Find the Latest Status about रुक जा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, रुक जा.
Rajesh Arora
White ये साल जा रहा है ये साल जा रहा है किसी को देकर खुशियां किसी को देकर गम ये साल जा रहा है ये साल जा रहा है जनवरी में आया दिसम्बर में जा रहा है बारह महीने रहकर ये साल जा रहा है ये साल जा रहा है ये साल जा रहा है ©Rajesh Arora ये साल जा रहा है 'हिंदी कोट्स' लाइफ कोट्स गुड मॉर्निंग कोट्स
ये साल जा रहा है 'हिंदी कोट्स' लाइफ कोट्स गुड मॉर्निंग कोट्स
read moreनवनीत ठाकुर
हर दर्द ने मुझसे कहा, अब रुक जा, मैंने हंसकर जवाब दिया, बस थोड़ा और झुक जा। हार और जीत का फ़र्क समझ लिया मैंने, गिरकर भी उठने का हुनर सीख लिया मैंने। हवा के रुख़ से कभी डर नहीं लगता मुझे, मेरी मंज़िल ने मेरे इरादों को आज़मा लिया है। हर जख्म ने मेरे हौसले को और गहरा किया, हर दर्द ने मेरी जीत का रास्ता दिखा दिया। अब तूफ़ान भी मुझसे सहम कर गुजरते हैं, मेरे इरादों से ज़माने के नक़्शे बदलते हैं। जहाँ कांटे बिछाए गए थे मेरे रास्तों में, वहीं मैंने अपने सपनों के फूल खिला दिए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर हर दर्द ने मुझसे कहा, अब रुक जा, मैंने हंसकर जवाब दिया, बस थोड़ा और झुक जा। हार और जीत का फ़र्क समझ लिया मैंने, गिरकर भी उठने
#नवनीतठाकुर हर दर्द ने मुझसे कहा, अब रुक जा, मैंने हंसकर जवाब दिया, बस थोड़ा और झुक जा। हार और जीत का फ़र्क समझ लिया मैंने, गिरकर भी उठने
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी सर फिर से उठा चुके अधर्मी मर्यादा तब तार तार है होती तपस्या भंग सच्चाई की राक्षसों की प्रव्रत्ति सर उठा रही है माँस और सुरा सुंदरी का बढ़ा प्रचलन साधु भेष में हठधर्मिता पनपायी जा रही है असत्यता का कद बढ़ा कर त्यागी तपस्वी को मिटाने की धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है चीटी भी ना मारी हो जिसने उसे विधर्मी बताकर नींव धर्म की हिलायी जा रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sad_quotes धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है
#sad_quotes धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है
read moreShashi Bhushan Mishra
आज, कल, परसों पे टलता जा रहा, साईं पल-पल दिन निकलता जा रहा, तैरने वाले गये उस पार कबके, कुछ किनारे हाथ मलता जा रहा, भूलने वाले भुला बैठे अदावत, टीसने वाले को खलता जा रहा, जम गई है बर्फ़ सी संवेदनाएं, वेदना से ग़म पिघलता जा रहा, कोई बच पाया नहीं इस काल से, समय की चक्की में दलता जा रहा, संभलकर ही कर्म करना जगत में, भाग्य बनकर बीज फलता जा रहा, ज्ञान दीपक से मिटे अंधियार 'गुंजन', हृदय में सुख-शांति पलता जा रहा, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #दिन निकलता जा रहा#
#दिन निकलता जा रहा#
read moreF M POETRY
White मुझे अंदर से खाये जा रही है... तुम्हारी याद आये जा रही है... यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #तुम्हारी याद आये जा रही है......
#तुम्हारी याद आये जा रही है......
read moreSrinivas
हार मानने वाले रुक जाते हैं, लेकिन जो निरंतर प्रयास करते हैं, वही कठिन लड़ाइयों में विजयी बनते हैं। ©Srinivas हार मानने वाले रुक जाते हैं, लेकिन जो निरंतर प्रयास करते हैं, वही कठिन लड़ाइयों में विजयी बनते हैं।
हार मानने वाले रुक जाते हैं, लेकिन जो निरंतर प्रयास करते हैं, वही कठिन लड़ाइयों में विजयी बनते हैं।
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} अच्छी व सुंदर बुद्धि से रुपये कमाए जा सकते हैं, निर्मल मन से भगवान की भक्ति की कमाई जा सकती है, लेकिन रुपयो से भक्ति व बुद्धि नहीं कमाई जा सकती। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} अच्छी व सुंदर बुद्धि से रुपये कमाए जा सकते हैं, निर्मल मन से भगवान की भक्ति की कमाई जा सकती है, लेकिन रु
#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} अच्छी व सुंदर बुद्धि से रुपये कमाए जा सकते हैं, निर्मल मन से भगवान की भक्ति की कमाई जा सकती है, लेकिन रु
read moreF M POETRY
White मेरा दिल ग़म में डूबा जा रहा है.. तुम्हारी याद फिर से आ रही है.. यूसुफ़ आर खान..... ©F M POETRY #मेरा दिल ग़म में डूबा जा रहा है...
#मेरा दिल ग़म में डूबा जा रहा है...
read moreBhupendra Deep
White क्या चल रहा जीवन में बस ये ना पूछ काटों भरे रस्तों पर चलता जा रहा हूं हसीन थे वो लम्हे जो गुजर गए अरसो पहले चन्द यादों के सहारे संभलता आ रहा हूँ ये दिल टूटने का गम अब तू मुझसे ना पूछ परिवार के लिए कोई अपना ढूंढता जा रहा हूं मै अपना हुआ और पराया भी कई दफ़ा पहले बस अब हमसफ़र की तलाश में घुमता आ रहा हूँ सोचे थे जो सारे सपने एक चेहरे के साथ मैंने अब उस चेहरे की याद को ठुकराता जा रहा हूँ तोड़ा मेरा दिल और वो सारे सपने जिसने उस दर्द को छुपाते मुस्कुराता आ रहा हूँ अब दोबारा दिल्लगी की कोई जरूरत नहीं मुझको मैं सबको अपनी दास्तां सुनाता जा रहा हूं मेरी साथी मेरी मंजिल मैंने सब पाकर देखा हकीकत मे कुछ वादे मैं अकेले गुनगुनाते आ रहा हूं... ©Bhupendra Deep #sad_dp जा रहा हूँ
#sad_dp जा रहा हूँ
read more