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Kanchan Agrahari
White अर्ज़ है.... मिले जो तुम तो हम मुस्कुराने लगे थे पाकर तुम्हें हम, थोड़ा गुनगुनाने लगे थे बेरंग, बेनूर थी, तब ज़िन्दगी का कैनवास तेरे इश्क़ के रंगों से उन्हें, हम भरने लगे थे तेरी आँखों में भी, चाहत का रंग देखकर हम तेरे लिए, थोड़ा सजने-संवरने लगे थे कितने नादान, कितने पागल थे,तब हम जो तेरे साये से भी, ढेरों बातें करने लगे थे आखिर क्यूँ मरनें लगे हो तुम, उस पर इतना आईना भी तब, हमसे ये सवाल करने लगे थे..!! ©Kanchan Agrahari #Romantic Anshu writer @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 Neelam Modanwal Marjia Laxmi Singh
Kanchan Agrahari
White पैसे का गुरुर मनुष्य जब जन्म लेता है, तब उसका वजन ढ़ाई किलो होता है... और अग्नि संस्कार के बाद उसकी राख का वजन भी ढ़ाई किलो का होता है। जिन्दगी का पहला कपड़ा जिसका नाम झबला, जिसमें जेब नही होती है.... और जिन्दगी का आखिरी कपड़ा कफन उसमें भी जेब नहीं होती है। तो बीच के समय के जेब के लिये, इतनी मुसीबत किस लिये इतनी भागदौड़ किस लिये, इतनी दगा और निन्दा किस लिये । खून लेने के लिये ग्रुप चेक करवाते है पैसे लेते समय जरा चेक करें कि, वो किस ग्रुप का है, न्याय का है, हाय का है अथवा हराम का है। और गलत ग्रुप का पैसा घर में आ जाने से ही आज घर-घर में अशान्ति, क्लेश और झगड़े होते है। हराम और हाय का पैसा..... जिम खाना, दवाखाना, क्लबो और बार में पूरा हो जायेगा, और आपको भी खत्म कर देगा। जब बैंक बेलेन्स बढ़ने लगे, लेकिन परिवार बैलेन्स कम होने लगे ©Kanchan Agrahari #mountain Anshu writer @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 Laxmi Singh Neelam Modanwal radhika
Kanchan Agrahari
White अर्ज़ है.... मेरी ज़िन्दगी पर, तुम एक किताब लिखना मेरे गुज़रने के बाद, तुम मुझे माहताब लिखना गवाह बनाना ख़ुद को, उस हर एक सितम का और सारे दर्द-ओ-ग़म का,तुम हिसाब लिखना ये भी लिखना के मेरी नादानियाँ ही, ले डूबी मुझे मेरी मासूमियत का तुम, सही-सही जवाब लिखना मेरी ज़िन्दगी तो, महज़ चंद लम्हों की दास्तां थी उसपर हुए क्या-क्या सितम, ये बेहिसाब लिखना अंत में, मेरी दास्तान-ए-उल्फ़त को,हसीं चांदनी और ख़ुद को, दिल जलाने वाला आफ़ताब लिखना. ©Kanchan Agrahari #mountain Anshu writer @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 sushil dwivedi Laxmi Singh Neelam Modanwal
Kanchan Agrahari
White अर्ज़ है.... वो लौट के फिर आएगा मेरा दिल उसे फिर भायेगा मैं मुस्कुराकर करूँगी स्वागत उसका थोड़ा रूठ के, वो फिर मान जाएगा मैं हंस कर गले लगा लूंगी उसे वो एक बार फिर, दिल से खेल जाएगा मैं रोऊंगी, तड़फऊंगी,मनाऊंगी उसे और वो तड़फता छोड़,फिर चला जायेगा..!! ©Kanchan Agrahari #Night Anshu writer sushil dwivedi @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 Laxmi Singh Munni
Kanchan Agrahari
