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Mudit sand
मना करना चले आना शरमाना फिर बतियाना पास आना बैठ जाना नजरों से नजरें मिलाना फिर शरमाना चुप हो जाना नजरें चुराना उठ कर जाना मना करना चले आना मना करना चले आना शरमाना फिर बतियाना पास आना बैठ जाना नजरों से नजरें मिलाना फिर शरमाना चुप हो जाना नजरें चुराना उठ कर जाना मना करना चले आना
Abeer Saifi
नींद भी आती है आंखें बंद भी नहीं करनी, हमें परवाज़ अपनी यूं बुलंद भी नहीं करनी اا ख़ाहिश तो है बहोत तेरे पहलू में लेटने की, सितम है के मुलाकातें चंद भी नहीं करनी اا कशमकश है ऐसी के न इक़रार है न इज़हार ही, नापसंद भी नहीं करते हमें पसंद भी नहीं करनी اا सदाक़त लिखता हूं मेरी कलम बिकी नहीं है, मुझे शायरी भी नहीं मुझे छंद भी नहीं करनी اا परवाज़ - उड़ान, कशमकश - उलझन, इज़हार - बताना, इन्कार - मना करना, छंद - लय-ताल में पंक्तियां सदाक़त - सच्चाई #cinemagraph #yqquotes #yqtal
Abeer Saifi
नींद भी आती है आंखें बंद भी नहीं करनी, हमें परवाज़ अपनी यूं बुलंद भी नहीं करनी اا ख़ाहिश तो है बहोत तेरे पहलू में लेटने की, सितम है के मुलाकातें चंद भी नहीं करनी اا कशमकश है ऐसी के न इक़रार है न इज़हार ही, नापसंद भी नहीं करते हमें पसंद भी नहीं करनी اا सदाक़त लिखता हूं मेरी कलम बिकी नहीं है, मुझे शायरी भी नहीं मुझे छंद भी नहीं करनी اا परवाज़ - उड़ान, कशमकश - उलझन, इज़हार - बताना, इन्कार - मना करना, छंद - लय-ताल में पंक्तियां सदाक़त - सच्चाई #cinemagraph #yqquotes #yqtal
Sunil Chaporkar
saurabh
🤭.. तुम्हारे ओठों को अपने ओठों से चूमना तुम्हारा नीचे वाला ओठों पकड़ना. तुम्हें गले लगना फिर भी बार बार बोलना कि तुम्हें गले लगा लिया है...
yogesh atmaram ambawale
क्या फायदा हुआ मैंने कभी सोचा नहीं बस,मना करना था कर दिया आगे क्या होगा कभी सोचा नहीं| किया तब तब मना जब दिल न माना हैं क्या फायदा क्या नुकसान ए न कभी जाना हैं| क्या फ़ायदा हुआ... #फ़ायदा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #फायदा #yqdidi क्या फायदा हुआ मैंने कभी सोचा
Mohammad Arif (WordsOfArif)
तेरा दूर जाना मुझे तन्हा कर गया मुझे तेरा मना करना रुशवा कर गया कभी हाले दिल पर हंसी आती थी तुझसे बिछड़ना तेरा सिकायत कर गया ख्वाबों में कभी कभी मिलते थे हम दोनों तेरा जबसे दीदार हुआ है बोझल कर गया रुठ कर जाना और सिकायत ना करना इश्क अब भी है मगर इनकार कर गया बातें बहुत सारी होती रहती थी अक्सर आरिफ क्या बात है जो वो मना कर गया तेरा दूर जाना मुझे तन्हा कर गया मुझे तेरा मना करना रुशवा कर गया कभी हाले दिल पर हंसी आती थी तुझसे बिछड़ना तेरा सिकायत कर गया ख्वाबों में क
Neelam Modanwal
एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलती वह जब भी घर से निकलती है अपने साथ घर की पूरी खतौनी लेकर निकलती है अचानक उसे याद आता है गैस का जलना दरवाज़े का खुला रहना नल का टपकना और दूध का दहकना एक-एक कर वह पूछती है प्रेस तो बंद कर दिया था न! आँगन का दरवाज़ा तो लगा दिया था न! किचेन का सीधा वाला नल बंद करना तो नहीं भूली! अरे! हाँ! वो सब्ज़ी वह मँहगी हरी पत्तियों वाली सब्ज़ी जो अभी कल ही तो लाई थी सटटी से प्लास्टिक से निकाल दिया था न! हाँ, हाँ अरे सब तो ठीक है आपको ध्यान है आलमारी लाक करना तो नहीं भूली अभी कल की ही तो बात है महीनों को बचाए पैसे से नाक की कील ख़रीदी थी । इस तरह वह बार-बार याद करती और परेशान होती है कि दूध वाले को मना करना भूल गई कि बरतन वाली से कहना भूल गई कि उसे कल नहीं आना था कि पड़ोसिन को बता ही देना था कि कभी कभी मेरे घर को भी झाँक लिया करतीं । इस तरह एक स्त्री निकलती है घर से जैसे निकलना ही उसका होना है घर में.... 