Find the Best रास Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutक्या है रासुका कानून, रास्तों की शायरी, रास्तों की कहानी, रास्तों की कॉमेडी, रास्तों की जानकारी,
Shubham Bhardwaj
प्यार, मोहब्बत, सबको रास नही आती। तरस जाते हैं हँसने को,जिंदगी पास नही आती।। ©Shubham Bhardwaj #StandProud #प्यार #मोहब्बत #सब #को #रास #नही
Rabindra Kumar Ram
" इक तु हैं जा चुकी हैं, देख मैं तेरा तलबगार अब भी हूँ, रास आये मुझे कोई और भी महज़ ये बात कैसी, मगर मैं तेरे दिद का मुंतज़िर अब भी हूँ ." --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " इक तु हैं जा चुकी हैं, देख मैं तेरा तलबगार अब भी हूँ, रास आये मुझे कोई और भी महज़ ये बात कैसी, मगर मैं तेरे दिद का मुंतज़िर अब भी हूँ ." --- रबिन्द्र राम
" इक तु हैं जा चुकी हैं, देख मैं तेरा तलबगार अब भी हूँ, रास आये मुझे कोई और भी महज़ ये बात कैसी, मगर मैं तेरे दिद का मुंतज़िर अब भी हूँ ." --- रबिन्द्र राम
read moreअदनासा-
मेरी बे-रुख़ी यारों को, रास नहीं आ रही है, इक मैं अपने रुख़ की, बे-रुख़ी से नाराज़ हूं। ©अदनासा- #हिंदी #बेरुख़ी #writer #रुख़ #यारों #नाराज़ #रास #Instagram #Facebook #अदनासा
SamEeR “Sam" KhAn
अब तेरे लौटने की भी आस नही दिल इसलिए भी उदास नही मैंने बेज्जती नहीं की थी वैसे उसे इज्जत भी रास नही..!! ©SamEeR “Sam" KhAn #इज्जत #रास #उदास
Rabindra Kumar Ram
" तुझसे नाराज़गी ये आलम हैं , बस मैं खुद से दूर जाना चाहते हैं , रास आये ना कुछ तेरे सिवा , मुख्तलिफ हसरतों को दफ़न करना हैं ." --- रबिन्द्र राम " तुझसे नाराज़गी ये आलम हैं , बस मैं खुद से दूर जाना चाहते हैं , रास आये ना कुछ तेरे सिवा , मुख्तलिफ हसरतों को दफ़न करना हैं ." --- रबिन्द्र राम #नाराज़गी #आलम
Rabindra Kumar Ram
" उसको भी कही गुमान हो , मैं मेरा दिल उसके आशिक तो नहीं , रास आये कुछ उसे भी मेरी चाहते , उसे भी कही एक हां का इन्तज़ार तो नहीं , --- रबिन्द्र राम " उसको भी कही गुमान हो , मैं मेरा दिल उसके आशिक तो नहीं , रास आये कुछ उसे भी मेरी चाहते , उसे भी कही एक हां का इन्तज़ार तो नहीं , --- रबिन्द्र राम #गुमान #दिल #आशिक
Rabindra Kumar Ram
" काश कि कहीं तेरी मौजूदगी का कुछ पता तो चले , वेशबर एहसासो को कहीं से तेरा मिलना हो जाये , रास आये कुछ ज़िन्दगी इस तरह कि इस खामोशी में , हम रहे इस आरज़ू में तेरी बेज़ारीयो का कुछ पता तो चले." --- रबिन्द्र राम " काश कि कहीं तेरी मौजूदगी का कुछ पता तो चले , वेशबर एहसासो को कहीं से तेरा मिलना हो जाये , रास आये कुछ ज़िन्दगी इस तरह कि इस खामोशी में , हम रहे इस आरज़ू में तेरी बेज़ारीयो का कुछ पता तो चले." --- रबिन्द्र राम #मौजूदगी
" काश कि कहीं तेरी मौजूदगी का कुछ पता तो चले , वेशबर एहसासो को कहीं से तेरा मिलना हो जाये , रास आये कुछ ज़िन्दगी इस तरह कि इस खामोशी में , हम रहे इस आरज़ू में तेरी बेज़ारीयो का कुछ पता तो चले." --- रबिन्द्र राम #मौजूदगी
read moreRabindra Kumar Ram
" अब थोड़ी दूरियां मैं भी बनायेंगे , जो नजदिकियां वो ख्याल दिल से बेजार करेंगे , रास आयेगी तुझे मेरी खामोशि भी अब , तन्हाई को दिल से इस कदर गले लगायेंगे ." --- रबिन्द्र राम " अब थोड़ी दूरियां मैं भी बनायेंगे , जो नजदिकियां वो ख्याल दिल से बेजार करेंगे , रास आयेगी तुझे मेरी खामोशि भी अब , तन्हाई को दिल से इस कदर गले लगायेंगे ." --- रबिन्द्र राम #दूरियां
" अब थोड़ी दूरियां मैं भी बनायेंगे , जो नजदिकियां वो ख्याल दिल से बेजार करेंगे , रास आयेगी तुझे मेरी खामोशि भी अब , तन्हाई को दिल से इस कदर गले लगायेंगे ." --- रबिन्द्र राम #दूरियां
read moreRabindra Kumar Ram
" जो मिलते तुम कहीं कुछ जिरह कर लेता मैं , तेरे फासलों का सफर तेरी नज़र लेता मैं , रास आये कुछ कि कुछ रस में कैसे रहा जाये , तामाम उम्र कहीं कसमें-कस में ना गुजर जाये . " --- रबिन्द्र राम " जो मिलते तुम कहीं कुछ जिरह कर लेता मैं , तेरे फासलों का सफर तेरी नज़र लेता मैं , रास आये कुछ कि कुछ रस में कैसे रहा जाये , तामाम उम्र कहीं कसमें-कस में ना गुजर जाये . " --- रबिन्द्र राम #जिरह
" जो मिलते तुम कहीं कुछ जिरह कर लेता मैं , तेरे फासलों का सफर तेरी नज़र लेता मैं , रास आये कुछ कि कुछ रस में कैसे रहा जाये , तामाम उम्र कहीं कसमें-कस में ना गुजर जाये . " --- रबिन्द्र राम #जिरह
read moreRabindra Kumar Ram
" चांद नजर में वो मेरे पहलू में कब होगा , फुरकते एहसास हैं जाने मुलाकात कब होगा , रास आये अब ज़िन्दगी कुछ कमाल तो हों , हिज़्र का सफ़र ये सफ़रनामा कब तक रहे ." --- रबिन्द्र राम " चांद नजर में वो मेरे पहलू में कब होगा , फुरकते एहसास हैं जाने मुलाकात कब होगा , रास आये अब ज़िन्दगी कुछ कमाल तो हों , हिज़्र का सफ़र ये सफ़रनामा कब तक रहे ." --- रबिन्द्र राम #चांद #पहलू