एक अजीब सी बेताबी है तेरे बगैर,,, रह भी लेते हैं और रहा भी नहीं जाता.....!! जिंदगी शायद इसी का नाम है,,, दूरियां मजबूरियां तनहाइयां...!! वह न मिलते तो अच्छा होता,,, ( बेकार में "मोहब्बत" से "नफरत" हो गई___ ©Kanchan Agrahari Neelam Modanwal @hardik Anshu writer Mahajan Munni Laxmi Singh @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09
Hema Shakya
If we are not according to others, its not our fault. God has created us according to his choice. ©Hema Shakya #creation #CreationOfGod #hemashakyaquotes #hemashakya #hemashakyastories #hema_thedreamfairy #Nojoto Niaz (Harf) Anshu writer Laxmi Singh s
Kanchan Agrahari
White मोहब्बत के नाम पर, क्यों रुलाते हैं लोग सब कुछ लूट कर भी, क्यों भुलाते हैं लोग तमाम उम्र जी भर के जलाती है ये दुनिया, फिर भी बाद मरने के, क्यों जलाते हैं लोग न दे सके जीते जी कभी अधपेट भोजन भी, फिर पितरों के नाम पे, क्यों खिलाते हैं लोग ज़रा सी गलत मोड़ करती है दूर मंज़िल से, तो खुद को गलत राहों पे, क्यों घुमाते हैं लोग ये अहम ही तो हर फसादों की जड़ है दोस्त ऐसे दुश्मन को सर पे, क्यों बिठाते हैं लोग ©Kanchan Agrahari #City Anshu writer @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 Neelam Modanwal Laxmi Singh radhika sushil dwivedi
Kanchan Agrahari
वो हर रोज़ चिराग बुझाते रहे हम बस मोमबत्तियाँ जलाते रहे सिसकियाँ सुनी ना हमने बहनों की वो दरिंदगी अपनी दिखाते रहे कभी इज़्ज़त लूटी, कभी फंदे पर लटकाया कभी तेज़ाब डाले, कभी ज़िंदा जलाया लव जिहाद के मनसूबे पूरे हुए जब उनके फिर टुकड़ों में घर लाश भिजवाया कानून चुप क्यों है इंसाफ़ करो ऐसे दरिंदो को अब साफ़ करो ©Kanchan Agrahari #againstthetide Anshu writer @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 Neelam Modanwal Laxmi Singh @hardik Mahajan
Kanchan Agrahari
वही पुराना रूप, वही पुराना अंदाज़ है ग़र कुछ बदला है तो, वो मेरी आवाज़ है वो जो एक ख़नक सी थी, मेरी आवाज़ में अब तो यूँ लगता है, जैसे कोई टूटा साज़ है ख़ामोशी नें छीन ली है, मेरी वो मुस्कुराहटें वरना खिलखिलाते रहना मेरा मिजाज़ है ग़म वही दे गए मुझे, जिसे मैंने ख़ुशी दी क्यूँ कहूं, ये तो सीने में दफ़न एक राज़ है..!! ©Kanchan Agrahari #sugarcandy Anshu writer @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 R... Ojha Neelam Modanwal Laxmi Singh
Kanchan Agrahari
White अर्ज़ है.... बेवजह हीं मुस्कुरा रहे हैं. क्यूँ हम रातों को जाग रहे हैं कोई फ़लसफा नहीं ज़िन्दगी का फ़िर ये किसके लिए भाग रहे हैं क्यूँ हम रातों को जाग रहे हैं कहना था बहुत कुछ, मगर लफ़्ज़ है पथराई, और जुबाँ ख़ामोश यूँ थोड़ा सा लिखकर मिटा रहे क्यूँ हम रातों को जाग रहे हैं हर तहरीर में उदासी है छाई उसकी परछाई भी मिलने नहीं आई ये किस बात पे हम आंसू बहा रहे है, क्यूँ हम रातों को जाग रहे हैं नहीं है साथ, कोई साया भी मेरे मन नें मुझे भरमाया भी रात की ख़ामोशी में दर्द छुपा रहे हैं क्यूँ हम रातों को जाग रहे हैं..!! arzhai ©Kanchan Agrahari #Moon Anshu writer @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 Laxmi Singh @hardik Mahajan R... Ojha Neelam Modanwal