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Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी हालातो ने हदे पार कर दी राजनीतियों ने हवा पानी मुल्क की खराब कर दी दाना पानी से मोहताज होकर वेवशी के शिकार थे किस्मत परदेश में चमक जाये शायद मेरा परिवार कुंठाओ से उभर जाये बस इसी बोझ को लेकर आज कैदी और जंजीरो में जकड़े नजर आ रहे है विश्वगुरु और विकसित भारत में मानक मानवता के मिट्टी में मिलाये जा रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #good_night मानक मानवता के मिट्टी में मिलाये जा रहे है
#good_night मानक मानवता के मिट्टी में मिलाये जा रहे है
read moreBANDHETIYA OFFICIAL
White किरदार किरायेदार का, दिल के जैसे घर - द्वार का, भाड़ा दे,न बोल भांड़ में जा, चाय ले चुस्की,रस भांड़ का, मिट्टी हो, मिट्टी मिल भी काम का, मत समझे तू, मैं बेकार का। ©BANDHETIYA OFFICIAL #sad_quotes #भांड में जा!❤️
#sad_quotes #भांड में जा!❤️
read moreShakeel Jaan
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset आजा कि अभी जब्त क मौसम नही गुजरा। आजा कि पहाड़ी पर अभी बर्फ जमी है खुशबू के जजिरो से महक रहा है जमाना सारा इस शहर में सब कुछ है बस तेरी कमी है ©Shakeel Jaan आ जा 💝
आ जा 💝
read moretripathi
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset जा छोड़ दिया तुझे तेरे कहने पर जा खुश रह 💔💔💔 ©Rishu singh #SunSet जा छोड़ दिया तुझे तेरे कहने पर जा खुश रह 💔💔💔
#SunSet जा छोड़ दिया तुझे तेरे कहने पर जा खुश रह 💔💔💔
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी खुशियों का बदला ढंग लतो को बदलाव का नाम दिया जा रहा है शोहरत दौलत का बढ़ता नशा ब्रांड बिगड़ेलौ को बनाया जा रहा है हावी हो चुकी पश्चात संस्कृति ड्रग्स शराब मांसाहार से नैतिक मूल्यों का ग्राफ गिराया जा रहा है पव क्लब और पार्टियां बनी शान युवाओ की सामाजिक पारिवारिक व्यवस्था को तोड़ा जा रहा है आजादी का देके नाम रागरागिनी में युवा युवती को फंसाया जा रहा है मिर्गमरीचिका जैसी हो गयी जिंदगी ना देखा जा रहा है,ना निगला जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" ब्रांड बिगड़ेलौ को बनाया जा रहा है #nojotohindi
ब्रांड बिगड़ेलौ को बनाया जा रहा है #nojotohindi
read moreनवनीत ठाकुर
हर दर्द ने मुझसे कहा, अब रुक जा, मैंने हंसकर जवाब दिया, बस थोड़ा और झुक जा। हार और जीत का फ़र्क समझ लिया मैंने, गिरकर भी उठने का हुनर सीख लिया मैंने। हवा के रुख़ से कभी डर नहीं लगता मुझे, मेरी मंज़िल ने मेरे इरादों को आज़मा लिया है। हर जख्म ने मेरे हौसले को और गहरा किया, हर दर्द ने मेरी जीत का रास्ता दिखा दिया। अब तूफ़ान भी मुझसे सहम कर गुजरते हैं, मेरे इरादों से ज़माने के नक़्शे बदलते हैं। जहाँ कांटे बिछाए गए थे मेरे रास्तों में, वहीं मैंने अपने सपनों के फूल खिला दिए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर हर दर्द ने मुझसे कहा, अब रुक जा, मैंने हंसकर जवाब दिया, बस थोड़ा और झुक जा। हार और जीत का फ़र्क समझ लिया मैंने, गिरकर भी उठने
#नवनीतठाकुर हर दर्द ने मुझसे कहा, अब रुक जा, मैंने हंसकर जवाब दिया, बस थोड़ा और झुक जा। हार और जीत का फ़र्क समझ लिया मैंने, गिरकर भी उठने
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी सर फिर से उठा चुके अधर्मी मर्यादा तब तार तार है होती तपस्या भंग सच्चाई की राक्षसों की प्रव्रत्ति सर उठा रही है माँस और सुरा सुंदरी का बढ़ा प्रचलन साधु भेष में हठधर्मिता पनपायी जा रही है असत्यता का कद बढ़ा कर त्यागी तपस्वी को मिटाने की धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है चीटी भी ना मारी हो जिसने उसे विधर्मी बताकर नींव धर्म की हिलायी जा रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sad_quotes धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है
#sad_quotes धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है
read moreShashi Bhushan Mishra
आज, कल, परसों पे टलता जा रहा, साईं पल-पल दिन निकलता जा रहा, तैरने वाले गये उस पार कबके, कुछ किनारे हाथ मलता जा रहा, भूलने वाले भुला बैठे अदावत, टीसने वाले को खलता जा रहा, जम गई है बर्फ़ सी संवेदनाएं, वेदना से ग़म पिघलता जा रहा, कोई बच पाया नहीं इस काल से, समय की चक्की में दलता जा रहा, संभलकर ही कर्म करना जगत में, भाग्य बनकर बीज फलता जा रहा, ज्ञान दीपक से मिटे अंधियार 'गुंजन', हृदय में सुख-शांति पलता जा रहा, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #दिन निकलता जा रहा#
#दिन निकलता जा रहा#
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