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Shubhro K
gaTTubaba
अश्रू भिजल्या पावसाचे पुन्हा नेहमीसारखे दिसेनासे होतील पाणी वाहून जाणार खरे पण दुःख कसे जाणारं ? राहिलेले मनात साचून प्रेमापोटी हवेच्या, देणाऱ्या झाडांना स्पर्श करून वाळलेल्या प्रत्येक पानांमध्ये येईल श्वास भरून .... न लिहिलेली कहाणी कोण जाईल वाचून अर्धी तिच्या सवे अर्धी तिच्या वाचून ....! ©gaTTubaba जेव्हा मिळाली पावसाला वादळी हवा त्याच्यासाठी जीवघेणा नजरेचा खेळ नाही नवा क्षणार्धाची साथ जेव्हा जाईल ती सोडून
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
उडियाना छन्द :- स्वाद में सब जन बहे , जीव हत्या करें । और देते ज्ञान हैं , पाप क्यों सिर धरे ।। जानते है सब यहीं , पाप है ये बड़ा । देखता हूँ फिर वहाँ , घेरकर सब खड़ा ।। मारकर सब डुबकियां , पाप धोने चले । मातु गंगा सोचती , तनय कैसे पले ।। पीर इनकी सब मिटे, और आगे बढ़े । राह जीवन की सभी , स्वयं चलकर गढ़े ।। कष्ट सारे झेलकर , चक्षु जिनके खुले । राम-सिय जपते रहे , श्वास जब तक चले ।। लौट जायें वो सभी, सुगम पथ पर कहीं । विनय करता यह प्रखर , आप ठहरे वहीं ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR उडियाना छन्द :- स्वाद में सब जन बहे , जीव हत्या करें । और देते ज्ञान हैं , पाप क्यों सिर धरे ।। जानते है सब यहीं , पाप है ये बड़ा । देखता ह
Internet Jockey
White जिस गुरु ने तुम्हें भगवान से मिलवाया उससे ये कहना की तुमने किया ही क्या है, ये बात तो ईश्वर को भी रास नही आयेगी ©Internet Jockey #eidmubarak जिस गुरु ने तुम्हें भगवान से मिलवाया उससे ये कहना की तुमने किया ही क्या है, ये बात तो ईश्वर को भी रास नही आयेगी
दीपा साहू "प्रकृति"
Men walking on dark street कई शहर रास ही नहीं आते, पर वहाँ ठहरना मज़बूरी बन जाती है। ज़िन्दगी बहुत आज़माती है। लोग कई मिलते हैं, अच्छे भी सच्चे भी मिलते हैं, अच्छाई और सच्चाई भी भरमाती है। ज़िन्दगी बहुत आज़माती है। पुरानी दुनिया के हम लोग, संस्कार पुराने,नए जमाने, लोगो के नज़रों में ही गिराती है। ज़िन्दगी बहुत आज़माती है। ©दीपा साहू "प्रकृति" #Emotional #Prakriti_ #deepliner #love कई शहर रास ही नहीं आते, पर वहाँ ठहरना मज़बूरी बन जाती है। ज़िन्दगी बहुत आज़माती है। लोग कई मिलते हैं,
Sangeeta Kalbhor
जगलेल्या क्षणांनी जागवून ठेवणे बरे नव्हे नाव प्रीतीचे गाव प्रीतीचे उमजून रडवणे खरे नव्हे कशाला हवा मार्ग परतीचा श्वास अनावर होताना लागावा की ठसका उगा ओरखडा मनावर करताना मुजून जातात खुणा व्रणाच्या घाव परी ठरलेला का म्हणून सोडावा हात हातात एकदा धरलेला सोडावा की स्वाभिमान नात्याला ह्रदयी कोरताना पाझरतील नयन आपसूकच प्रीत उरी स्मरताना जगलेल्या क्षणांनी व्हावे समजूतदार नको हट्ट उगा वाईट काळातही जगलेला क्षणच वाटतो की हो सगा काळ येवो कितीही सरसावून क्षणच होतात ढाल मनोदशा बदलायला क्षणांचीच तर ओढावी लागते शाल जगलेल्या क्षणांचा व्हावा जागर नाद मनी घुमवावा पडत्या क्षणांत असता आपण जगलेला क्षण आठवावा..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #boatclub जगलेल्या क्षणांनी जागवून ठेवणे बरे नव्हे नाव प्रीतीचे गाव प्रीतीचे उमजून रडवणे खरे नव्हे कशाला हवा मार्ग परतीचा श्वास अनावर होतान
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} हमारे मन की गतिविधिया, जैसे होश, श्वास, और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है; और लगातार तुम्हे बस एक साधन की तरह प्रयोग कर के सभी कार्य कर रही है. ©N S Yadav GoldMine #Hope {Bolo Ji Radhey Radhey} हमारे मन की गतिविधिया, जैसे होश, श्वास, और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है; और लगात
Sangeeta Kalbhor
उन्हाच्या झळा.. उन्हाच्या झळा या लागता नकोच करु त्रागा त्रागा इतके सुंदर आयुष्य असता का समजतोस रे अभागा श्वास जोवरी चालू तुझा तू तुझा रे रखवाला अविचार करुनिया नको रे घालू आयुष्यावर घाला चालून बघ दोन पावले गती येईल चालण्याला अनाहत नाद तुझ्याच अंतरी तुला येईल रे भेटण्याला ध्यानमग्न होता होता शंखनाद ही येईल ऐकू ओमकार जो करील जाप कोणापुढे ना देणार झुकू शाश्वत आहे अमर आत्मा आरोग्य हा तयाचा मार्ग खरा कशास धुंडाळितो इतस्ततः अंतरात तुझाच शोध घे ना जरा..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #Hope उन्हाच्या झळा या लागता नकोच करु त्रागा त्रागा इतके सुंदर आयुष्य असता का समजतोस रे अभागा श्वास जोवरी चालू तुझा तू तुझा रे रखवाला अविचा
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Life Like मुश्किल होता है,किसी दानिशमंद औरत से इश्क करना।क्योंकि उसको नहीं आता रास जि_हुजूरी और चापलूसी करना। मुत्तस्सिर नही होती वोह कभी भी,जब तक ना हो रिश्तों मे अपनापन।उसको नहीं आता बनावटी मुहब्बत का लबादा ओढकर अपनी बातें मनवाना।उसको तो बस आता है,बेबाकी से बोलना,और अपनी बातें मनवाना, फ़िज़ूल के फितने_फसाद करना उसकी आदत मे नहीं शुमार, लेकिन उसे आता है सबूत कि तहरीर से अपनी बातें रखना।जबरन मर्दानगी के मेआर मे उसे झुकना कतई बर्दाश्त नहीं,हां वोह झुकती है,तो बस मर्द के नि:स्वार्थ मुहब्बत के सामने....... सुनो इब्नआदम गर हो,होंसला ऐसी दानिशमंद बीन्त हव्वा को निभाने का,तभी तुम मुहब्बत करना,क्योंकि वोह बिखर जाती है,धोखे से,फरेब से,मर्द की अना से,फिर नहीं समेट पाती वोह खुदको, किसी और मुहब्बत की खातिर.... #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Lifelike मुश्किल होता है,किसी दानिशमंद औरत से इश्क करना। क्योंकि उसको नहीं आता रास जि_हुजूरी और चापलूसी करना। मुत्तस्सिर नही होती वोह कभी भ