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Mubarak
White जिन्दगी मे दो ही उसूल रखना अगर मित्र सुखी मे हो तो बिना अमंत्रन के बिना जाना नही अगर दुख मे हो तो अमंत्रन का वेट ना करे दोस्त🙅 ©Mubarak #Thinking जिंदगी में अगर मित्र सखी हो तो आमंत्रण के बिना जाना नहीं
#Thinking जिंदगी में अगर मित्र सखी हो तो आमंत्रण के बिना जाना नहीं
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White इश्क़ का सबके हिस्से में अंजाम यही आएगा, ये दर्द एक मंजिल है, नसीब सबको आएगा। हाथों पर लकीरे खींचने से मुकद्दर नहीं बदलता, नसीब में नहीं, कोई और ब्याहकर ले जाएगा। जब तक डूबे हो इश्क़ में, डूबे ही रहना, होश में आने पर सब कुछ तबाह हो जाएगा। इश्क़ करना और मुकद्दर उसे जिंदगी बना दे, अच्छा स्वप्न है, ये तो गहरी नींद में ही आएगा। ये सब लोग जो मंद-मंद मुस्कुरा रहे हैं, ये इश्क़ का बुखार है, सबको ही आएगा। ख्याल इश्क़ का अच्छा है जनाब, दरिया में उतरने का ख्याल गर्त ले जाएगा। यहाँ की हवा में इत्र, इश्क़ की बिखरी है, भंवर है, जाल है, सब कुछ डूब ही जाएगा, वो समझता है इश्क़ उसके काबू में है, खूबसूरत हादसे का शिकार खुद हो जाएगा। जाम-ए-इश्क़ के नशे में डूब रहे सभी, इश्क़ के जाल से जाने कौन बच पाएगा, मिलता कुछ ना गहरे ज़ख्मों के सिवा, इश्क़ में फना होना ही नसीब में आएगा। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Sad_Status इश्क़ का सबके हिस्से में अंजाम यही आएगा, ये दर्द एक मंजिल है, नसीब सबको आएगा। हाथों पर लकीरे खींचने से मुकद्दर नहीं बदलता, नसीब
#Sad_Status इश्क़ का सबके हिस्से में अंजाम यही आएगा, ये दर्द एक मंजिल है, नसीब सबको आएगा। हाथों पर लकीरे खींचने से मुकद्दर नहीं बदलता, नसीब
read moreबेजुबान शायर shivkumar
//सुकुन आँचल का// एक बार नही आपको मैं सौ बार लिखूंगा मांँ तुझे ही अपने जीवन का वो सार लिखूंगा बाबू बाबू कह कर जब मुझें यु पालना में झुलाती है स्वर्ग के अप्सरा भी यु मंद मंद कर वो मुस्कुराती है मां की गोद में आकर भगवान भी यु बच्चे बन जाते हैं मां की ममता का सुख ईश्वर भी खूब मजा उठाते हैं ईश्वर ने खुद को बनाया है एक ख्याल उनके मन में आया है अपने जैसा ही हर किसी को खुद को पहुंचाया है जिसका नाम माँ बतलाया है समंदर से गहरी ममता का होती है उठते तूफान को शांत वो करती है न छोटा न बड़ा इस भेदभाव में मांँ कहाँ पड़ती है मीठे सपनो को अपने बच्चे के लिए मांँ संजोती है वक्त बदल जाए हालात बदल जाए पर मांँ की ममता को कोई न बदल पाए है आज तक उसकी आवाज में ऐसा जादू होता है की किसी के मुर्झाया चेहरा भी यु खिल जाता है जब मांँ की आवाज कानों में आती है सारी दुनिया से लड़ने की हिम्मत दे जाती है घर से निकल कर सर को झुका देते है मांँ का आशीर्वाद लेकर बिगड़े काम भी बना देते हैं बचपन में हो या हो बड़े आज भी मांँ के उस आंँचल में पड़े रहते है मुझे तो सुकून आँचल का मिलता है मांँ तेरी उस गोद में आ कर धनंजय शुक्ला✍ ©बेजुबान शायर shivkumar //सुकुन आँचल का// एक बार नही आपको मैं सौ बार लिखूंगा मांँ तुझे ही अपने जीवन का वो सार लिखूंगा बाबू बाबू कह कर जब मुझें यु पालना में झुलाती
//सुकुन आँचल का// एक बार नही आपको मैं सौ बार लिखूंगा मांँ तुझे ही अपने जीवन का वो सार लिखूंगा बाबू बाबू कह कर जब मुझें यु पालना में झुलाती
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