Find the Best स्वरूप Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutस्वरूप का अर्थ क्या है, वेदों में ईश्वर का स्वरूप, पर्वों का बदलता स्वरूप पर निबंध, स्वरूप की परिभाषा, प्रयोजनमूलक हिंदी के स्वरूप,
Mukesh Poonia
सुख, संपत्ति, स्वरूप, संयम, सादगी, सफलता, साधना, संस्कार, स्वास्थ्या, सम्मान, शांति एवं समृद्धि की मंगल कामनाओं के साथ मेरे एवं मेरे परिवार की तरफ से आपको और आपके परिवार को नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ©Mukesh Poonia #सुख, #संपत्ति, #स्वरूप, #संयम, सादगी, सफलता, साधना, #संस्कार, स्वास्थ्या, सम्मान, #शांति एवं #समृद्धि की मंगल कामनाओं के साथ मेरे एवं मेरे परिवार की तरफ से आपको और आपके परिवार को नए वर्ष की #हार्दिक #शुभकामनाएं
Aprasil mishra
" मौन " **************** मौन की जो वेदना है मौन से ज्यादा मुखर है, मौन में है विश्व का तम मौन पर किसका असर है. मौन ने हैं प्राण खोये मौन में है मृत्यु का स्वर, मौन में है युद्ध छाया
**************** मौन की जो वेदना है मौन से ज्यादा मुखर है, मौन में है विश्व का तम मौन पर किसका असर है. मौन ने हैं प्राण खोये मौन में है मृत्यु का स्वर, मौन में है युद्ध छाया
read moreSushma Sonu Thakur
मेरी प्यारी कविता, तुमने मेरी ज़िन्दगी में यूँ दस्तक दी जैसे मेरे शब्दों को जीवन मिल गया अक्षरो को शब्दों की माला में पिरोने की कला आ गई हर शब्द के असल अर्थ से वाकिफ़ होती रही जाने कब मेरी कविताएं ज़िन्दगी का हिस्सा बन गई तुम मेरा स्वरूप दर्शाती हो जैसे तुम अपना फर्ज निभाती हो तुम यूँ ही संग चलना ज़िन्दगी के सफर में तुम यूँ ही संग रहना ज़िन्दगी के सफर में #nojotohindi #nojotoquotes #ज़िन्दगी #सफर #वाकिफ़ #माला #nojotopoem #शब्द #स्वरूप #sushmathakur
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read moreराघव रमण
माँ ये सृष्टि तुमसे है तुम सृष्टि से नहीं देशी विदेशी सब तुझसे ही है सबका स्वरूप तुझसे ही है सबका नाम सबकी पहचान तुझसे ही है फिर कौन कैसे और किसलिए कोई बदलेगा सृष्टि के वास्तविक रूप को माँ तेरे स्वरूप को 🙏🙏🙏🙏🙏
राघव रमण
बीज अंकुरण पौध पेड़ पौधा वृक्ष तना टहनी डाली पत्ते फूल फल इन सबों का एक स्वरूप मिट्टी को पकड़कर हर परिस्थितियों में तब तक खड़ा है जबतलक इनकी खुद की भावना वासना में न बदल जायें और न हो जायें इनके स्वाभिमान का सर्वनाश हम मानव इसके उलट है हमारी वासना भावना बन जाती है और हमारा अहंकार स्वाभिमान इसलिए एक स्वरूप को पाकर भी हम विकृत रूप में खुद को सहज व संघटित समेटने का प्रयास करते है पर अफसोस नहीं हो पाता ये हम मानवों से हमारे खुद के परिवेश मे
कवि मुकेश मोदी
*परमात्मा से मिलन मनाने की विधि* अपने मन का बार बार अवलोकन करते जाओ चुन चुनकर इसमें से अवगुण निकालते जाओ नूतन शुद्ध संकल्पों के तुम मन में बीज लगाओ दिव्य गुणों की खुशबू अपने चारों और फैलाओ जितना अपने मन को तुम शुद्ध बनाते जाओगे अपने आत्म स्वरूप का तुम दर्शन कर पाओगे आत्म स्वरूप का जब हर पल करोगे अनुभव परमपिता से मिलन मानना हो जायेगा सम्भव *ॐ शांति*
कवि मुकेश मोदी
*परमात्मा से मिलन मनाने की विधि* अपने मन का बार बार अवलोकन करते जाओ चुन चुनकर इसमें से अवगुण निकालते जाओ नूतन शुद्ध संकल्पों के तुम मन में बीज लगाओ दिव्य गुणों की खुशबू अपने चारों और फैलाओ जितना अपने मन को तुम शुद्ध बनाते जाओगे अपने आत्म स्वरूप का तुम दर्शन कर पाओगे आत्म स्वरूप का जब हर पल करोगे अनुभव परमपिता से मिलन मानना हो जायेगा सम्भव *ॐ शांति*
Anjali Ansh
बदल गया स्वरूप तेरा बदल गया है रुप पहले तुम दिखते थे, पहन मैले कुचैले कपड़े, भूखे नंगे पांव अब नये स्वरूप में आकर दिखलाते हो ताव पहले बोझा सिर पर दिख जाता था अब दिमाग हैं ठूंसे हुए आंखों पर मोटे चश्में है पड़े हुए बेईमानी हंसी से दिल के बोझ हैं बढ़े हुए हम नये जमाने के हैं मजदूर कारपोरेट कल्चर में है फंसे हुए।।। -Anjali A नये मजदूर#नोजोटो हिन्दी#
नये मजदूरनोजोटो हिन्दी#
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