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DIGITAL Janseva kendra DIGITAL Janseva kendra
मत छेड़ फौलादी पंक्षी को वरना बहुत पछताएगा #लव
read moreBharat Bhushan pathak
अस्त वर्ष जो हैं अब तक ,नाउम्मीदों का जो घेरा। धुप अँधेरा छाया नभ जो,आए लेकर नवल सवेरा।। श्रम किये वो थके हाथ हैं,करे आज कुछ फौलादी। राष्ट् #Poetry
read moreकवि आदित्य बजरंगी
जहाँ हार जाती है दुनिया वहाँ खड़े हो जाते हैं जाट, हौसला रखते है फौलादी और बॉडर पर डट जाते हैं जाट,, जो कोई ना कर पाए हर वो काम कर जाते हैं ज #nojotovideo
read moreSudha Tripathi
White आल्हा छंद मुक्तक रामायण प्रसंग -जामवंत का हनुमान जी को आत्मबोध करना जामवंत कहते बजरंगी, चुप बन बैठे क्यों पाषाण। भूले हो क्यों अपनी क्षमता, किसमें है तेरा कल्याण।। न हो सके जो तुमसे बोलो, कठिन कौन सा ऐसा काम। नहीं जगत में तुमसा कोई,दूजा स्वीकारो हनुमान।। दीर्घकाय पर्वत से होकर,लिए शक्ति अपनी पहचान। चुका सके ऋण अनुदानों का, जीवन कर अपना बलिदान।। जो कुछ भी कर पाए उसका , नहीं कभी मन में हो दम्भ । सिंहनाद करके फौलादी,ले संकल्प किये प्रस्थान।। *सुधा त्रिपाठी* ©Sudha Tripathi #ramnavmi आल्हा छंद मुक्तक रामायण प्रसंग -जामवंत का हनुमान जी को आत्मबोध करना जामवंत कहते बजरंगी, चुप बन बैठे क्यों पाषाण। भूले हो क्य
Purohit Nishant
कलम को समर्पित फनकारों की याद में.... 🌻 पुण्यतिथि विशेष 🌻 हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि आदरणीय "केदारनाथ अग्रवाल" जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हु #poem #writer #inspirational #kavita #hindilovers #कविताएँ #हिन्दी_युग #पुण्यतिथि_विशेष #केदारनाथ_अग्रवाल
read moreShivani seth
#inspirational #Motivation क्यों उदास होते हो कल नई सुबह आने तो दो.. क्यों दूसरो को समझाने में लगे हो.. पहले खुद को समझ जाने तो दो क्यों र
read moreMili Saha
// मैरी कॉम // स्वयं की प्रतिभा और हुनर के दम पर इतिहास रचाया, भारत ही नहीं संपूर्ण नारी जाति को गौरवान्वित किया, मुफ़लिस भी रोक ना पाई जिसके बढ़ते हुए कदमों को, मैरी कॉम वो नाम, जिसने खुद अपना आसमां बनाया। आर्थिक रूप से कमज़ोर गरीब कृषक का था परिवार, जन्मी जहांँ ऐसी प्रतिभा, जिसे जाने आज पूरा संसार, किसी प्रकार होती थी गुजर-बसर खेतों में करके काम, कदम-कदम पे कितनी चुनौतियांँ फिर भी न मानी हार। पांँच भाई बहनों में सबसे बड़ी सभी का ख़्याल रखती, पढ़ाई के साथ खेतों में माता पिता का हाथ भी बंटाती, माता थी मांगते अक्हम कोम, पिता मांगते तोंपा कोम, जिनकी बेटी मांगते चुंगनेजंग मैरी कॉम बड़ी निडर थी। शिक्षा पर आर्थिक स्थिति को कभी होने न दिया हावी बचपन से ही खेल-कूद में रूचि, किरदार बड़ी मेधावी, ख़्वाब एथलीट बनने का फुटबॉल बखूबी खेला करती, दृढ़ विश्वास से ढूंँढ निकाली सुनहरी किस्मत की चाबी। मणिपुर में जन्मी बॉक्सिंग चैंपियन की अजब कहानी, एशियन गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट का प्रभाव हुआ सुनामी, जिसने बॉक्सिंग प्रतियोगिताओं भाग कभी लिया नहीं, उसने बॉक्सिंग क्षेत्र में, अपना कैरियर बनाने की ठानी। ( पूरी कविता अनुशीर्षक में ) ©Mili Saha मैरी कॉम सामने खड़ी थी कई चुनौतियांँ माता-पिता नहीं तैयार, बॉक्सिंग पुरुषों का खेल महिला को कैसे करे स्वीकार, ऐसे में कैरियर बनाना था किसी
मैरी कॉम सामने खड़ी थी कई चुनौतियांँ माता-पिता नहीं तैयार, बॉक्सिंग पुरुषों का खेल महिला को कैसे करे स्वीकार, ऐसे में कैरियर बनाना था किसी #प्रेरक
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