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Sachin Pathak
Alone मेरे घर का इन्कलाब तेरे घर तक जरूर आएगा, आज नहीं तो कल, तू शहादत का कर्ज जरूर चुकाएगा, ओ, मेरे भगत अगर आज घर बैठा रहा तो, इक्कीसवीं सदी का असली इन्कलाब तू निभाएगा, ......... इन्कलाब का बदलता स्वरूप
Shiv Narayan Saxena
आप सभी को आज श्री गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट के पावन पर्वों पर हृदय से शुभकानाएँ. ©Shiv Narayan Saxena पर्वा-पर्वों पर बधाइयाँ.
Kumar Gaurav Srivastav
आज का बदलता हुआ परिवेश हमें बता रहा है.. दुनियां में खुद्दार घट कर गद्दार बढ़ रहे हैं..!! ©Kumar Gaurav Srivastav आज का बदलता.. #Nofear
ddu
Terrorism terrorism is very worst thing in this beautiful world terror##essay#
hardev Singh
सूरज का स्वभाव है जग को रौशन करना मगर मनुष्य का स्वभाव उसकी सोच पर निर्भर करता है क्योंकि उसे दो रास्ते मिलते हैं एक सुधरना दूजा बिगड़ना यह उसके चुनाव पर निर्भर करता है ©hardev Singh जीवन का स्वरूप
Ek villain
तभी विवश होकर वह अपने लव के ज्ञान को प्रदर्शित करने के लिए आज संख्यक अज्ञान प्रेरित भूमिकाओं को अपनाता है जो वस्तुत उसकी चारित्रिक दुर्बलता एवं बौद्धिक क्षमता का घोतक होती है ज्ञान को केवल सत्य आचरण गर्व है एवं आदर्श के मार्ग का अनुसरण करना होता है यह सब स्वता ही नियंत्रित अधिशाषी एवं इसी निर्दिष्ट होता है ©Ek villain ज्ञान का स्वरूप