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Rameshkumar Mehra Mehra
तु मेरी बो खुशी है.....! जो मै किसी को ना दूॅ..... ©Rameshkumar Mehra Mehra !# तू मेरी बो खुशी है,जो मै किसी को ना दूॅ......
Rameshkumar Mehra Mehra
तेरी चाहत का रंग चढ़ा है..... मुझ पर......! बो उतरे तो होली खेलू...... ©Rameshkumar Mehra Mehra # तेरी चाहत का रंग चढ़ा है,मुझ पर,बो उतरे तो होली खेलू......
Rameshkumar Mehra Mehra
बहुत अन्दर तक जला देती है........ बो शिकायते, जो कभी बयां नही होती...... ©Rameshkumar Mehra Mehra # बहुत अन्दर तक जला देती है, बो शिकायते जो कभी बयां नही होती....
Rameshkumar Mehra Mehra
जिंदगी जीना सीखा रही है............ कल एक झलक जिंदगी को देखा.....! बो राहो में मेरी,गुनगुना रही थी....!! फिर ढूंढा उसे इधर-उधर......... बो आंखे मिचौली कर मुस्कुरा रही थी..!!! एक अरसे के बाद आया मुझे करार...!!!! बो सहला के मुझे सुला रही थी....!!!!! हम दोनो क्यूँ खफ़ा है,एक दूसरे से..!!!!!! मै उसे और बो मुझे,समझा रही थी..!!!!!!! मैने पूछ लिया,क्यों इतना दर्द दिया..!!!!!!!! कमबख्त तूने.. बो हँसी और बोली,मै जिंदगी हूँ,पगले.... तुझे जीना सिखा रही थी...... . ©Rameshkumar Mehra Mehra # जिंदगी जीना सीखा रही है.... कल एक झलक जिंदगी को देखा, बो राहो में मेरी गुनगुना रही थी, फिर ढूंढा उसे इधर-उधर बो आँखे मिचौली कर मुस्करा रही
DILEEP RAJ AHIRWAR
White जो नसीब मैं ही ना हो बो किस्मतों से भी नहीं मिलता ©DILEEP RAJ AHIRWAR #lonely_quotes जो नसीब मैं ही ना हो बो किस्मतों से भी नहीं मिलता
Rameshkumar Mehra Mehra
बकत सब कुछ बना देता है.... ©Rameshkumar Mehra Mehra # हालात इंसान को बो भी बना देता है, जो कभी ऐसा था ही नही...
Rameshkumar Mehra Mehra
दौलत.......... बो तितली है जिसे........! पकडते -पकडते इंसान...!! अपनो सें दूर हो जाता है....... ©Rameshkumar Mehra Mehra # दौलत..... बो तितली है,जिसे पकडते-पकडते इंसान अपनो से दूर हो जाता है...
DILEEP RAJ AHIRWAR
If I find that person, it will be like a flood in the desert. अगर बो शख्श मिल जाये मुझे तो यूँ समझो जैसे बाढ़ आ गई हो रेगिस्तान में ©DILEEP RAJ AHIRWAR अगर बो शख्श मिल जाये मुझे तो यूँ समझो जैसे बाढ़ आ गई हो रेगिस्तान में
HintsOfHeart.
"कहते हैं, धरती पर सब रोगों से कठिन प्रणय है लगता है यह जिसे, उसे फिर नींद नहीं आती है दिवस रुदन में, रात आह भरने में कट जाती है मन खोया-खोया, आँखें कुछ भरी-भरी रहती है भीगी पुतली में कोई तस्वीर खड़ी रहती है"¹ ©HintsOfHeart. #रामधारी_सिंह_'दिनकर' के काव्य नाटक #उर्वशी' से। 1.इसके लिए 1972 में उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया।
Rameshkumar Mehra Mehra
हमसे ताल्लुक रखोगी तो.... तबीयत ठीक रहेगी.............! हम बो हकीम है.....!! जो लफजो से ईलाज करते है..... ©Rameshkumar Mehra Mehra # हमसे ताल्लुक रहोगी,तो तबीयत ठीक रहेगी,हम बो हकीम है,जो लफजो से ईलाज करते है...💕