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TAHIR CHAUHAN
बेरा ना बदलते दौर मै। किसा जमाना आजा। शेर पड़े पिंजरे भीतर। कुत्ते बन जा राजा। रोड़ प किताब बिके। शीशे भीतर बूट बीके। नार या निकर पहरण लागी। थोड़े साड़ी सूट बिके। अंग्रेजी पहनावा यो। म्हारी संस्कृति न खा गया। बेरा ना बदलते दौर मै। किसा जमाना आजा। ताहिर।।। ©TAHIR CHAUHAN #बदलता#दौर
Mukesh Poonia
ज्यादा कुछ नही बदलता उम्र बढने के साथ, बचपन की जिद समझौतों मे बदल जाती है . ©Mukesh Poonia #ज्यादा कुछ नही #बदलता #उम्र बढने के साथ, #बचपन की #जिद #समझौतों मे बदल जाती है
Mukesh Poonia
कितना भी पकड़ो फिसलता जरूर है, ये वक्त है 'साहब' बदलता जरूर है। . ©Mukesh Poonia कितना भी #पकड़ो #फिसलता #जरूर है, ये #वक्त है '#साहब' #बदलता जरूर है।
Deepak Kumar Katariya
im प्रेम
2005 में नौकरी खोज रहा था और आज नोकर खोज रहा हूं ©im प्रेम #Ramnavami #बदलता हुआ दौर
Mukesh Poonia
पत्थर में एक ही कमी है कि वो पिघलता नहीं है... लेकिन यही उसकी खूबी है कि वो बदलता भी नहीं है... . ©Mukesh Poonia #पत्थर में एक ही #कमी है कि वो #पिघलता नहीं है... लेकिन यही उसकी #खूबी है कि वो #बदलता भी नहीं है...
i am Voiceofdehati
वक्त कभी नहीं बदलता बदलते हम हैं .... जब हम सही मार्ग का अनुसरण करने लगते हैं तो बदलाव होना स्वाभाविक है यह बदलाव लोगों के नजरिए में वक्त का बदलना लगता है जबकि हकीकत यह है कि हम स्वयं को बदलकर वक्त का अपने तरीके से जीने लगते लेते हैं। वक्त कभी नहीं बदलता बदलते हम हैं .... जब हम सही मार्ग का अनुसरण करने लगते हैं तो बदलाव होना स्वाभाविक है यह बदलाव लोगों के नजरिए में वक्त का बदलना लगता है जबकि हकीकत यह है कि हम स्वयं को बदलकर वक्त का अपने तरीके से जीने लगते लेते हैं।
Dr Jayanti Pandey
बनाए रखिए बदलते वक्त के साथ खुद को बदलने का रिवाज़ ; गर वक्त से न बदले तो वक्त बदल जाता है। #yqdidi #yqhindi #yqhindishayari #jayakikalamse #बदलता _ वक्त
PRIYA SINHA
🥺🙏🏻⏰"बदलता वक्त"⏰🙏🏻🥺 आप अपने को मैंने कभी थोड़ा खुश ; तो कभी बहुत ज्यादा रूंआसा देखा ; कर के एक-दम से सच्चा वादा मुझसे , उम्मीदों को भी देते झूठा झांसा देखा ; आते थे जो पेश तमीज-ओ-तहजीब से , उनका भी तो मैंने बदलते भाषा देखा ; बदला वक्त और बदले कुछ खास लोग , बदलते वक्त के साथ मैंने निराशा देखा ; रोज व्यर्थ की भागदौड़ और उहापोह में, हर-दम हीं तो मैंने अर्थपूर्ण तमाशा देखा ; लगी थी आग जैसे कोई दिली ख्वाहिशों को , ख्वाहिशों से उठता मैंने कुछ धुंआ-सा देखा ; समझ ना सके जो सच्चे प्रेम के एहसास को , उनको भी समझाते मैंने झूठा परिभाषा देखा ; खैर हरा ना सकेगी तमाम चालाक कोशिशें मुझे , दिल को अपने फिर से देकर मैंने एक दिलासा देखा ! प्रिया सिन्हा 𝟐𝟏. जनवरी 𝟐𝟎𝟐𝟑. (शनिवार) ©PRIYA SINHA #बदलता #वक्त
Gumnam Shayar Mahboob
वक्त बदलता है मेरे यार बस सब्र रखो #वक्त #बदलता #सब्र #महबूब #mahboob #गुमनाम_शायर_महबूब #gumnam_shayar_mahboob