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कवि मनीष
https://pocketfm.app.link/40RHlEZDc1 काल के कपाल पर बैठा है वो.. #कविमनीष
Rajesh Raana
काल के कपाल पर जो रच दे नाद ब्रह्म का , एकांतप्रिय , भस्मीभूत अघोरपंथी त्रयम्बका । (१) श्मशानवासी , मुंडधारी ,कपाल कालधारी, डगडग डगडग डमरू निनादकारी त्रिनेत्रा । (२) अवधूत , जटाजूट , भभूतधारी अभियन्ता , सकल चराचर स्वामी , कर्मकारी नियंता । (३) - राणा ★ © ¥ हर हर महादेव ¥ शिवरात्रि #काल के #कपाल पर जो रच दे #नाद ब्रह्म का , एकांतप्रिय , #भस्मीभूत #अघोरपंथी #त्रयम्बका । (१) #श्मशानवासी , #मुंडधारी ,कपाल #कालधा
Sk mandal
कलम के कमाल से कपाल के काल को कैद कर कंप के कटाक्ष के कसला को करतार करे करमा,कर्म कई के कठोर करूँ कायनात को काबू न कोई कमजोर.... कलम के कमाल से कपाल के काल को कैद कर कंप के कटाक्ष के कसला को करतार करे करमा,कर्म कई के कठोर करूँ कायनात को काबू न कोई कमजोर....
Abhishek 'रैबारि' Gairola
खौस पूर्णता की क्या बात है यदि यह अगर सिद्धि का मापक होती तो हरित पादपों के कपाल पर सफ़ेद पुष्पों की खौस न होती। ©Abhishek 'रैबारि' Gairola खौस पूर्णता की क्या बात है यदि यह अगर सिद्धि का मापक होती तो हरित पादपों के कपाल पर सफ़ेद पुष्पों की खौस न होती। ।। #love #life #poem #poet
Nojoto News
आयुष पंचोली
हर किसी की बातों पर प्रतिक्रिया दूं, इतना छोटा व्यक्तित्व नही मेरा। मैं सिर्फ मुस्कुरा कर अपनी मस्ती मे चलता जाता हूँ, महाकाल का सेवक हूँ काल के कपाल पर लिखते जाता हूं। ©आयुष पंचोली ©ayush_tanharaahi #kuchaisehi #ayushpancholi #ayuspiritual #hindimerijaan #mereprashnmerisoch हर किसी की बातों पर प्रतिक्रिया दूं, इतना छोटा व्यक्तित्व नही मेरा। मैं सिर्फ मुस्कुरा कर अपनी मस्ती मे चलता जाता हूँ, महाकाल का सेवक हूँ का
Rohit Thapliyal (Badhai Ho Chutti Ki प्यारी मुक्की 👊😇की 🙏)
छुट्टी(कुदरत) की अटल मुक्की 👊 के सामने जरा आके तो दिखाएँ! 'काल के कपाल' में छुट्टी की अटल मुक्की 👊 जब पड़ती है, तो काल के कपाल को चक्कर 😇 दिला देती है! काल की भी सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती है, उसको फिर अपनी ड्यूटी समझ नहीं आती है, कि अपनी सुई ड्यूटी करूँ कहाँ से और छुट्टी करूँ कहाँ पर, जब छुट्टी की अटल मुक्की 👊 दिख रही है सारे जहाँ पर! छुट्टी की अटल मुक्की👊😇 अटल थी, अटल है और अटल ही रहेगी, काल के कपाल की तो वो छुट्टी करके रहेगी! धन्यवाद _बधाई हो छुट्टी की अटल👊😇 मुक्की की🙏 बाधाएँ आती हैं आएँ, छुट्टी(कुदरत) की अटल मुक्की 👊 के सामने जरा आके तो दिखाएँ! 'काल के कपाल' में छुट्टी की अटल मुक्की 👊 जब पड़ती है, तो काल क
Vikas Sharma Shivaaya'
सूर्य मंत्र -ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य: भैरव मंत्र -” ॐ कर कलित कपाल कुण्डली दण्ड पाणी तरुण तिमिर व्याल यज्ञोपवीती कर्त्तु समया सपर्या विघ्न्नविच्छेद हेतवे जयती बटुक नाथ सिद्धि साधकानाम ॐ श्री बम् बटुक भैरवाय नमः “ 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' सूर्य मंत्र -ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य: भैरव मंत्र -” ॐ कर कलित कपाल कुण्डली दण्ड पाणी तरुण तिमिर व्याल यज्ञोपवीती कर्त्तु समया सपर्या विघ
Darshan Raj
मेरे आंगन में हरा-भरा शज़र है..! बस यही इक अच्छी खबर है..!! कोरोना की तुझ पर भी नज़र है..! कानों मे चिखों का बजेगा गज़र है..! किसको ख़बर कहां तक सफ़र है..! तेरी ग़फ़लतो की वज़ह से अमर है..! तुझको जरा सी भी उम्मीद अगर है..! तो रोक ये तेरे ही खिलाफ़ समर है..! फ़िज़ा में घुलता हर तरफ़ ज़हर है..! इस बात से तू अब भी बे-खबर है..! कदम - कदम पर मौत का मगर है..! इससे न बच सका कोई भी नगर है..! शायद सभी तर्क-वितर्क बे-असर हैं..! लाशों के लिए ज़मीं की कसर है..! अब हर जगह सूनी- सूनी डगर है..! अब धुंधली पड़ती जा रही बसर है..! हर तरफ आग में जलता शहर है..! जिधर देखो उधर मौत का पहर है..! ऐ मेरे रब्बा तेरा यह कैसा कहर है..! अब ना नज़र है शाम है कि सहर है..! हर रोज़ सैकड़ों ख़ुदती नयी कबर है..! कदाचित श्रष्टि का नज़दीक हशर है..! अब भी तेरे भेजे में अगर - मगर है..! तू बचा रहें यही अच्छी खबर है..! ©Darshan Raj #a #covidindia पूर्णतः मौलिक स्वरचित सर्वाधिक सुरक्षित लेखक :- दर्शन राज Insta :- @darshansingh8727 शज़र =वृक्ष
SHAYARI BOOKS
“काल के भी काल,वो मेरे महाकाल है” आज वो,अतीत वो,वही त्रिकाल है” वही मृत्यु, वही मोक्ष,वो काल के अकाल हैं” भस्म से सुशोभित,जिनका कपाल है” देख क्रोध जिनका,आता भूचाल है” वहीं "नभ",वही "भू",वो अनंत,वो विकराल है” वही तम ,वही प्रभावो महाज्वाल है” काल के भी काल,वो मेरे महाकाल है!” ©SHAYARI BOOKS “काल के भी काल,वो मेरे महाकाल है” आज वो,अतीत वो,वही त्रिकाल है” वही मृत्यु, वही मोक्ष,वो काल के अकाल हैं” भस्म से सुशोभित,जिनका कपाल है” देख