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Stories related to भरतकूप का मेला

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Rohan Roy

दुनिया तमाशो का मेला है। और हम इसके खिलाड़ी। | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | #rohanroymotivation | #Motivational

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Sarfaraj Ahmad

चेन्नई का समुद्र का नजारा #शायरी

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Ajay Tanwar Mehrana

#योग #युग #का या स्वयं का #Poetry

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प्रेम योगी हैं बहुत कम 
बिना इनके पड़े अकाल
 योग करने का नहीं दम
इसलिए है जिस्म जाल ।

योग युग का या स्वयं का
बन गया अद्भुत कमाल ,
 योग मेरा और तुम्हारा 
बन रहा प्रतिपल मिशाल ।

प्रेम भोगी हैं बहुत सारे 
जो भोगें गम मलाल ,
जिन्हें प्रिय हैं खूबसूरत 
शक्ल और गुलाबी गाल ।

बिना प्रेम भोगे गले ना 
किसी की नौजवां दाल
इसलिए सदियों से चलती 
आ रही प्रिय प्रेम चाल ।

इस मिलन का योग है 
भोग में निश्चित दलाल ,
योग युग का या स्वयं का 
बन गया अद्भुत कमाल ।
.

©Ajay Tanwar Mehrana #योग #युग #का या स्वयं का

Ranjit Kumar

# 77वां वार्षिक मेला माता भद्रकाली जी Mili Saha Bhardwaj Only Budana Brijesha Vishwas Ritu Tyagi Ravi Ranjan Kumar Kausik PФФJД ЦDΞSHI #Bhakti

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happy Tomar

बेगम का भर्ता बैगन का भर्ता #वीडियो

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Jit

टेस्ट का नहीं टेस्ट का है मामला #कॉमेडी

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SAURABH SAJAN

बेवफाओं का मेला है #शायरी

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book lover

धर्म का मार्ग उन्नति का मार्ग है #Bhakti

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Bharat Bhushan pathak

पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का। सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।। राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का। भद्र के ये छाप का अभद्र नाश #भक्ति

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पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का।
सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।।
राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का।
भद्र के ये छाप का अभद्र नाश ताप का।

©Bharat Bhushan pathak पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का।
सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।।
राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का।
भद्र के ये छाप का अभद्र नाश

Bharat Bhushan pathak

#सँभल मन साफ सदा रखें, कभी किसी को न ठगें, वैर भाव पाले नहीं, प्रेम अपनाइए। बिखरे असंख्य रंग, दया बिन बदरंग, #Poetry

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मन साफ सदा रखें,
कभी किसी को न ठगें,
वैर भाव पाले नहीं,
प्रेम  अपनाइए।

बिखरे असंख्य रंग,
दया बिन बदरंग,
विश्वास सभी पे करें,
अब समझाइए।

दुनिया का लगा मेला,
खूब भागे यहाँ रैला,
भलाई जो कर रहे,
उसे ना सताइए।

पाप-पुण्य,मोह-माया,
काम-क्रोध यहाँ आया,
ईर्ष्या का घना कुहरा,
खुद को बचाइए।

©Bharat Bhushan pathak #सँभल 
मन साफ सदा रखें,
कभी किसी को न ठगें,
वैर भाव पाले नहीं,
प्रेम  अपनाइए।

बिखरे असंख्य रंग,
दया बिन बदरंग,
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