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बेजुबान शायर shivkumar
// सच से रुबरु // एकांत में रहने के बाद पता चला कि एकांत हमे उस भीड़ का हिस्सा बनने से बचाती है जहाँ ना ही आपकी क़दर हो ना ही जरूरत... एकांत ही हमे हमारे सच से रूबरू करवाती है और लोगों के दो गले चेहरे को भी दिखाती है ©बेजुबान शायर shivkumar एकांत में रहने के बाद पता चला कि एकांत हमे उस भीड़ का हिस्सा बनने से बचाती है जहाँ ना ही आपकी क़दर हो ना ही जरूरत... एकांत ही हमे हमारे
एकांत में रहने के बाद पता चला कि एकांत हमे उस भीड़ का हिस्सा बनने से बचाती है जहाँ ना ही आपकी क़दर हो ना ही जरूरत... एकांत ही हमे हमारे
read moreDiya
White मोबाइल जब होता है हाथ में , तो दूरियां लगती नहीं, जैसी देखते ऑनलाइन उसको , रूबरू हो जाते हैं, बेचैनियां होती नहीं🤷♂️ ©Diya #मोबाइल जब होता है #हाथ में तो #दूरियां लगती नहीं, जैसी देखते #ऑनलाइन उसको रूबरू हो जाते हैं, #बेचैनियां होती नहीं🤷♂️#diyakikalamse✍🏼❤
#मोबाइल जब होता है #हाथ में तो #दूरियां लगती नहीं, जैसी देखते #ऑनलाइन उसको रूबरू हो जाते हैं, #बेचैनियां होती नहीं🤷♂️diyakikalamse✍🏼❤
read moreLotus Mali
White अल्फांज बे जुंबा थे दिलने धड़कनों को हैं थामा बस इक आहट थी ए उसके खयालों की अगर ओ रूबरू हुए हमसे कहीं ए रूह मेरी मुझसे ही ना बिछड़ जाएं..... https://lotusshayari.blogspot.com/ 🪷 ©Lotus Mali #love_shayari अल्फांज बे जुंबा थे दिलने धड़कनों को हैं थामा बस इक आहट थी ए उसके खयालों की अगर ओ रूबरू हुए हमसे कहीं ए रूह मेरी मुझसे ही ना
#love_shayari अल्फांज बे जुंबा थे दिलने धड़कनों को हैं थामा बस इक आहट थी ए उसके खयालों की अगर ओ रूबरू हुए हमसे कहीं ए रूह मेरी मुझसे ही ना
read moreनवनीत ठाकुर
न जाने क्यों उन्हें मेरा साथ गवारा लगने लगा। हमसे हुए मुखातिब, तो हमारा साथ उन्हें जन्नत लगा। हुआ है सामना मेरा आज जमाने की जिल्लत से, हुए है वो भी रूबरू अपनी जिंदगी से हाल ही में, आज उन्होंने जन्नत को भूल जाना ही बेहतर समझा। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर न जाने क्यों उन्हें मेरा साथ गवारा लगने लगा हमसे हुए मुखातिब, तो हमारा साथ उन्हें जन्नत लगा, हुआ है सामना मेरा आज जमाने की जिल्
#नवनीतठाकुर न जाने क्यों उन्हें मेरा साथ गवारा लगने लगा हमसे हुए मुखातिब, तो हमारा साथ उन्हें जन्नत लगा, हुआ है सामना मेरा आज जमाने की जिल्
read moreनवनीत ठाकुर
White जो छू न सका हवा को, कोई क़ामिल ख्वाब, वो दिल की वीरानियों में रौनक़ क्या देगा? जो दर्द में डूबा न हो कभी गहरे, वो मेरी हसरतों को राहत क्या देगा? जो खुद को न पा सका कभी सच्चाई से, वो किसी और की तलाश को प्यास क्या देगा? जो रातों को जागकर कभी सच्चाई से नहीं हुआ रूबरू, वो उजालों में ख्वाब को रोशनी क्या देगा? जो खुद में रुकावट नहीं मिटा सका, कभी, वो किसी और की मंज़िलों में दरवाज़ा क्या देगा? जो खुद को समझ नहीं सका, कभी खुल कर, वो औरों को ख्वाब क्या देगा? ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जो छू न सका हवा को, कोई क़ामिल ख्वाब, वो दिल की वीरानियों में रौनक़ क्या देगा? जो दर्द में डूबा न हो कभी गहरे, वो मेरी हसरतों
#नवनीतठाकुर जो छू न सका हवा को, कोई क़ामिल ख्वाब, वो दिल की वीरानियों में रौनक़ क्या देगा? जो दर्द में डूबा न हो कभी गहरे, वो मेरी हसरतों
read moreनवनीत ठाकुर
जब सच को छुपा लिया खुद से, तो फिर हर झूठ भी खुदा सा लगता है। दिल में जो सवाल था, वो चुप रहा, और सच से मुंह मोड़ना खता सा लगता है। दिल में सवालों का हल न मिला, तो अंदर का सच हमेशा तड़पता है। कभी खुद से रूबरू हो, तो सच्चाई पाओ, वरना हर झूठी खुशी का रंग फीका होता है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जब सच को छुपा लिया खुद से, तो फिर हर झूठ भी खुदा सा लगता है। दिल में जो सवाल था, वो चुप रहा, और सच से मुंह मोड़ना खता सा लगता ह
#नवनीतठाकुर जब सच को छुपा लिया खुद से, तो फिर हर झूठ भी खुदा सा लगता है। दिल में जो सवाल था, वो चुप रहा, और सच से मुंह मोड़ना खता सा लगता ह
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