दिया हमे दिलों की दूरियों को तो बड़ा दिया है ना E mail, What's app के ज़माने में, तुम्हारे हाथो से लिखा ख़त का आना, अचानक दशकों की यादों का जाग जाना, शब्दों में लिखा आया करता प्यार, हर द
Kusum Sharma
फ़ौजी और ख़त वतन के लिए मर मिटने वाला एक जाँबाज़ प्रहरी जिसको कहते सब फौजी पर उसके भी इक दिल होता है जो धड़कता है किसी के लिये भेजता है प्रेम पाती उसको जो देहरी खड़ी करती रहती है डाकिए का इंतज़ार और और माँ की ममता बहन का स्नेह भाई का दुलार पिता का प्यार दोस्तों की दोस्ती सबको मिलता है ख़तों के जरिये और देता है संदेश कभी न झुकने दूंगा देश का शीश इसकी ख़ातिर कर दूंगा अपनी जाँ भी कुर्बान वतन के लिए मर मिटने वाला एक जाँबाज़ प्रहरी जिसको कहते सब फौजी पर उसके भी इक दिल होता है जो धड़कता है किसी के लिये भेजता है प्रेम पाती उसको जो
Sonam Sahu
कैसे भेजूं सनम.. चिट्ठी तुम्हारे नाम ( पूरी कहानी कैप्शन में पढ़े) ..कुछ बातें बताने के लिए नहीं बनते ... वो बनते है दिल से महसूस करने के लिए .. हा वही दिल जहां से मैं तुम्हे महसूस करती हूं रोज... रोज हर रोज