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- Arun Aarya
उसके साथ जीने को आमादा थे हम , मग़र उसके लिए महज़ प्यादा थे हम ! उसे पसंद थी जायदाद वाले लड़के ,, पर उन लड़कों के आधे के आधा थे हम..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #BuildingSymmetry #आधा थे हम
#BuildingSymmetry #आधा थे हम
read moreAbdhesh prajapati
White सर मैं बुरा बना दिया है, वरना एक समय हम भी सबको अच्छे लगते थे ©Abdhesh prajapati अच्छे लगते थे
अच्छे लगते थे
read moreRadhe Radhe
तुम पापा जैसे ध्यान तो रखोगे ना तुम मां जैसे प्यार तो करोगे ना तुम भाई की तरह रक्षक तो बनोगे ना क्योंकि सब कुछ छोड़ के आ रही मेरे घर जैसा प्रेम तुम मुझे करोगे ना जय श्री राधे ©Radhe Radhe घर के जैसे प्रेम
घर के जैसे प्रेम
read moreSatish Kumar Meena
फूलों सी एक सुंदर सी मुस्कान बिखेरे, सबको हर्षाती है। एक बेटी ही तो फूलों जैसे,, घर में खुशबू फैलाती हैं।। ©Satish Kumar Meena फूलों जैसे
फूलों जैसे
read moreGovind Dendor
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset खोई हुई चीज बहुत खूबसूरत लगने लगती हैं...💯 ©Govind Dendor #SunSet जैसे कि वक्त ओर बचपन
#SunSet जैसे कि वक्त ओर बचपन
read moreअनिल कसेर "उजाला"
ज़िद में अपनी हम अड़े थे, प्यार की दो राह में खड़े थे। हासिल कुछ भी न हुआ हमें, जाने क्यों अपनों से लड़े थे। सुना था अंधे होते हैं प्यार में, जहाँ से चले वहीं पे खड़े थे। अपनों की हमें सुना ही नहीं, इस लिए छोड़ वो चल पड़े थे। ठोकरों से जो बचाते रहें हैं, उन्हीं के कारण हुए बड़े थे। ©अनिल कसेर "उजाला" अड़े थे
अड़े थे
read morePraveen Jain "पल्लव"
Unsplash पल्लव की डायरी प्यार के काबिल थे हम घरौंदा अपना सजाना था परवरिश देकर परिवारों को संस्कारो और ममता का दायरा बढ़ाना था मगर जमाने ने नारी को बरगला रखा है खुद के बजूद की दुहाई देकर शोषण का बाजार सजा रखा है टूट रही है बुनियाद परिवारों की सन्तति अमर्यादित हो रही है भोगवाद की भेंट चढ़ाकर दायरे सब सिमट रहे है माँ बहन बेटी सब कमाने निकल गये अजायबघर जैसे घर हो गये प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #library अजायबघर जैसे घर हो गये
#library अजायबघर जैसे घर हो गये
read moreParasram Arora
White वे भी क्या दिन थे ज़ब मै ठहाके मार कर हँसा करता था बिना शिकायत के जिंदगी बसर करता था छोटे छोटे खबाब देख कर जिंदगी के दिन काट लिया करता था रफ्ता रफरता वक़्त गुजरता गया और बचपन पीछे छुटता गया और मै जवान होता गया ©Parasram Arora भी क्या दिन थे
भी क्या दिन थे
read moreनवनीत ठाकुर
आए तो यूँ जैसे रहम का मक्सद हो, भूले तो यूँ जैसे कभी हम नहीं थे। तेरी मौजूदगी में दिल को था सुकून, ग़म हुआ तो यूँ जैसे तुम ही नहीं थे। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर आए तो यूँ जैसे रहम का मक्सद हो, भूले तो यूँ जैसे कभी हम नहीं थे। तेरी मौजूदगी में दिल को था सुकून, ग़म हुआ तो यूँ जैसे तुम ही
#नवनीतठाकुर आए तो यूँ जैसे रहम का मक्सद हो, भूले तो यूँ जैसे कभी हम नहीं थे। तेरी मौजूदगी में दिल को था सुकून, ग़म हुआ तो यूँ जैसे तुम ही
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