💯💯✍️✍️❣️❣️ ©Neelam Modanwal एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलती वह जब भी घर से निकलती है अपने साथ घर की पूरी खतौनी लेकर निकलती है अचानक उसे याद आता है गैस का जलन
Divyanshu Pathak
ऐसी लड़की से शादी कैसे करलूं यार ? : "वर्जिनिटी" ( कैप्शन जरूर पढ़ें) : साभार :- गीता यथार्थ महिलाओं के हित के लिए प्रयासरत एक जोशीली पत्रकार और एलक्शन कमीशन अधिकारी दिल्ली। Virgin-holic वर्जिनहोलिक देश में बड़ी संख्या में होनहार लड़के वर्जिनहोलिक से ग्रसित हैं। कॉलेज के बाहर खड़े 3 दोस्त बातें कर रहे है। दू
JALAJ KUMAR RATHOUR
सुनो, एक दिन तुम गुजरो उसी स्कूल से जहाँ हम मिले थे। तुम्हे याद आयेंग बीते वो दिन फिर से ,जिनके तुम्हारे जहन में शायद कहीं अवशेष रह गए होंगे और उन अवशेषों में मैं जरूर होऊंगा, हो सकता है तुम कुछ समय के लिए स्तब्ध हो जाओ और देखा उस सोलह साल के लड़के की प्रतिछाया को स्कूल के गेट पर जो इंतजार में रहता था तुम्हारे,जिसे याद थे तुम्हारे हेयर बैंड के कलर,और तुम्हारे फेवरेट गाने जो तुम गुनगुनाती थी। तुम उस वक्त याद करोगी वो क्लास की सीट जिस पर उसने दिल बनाकर तुम्हारा नाम लिखा था। फिर तुम कोशिश करोगी मुझसे मिलने की और मेरे पुराने घर आने की , उस घर पर आने की जिसकी दहलीज तक लाने के लिए वो सोलह साल का लड़का सोलह सोमवार व्रत रहा था। और शायद तुम पहुँच भी जाओ, और तुम कोशिश करो ,मेरा नाम उसी पुराने हक से पुकारने की, पर तुम्हारे स्वरो को शब्दों का रूप लेने में रोक ले तुम्हारे गले का मंगल सूत्र और फिर तुम अजनबी हो जाओ, पर दिमाग और समाज को किनारे रख कर तुम खटखटाओ मेरे दरवाजे की वो कुंडी जो तरस गयी थी तुम्हारे स्पर्श को , हो सकता है अंदर से मेरी माँ आयें और तुम्हे पार करवाये मेरे घर की दहलीज, तुम उनके इस प्रेम भाव को चावल से भरा लौटा मान लेना और थोड़ा मना करना पर वापस ना जाना,हो सकता है तुम मिलो मेरी बेटी से जिसका नाम तुमसे मिलता हो। हो सकता है। मेरी पत्नी भी मिले तुमसे, हो सकता है उस दिन तुम वजह बन मेरे और मेरी पत्नी के सवालों की, पर एक गुजारिश है ,तुम जाना जरूर उस स्कूल में, मेरी गली में, मेरे घर में, और चूमना मेरे बेटी के सिर को क्युकी चाहता हूँ मैं ,कि मेरी बेटी भी तुम्हारी जैसी बने, जिसकी नजरों में प्रेम सिर्फ माँ बाप का सत्य हो और त्याग की जो मूरत हो, हो सकता है समझ सके वो तुम्हारे और हमारे प्रेम को, क्युकी शायद मैं तब तक रहूँ ना रहूँ पर मुझे संपूर्ण विश्वास है तुम सिखाओगी मेरी पुत्री को प्रेम का सही मतलब, उम्मीद है तुम आओगी जरूर.. ....... तुम्हारा दोस्त .......... #जलज राठौर सुनो, एक दिन तुम गुजरो उसी स्कूल से जहाँ हम मिले थे। तुम्हे याद आयेंग बीते वो दिन फिर से ,जिनके तुम्हारे जहन में शायद कहीं अवशेष रह गए होंग