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SAAHIL KUMAR
White एक नज़्म है गुंजती जैसे किसी महफ़िल में जैसे लब्ज़ रह गए कम खुद की कहानियों में जैसे रहा इंतजार ता उम्र का बिता कुछ पलों में कभी ख़त्म न होने वाले अफसानों में वैसे ही बस हुँ भीड़ में कहीं गुमनाम सा सब कुछ नहीं बस मिल जाए एक पल ज़िन्दगी का क्युकी फिर से होना है मुझे गुमनाम किसी और की कहानियों में ©SAAHIL KUMAR गुमनाम सा
गुमनाम सा
read moreShikha Sharma
........... ©Shikha Sharma बेनाम सा ये दर्द ✍🏻❤️🩹 poetry sad poetry poetry lovers love poetry in hindi poetry quotes #Poetry #Nojoto #merikalamse #Shikhasharma
बेनाम सा ये दर्द ✍🏻❤️🩹 poetry sad poetry poetry lovers love poetry in hindi poetry quotes #Poetry #merikalamse #Shikhasharma
read morevksrivastav
White दर्द अंदर है ये बाहर न दिखाई देगा दिल की दिल सुनता है सबको न सुनाई देगा जितनी परवाह जताते हैं ये लोग वक़्त जब आएगा कोई न दिखाई देगा ©Vk srivastav दर्द अंदर है ये बाहर न दिखाई देगा #Shayari #Love #Poetry #SAD #Quotes #vksrivastav
दर्द अंदर है ये बाहर न दिखाई देगा Shayari Love #Poetry #SAD #Quotes #vksrivastav
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White वफ़ा को ढूँढ़ना बेमानी सा लगता, दिल का ये ख्वाब पुराना सा लगता। खुद को संभालूं या शिकवे लिखूं, हर दर्द अब एक फसाना सा लगता। इश्क़ सिर्फ कहानी सा लगता है, ग़म अब निशानी सा लगता है। कौन चाहता है ज़ख्मों को भरना, दर्द-ए-दिल अब रूहानी सा लगता है। आँखों में न कोई ख्वाब अब बाकी है, दिल का हर कोना खाली सा लगता है। जिनसे उम्मीदें थीं, वो पराये निकले यारो, ज़िंदगी भी अब तूफानी सा लगता है। हर राह में बस सन्नाटा सा है, हर कदम पर धोखे का साया सा है। जिनसे दिल लगाया, वही दूर निकले, अब हर रिश्ता अफ़साना सा है। इश्क़ अब सिरफिरा सा खेल लगता है, हर कदम पर ये जाल सा बिछता है। फिर भी दिल क्यों लौट जाता है वहीं, जहाँ हर दर्द अब रूहानी सा लगता है। ©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_shayari वफ़ा को ढूँढ़ना बेमानी सा लगता, दिल का ये ख्वाब पुराना सा लगता। खुद को संभालूं या शिकवे लिखूं, हर दर्द अब एक फसाना सा लगता।
#sad_shayari वफ़ा को ढूँढ़ना बेमानी सा लगता, दिल का ये ख्वाब पुराना सा लगता। खुद को संभालूं या शिकवे लिखूं, हर दर्द अब एक फसाना सा लगता।
read moreDeependra Dubey
White मैने तेरी लाखों मजबूरियों को समझा तूने तो मेरी हर मजबूरियों का फ़ायदा ही उठाया बस इसी सोच में रह गया की कभी तू भी समझेगी मुझे की तू भी कभी एक मज़बूरी को भी समझेगी। अब आस लगाऊं तुझ से क्या अब पास बुलाऊं तुझे क्या जब तू मुझे जानी ही नहीं तू मुझे पहचानी ही नहीं। ©Deependra Dubey #दर्द शायरी दर्द
#दर्द शायरी दर्द
read moreDev Rishi
शीर्षक - न है कोई रंग.... होठों के दामन काले.. बरसाने लगे नयन हमारे आते बादलों से ख़बर ए बूंदें.. तस्दीक करने लगे,सारे के सारे... बदन पर तप रहे मन आंखों में जल रहे स्वप्न निगाहों के लीक पर.. क्यों खड़ा है आज भी दर्पण.... देखने को क्या है इस जिस्म के अंदर लेने को अब क्या है खाली हाथों के अंदर... बाली झुमके, सब रंग के है रंग... अब यहां न है कोई रंग....!! ©Dev Rishi 'दर्द भरी शायरी' शायरी दर्द
'दर्द भरी शायरी' शायरी दर्द
read more@Shorts456
💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔 ©@Shorts456 शायरी दर्द 'दर्द भरी शायरी'
शायरी दर्द 'दर्द भरी शायरी'
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