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Dr.asha Singh sikarwar
"प्रेम आत्मा के छोर से बंधता है उसकी कोई देह नहीं होती " आशासिंह सिकरवार 12.2.19 #gif प्रेम कविता, प्रेम का अर्थ #कविता, #प्रेम #का #अर्थ #प्रेम love #love #lovely #poetry #lovelypoetry #new #poetry #new #post
"Kumar शायर"
मनुष्य के शरीर में जीभ ऐसा भाग है, जिसमें हड्ड़ी नही होती, परन्तु जो किसी भी इस्तिथि में, किसी भी परीस्तिथि को बना भी सकती है, और बिगाड़ भी सकती है, इसलिए.. अपने इस अंग के ध्वनि प्रदर्शन का उपयोग, मात्र अपने और दूसरों की भलाई के लिए ही, करें..! ©"Kumar शायर" #Ride अंग का ध्वनि प्रदर्शन...
Dr shripal Fauji
सादर प्रणाम जी, हमने मात्र ध्वनि की बात कही आप सभी को जानकर बड़ी हैरानी होगी कि जब ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण, नशे का प्रदूषण साथ साथ होते हैं इसका तो कहना ही क्या होगा जब बड़ी गाड़ी में डीजे बजाना शुरू होता है गाड़ी के अंदर एक बड़ा इंजन होता है पहले वह इंजन स्टार्ट करता है जिसके अंदर डीजल होता है अर्थात डीजल से चलता है पूरी पावर में डीजल का इंजन कितना धुआ छोड़ता होगा यह वायु प्रदूषण जो हमारी आंखों के सामने होता है इस वायु प्रदूषण को उसके पास वाले सांस के द्वारा ग्रहण कर लेते हैं और उस तरफ ध्यान नहीं देते। इसके बाद गाना बजना शुरू होता है गाने के स्थान पर एक तीव्र ध्वनि में धम धम ढोल जैसी आवाज निकलती है यह आवाज प्राणी जीवन को चेतावनी देती है इसी प्रकार की आवाज अर्थी के सामने एक मनुष्य ढोल बजाता हुआ आगे आगे चलता है डीजे भी प्राणियों के मौत का सामान लेकर आगे आगे चलता है जब भी धीमी आवाज के लिए बताया जाता है तो नशे में धुत व्यक्ति आवाज को कंपन के साथ और अधिक बढ़ा देता है उसके सामने मात्र तीन या चार मनुष्य नशे में धुत होकर नाचतेरहते हैं यद्यपि मैं यह बात बता रहा हूं लेकिन इसमें स्त्रियां भी शामिल होते हैं और नाचते हैं इस समय यदि किसी युवक को मना करते हैं तो वह अपने बड़ों की बात नहीं मानता इसमें दोष किसका है बच्चों का ही नही है इसमें बड़ों का भी दोष है जब बच्चा छोटा था हमने खुशी खुशी में उसे डीजे के सामने नाचते हुए मना नहीं किया कभी बैठा कर समझाया नहींकि इस ध्वनि प्रदूषण का प्रभाव कब और कहां पड़ेगा नाही अपनी संस्कृति के बारे में बताया आज जब हम युवकों से पूछते हैं आपकी संस्कृति क्या है आप की सभ्यता क्या है आपका धर्म क्या है आपके धार्मिक ग्रंथ क्या है जवाब है नहीं क्योंकि हमने गुरुकुल को जाना नाही धर्म ग्रंथ वैदिक ग्रंथों को जाना किसी विद्वान के पास भी नहीं जाते किसी साधु संत से नहीं पूछते किसी ब्राह्मण या पंडित से नहीं पूछते। सबसे बड़े आश्चर्य की बात है हमें कोई बताता भी नहीं। हे प्राणियों अब आप सोच कर बताएं इन परिस्थितियों में क्या कर सकते हैं क्योंकि आर्ष ग्रंथों का स्वाध्याय करने का समय आपके पास नहीं, किसी को अपने से बड़ा विद्वान समझने में शर्म आती है हमने आपको परिस्थितियों से अवगत कराया है मैं अकेला कुछ नहीं कर सकता क्योंकि यदि मेरी करने से कुछ होता तो लगभग जहां डीजे होता है खाना खाने नहीं जाता, रात्रि में देर का भोजन नहीं करता, डीएम, एसएसपी, एसडीएम, एस ओ, को पोस्ट भी भेजें सभी को समझाता हूं घर के सामने डीजे बजने को रोकता हूं कोई असर नहीं पड़ता यदि आप मिलकर बच्चों को समझाएं हमारी संस्कृति के विरुद्ध है। सारा समाज कोशिश करें तो संभव है धन्यवाद। ©डॉक्टर श्रीपाल फौजी ध्वनि वायु नशा का प्रदूषण #Sunrise
NEERAJ SIINGH
तू मेरी रुबाइय्यत..... और मैं तेरी कैफियत...... रुबाइय्यत का अर्थ - कविता कैफियत को अर्थ - हाल #neerajwrites #yqbaba #yqdada #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqhindi
Nishith Sinha
इतना आसान नहीं खुद को सुनना .. जब मुख बंद और .. मन मस्तिष्क पुरज़ोर ध्वनित हों !! ध्वनि