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बेजुबान शायर shivkumar
bosh kabsgd dhsbdb ©बेजुबान शायर shivkumar #बोझ #मजबुरी #जिम्मेदारी #बेजुबानशायर #nojoto #शायरी01 #शायरी #moti
#बोझ #मजबुरी #जिम्मेदारी #बेजुबानशायर nojoto #शायरी01 #शायरी #moti
read moregokul
White कोई लफ्ज़ आसमां से, उतारा जाये, बिना समझे भी, आँखों में नज़ारा आये, अब तो डरते है कहीं, ख़ामोशी में खो ना जाये, मिलो यारों, इस ख़ामोशी के बोझ से, कहीं मर ना जाये l ©gokul कोई लफ्ज़ आसमां से, उतारा जाये, बिना समझे भी, आँखों में नज़ारा आये, अब तो डरते है कहीं, ख़ामोशी में खो ना जाये, मिलो यारों, इस ख़ामोशी के बोझ से
कोई लफ्ज़ आसमां से, उतारा जाये, बिना समझे भी, आँखों में नज़ारा आये, अब तो डरते है कहीं, ख़ामोशी में खो ना जाये, मिलो यारों, इस ख़ामोशी के बोझ से
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तुम सुबह शाम क्या गुनगुनाते रहते हो, राधे कृष्णा, राधे कृष्णा.! ❣️💯 Sumit.. . ©write शायरी हिंदी में राधा कृष्ण के भजन
शायरी हिंदी में राधा कृष्ण के भजन
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White डूब जाता हूँ मैं, अपनी आकांक्षाओं के गर्त में। मेरी जीत, हार में बदल जाती है, हर जीत की एक शर्त में। थकता नहीं है राही अपने लंबे सफर पर, थक जाता है, बोझ लिए मन में। ©theABHAYSINGH_BIPIN #GoodMorning "डूब जाता हूँ मैं, अपनी आकांक्षाओं के गर्त में। मेरी जीत, हार में बदल जाती है, हर जीत की एक शर्त में। थकता नहीं है राही अपने
#GoodMorning "डूब जाता हूँ मैं, अपनी आकांक्षाओं के गर्त में। मेरी जीत, हार में बदल जाती है, हर जीत की एक शर्त में। थकता नहीं है राही अपने
read moreN S Yadav GoldMine
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset {Bolo Ji Radhey Radhey} मन का बोझ हल्का करने के लिए भगवान श्री कृष्ण जी के अलावा दुनिया में हितैसी दूसरा और कोई भी नहीं है। जय श्री राधेकृष्ण जी!! N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine #SunSet {Bolo Ji Radhey Radhey} मन का बोझ हल्का करने के लिए भगवान श्री कृष्ण जी के अलावा दुनिया में हितैसी दूसरा और कोई भी नहीं है। जय श्री
#SunSet {Bolo Ji Radhey Radhey} मन का बोझ हल्का करने के लिए भगवान श्री कृष्ण जी के अलावा दुनिया में हितैसी दूसरा और कोई भी नहीं है। जय श्री
read moreAbhishek Jha
Unsplash रात के अंधेरे में, बालकनी में खड़े होकर चाय की चुस्की लेते ही चश्मे पे जमे हुए भाप ने मुझसे कहा, "अंधेरा थोड़ा धुंधला ही अच्छा लगता है।" उसकी सुनता, पर इतने में ही रात की ख़ामोशी बोल पड़ी, "अरे, मुझे बाहर क्या ढूंढता है, मैं तो तेरे अंदर भी हूँ।" तो मैंने उससे पूछा, "अच्छा मुझमें,पर मुझमें कहाँ?" तो बोलती है, "जरा दिल की गहराइयों में उतर के तो सुन, ख़ामोशी हूँ, मेरा एक अलग शोर होता है।" मैं ख़ामोशी की बात सुन ही रहा था, इतने में बालकनी से गुजरती ठंडी हवा ने कहा, "अरे, जनाब पहले चाय तो पी लिजिये, वरना इस अंधेरी रात में खामखा मुझपे इल्ज़ाम लग जाएगा।" बस इतने में ही गुजरते हुए वक़्त ने कहा, "बस कीजिए भाईसाहब, फिर लोग दुनिया को दोष देते हैं, जबकी वक़्त तो अकेलापन बर्बाद कर देता है।" ©Abhishek Jha रात के अँधेरे में
रात के अँधेरे में
read moreAnuradha T Gautam 6280
Unsplash वो मुझे जिंदगी के तौर तरीके सीख रहा था और उसे क्या पता इस जिंदगी की गुरु मां तो मैं ही थी..🖊️ #@2🤦🏻🙆🏻♀️ ©Anuradha T Gautam 6280 जिंदगी के सफर में
जिंदगी के सफर में
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