Find the Latest Status about amazon bicycle from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos.
Shailendra Anand
रचना दिनांक १,,,७,,,२०२३ वार ् समय दोप १,,३०, ््शीर्षक ््् दिल के दरवाजे पर दस्तक देती हुई घटनाओं से बेहद,, संजीदगी से कायल है। चंद लम्हों की सौगात जाने कब प्रेम का जाम बन जाय।। ््् दिल के दरवाजे पर दस्तक देती हुई घटनाओं से बेहद संजीदगी से कायल है। चंद लम्हों की सौगात जाने कब प्रेम का जाम पिलाएं तो बड़े अदब से वो लफ्जो का पैमाना जो जाम पिलाएं।। खनकते जाम नशे में चूर कुछ यादों की तन्हाइयों में गमजदा हुए ख्याल जब सवाल जब जिंदगी की हकीकत के दौर मे।। वो माशूका बनकर जाम पिलाएं जा रही है हम सच्चे प्रेमी दिल की बारिकियों से कशीश में जलकर।। वो तूफान जीवन की पाठशाला कार्यशाला ज्ञानशा ला में मयखाना में सुरीले सूरो में वो नशे की रात की रौशनी में जूगनूओ को चिरागे ऐ रौशनी प्रज्जवलित कर हमें अपने मकसद में कामयाब हो प्यारा सा चुम्बन से अपनी रूह को परखना चाहती है।। दीप बनकर दिलों के आशियाने में खो गई तस्वीर तुम्हारी अदभूद रश्मि प्रभा की यादों में खो गई। परिणीती समय रहते हुए जीवन में एक जीवंत कलाकृति बन गई।। ्््् ््लकवि शैलेंद्र आनंद ््् १८जुलाई २०२३ हो प्यारा सा चुम्बन से अपनी रूह को परखना चाहती है दीप बनकर दिलों के आशियाने में खो गई तस्वीर तुम्हारी,, अदभूद रश्मि प्रभा जी की यादों में खो गई परिणीती समय रहते हुए जीवन में एक जीवंत कलाकृति बन गई।। ©Shailendra Anand #Bicycle
विवेक कुमार
My Bicycle पहले पैदल लेकर जाना, फिर कैंची, डंडा और आखिर में गद्दी पर बैठ जाना, सबके व्यस्त हो जाने पर चुपके से साइकिल निकाल ले जाना, रोज दो-तीन चोट खाकर घर पर आना, घर पर आकर घर वालों की भी डांट खाना, कितनी खुशी मिली थी उस दिन जब मैं साइकिल की गद्दी पर बैठा था, साइकिल को चलाना कोई सपने जैसा था पहले पैदल लेकर जाना फिर कैची डंडा और आखिर में गद्दी पर बैठ जाना ©Vivek Kumar #Bicycle
Karan Kumar
ना जाने किस बात की सजा दीये जारहे हैं खता हमारी कुछ भी नहीं है फिर भी दोष हमें दिए जा रहे हैं पल-पल तड़पता है दिल उनसे मिलने के लिए लेकिन फिर वो भी दूरियां बनाए जा रहे हैं ©Karan Kumar #Bicycle