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Ankur tiwari
White आओ ना एक नई शुरुआत करते हैं दो चार पल बर्बाद एक साथ करते हैं इंस्टा, FB पर तो बहुत कर लिया मिलो कभी रूबरू बात करते हैं इतने दिनों में कुछ जाना तो होगा कौन हैं कैसा है पहचाना तो होगा यूं ही तो नही कर लेते हो सहज बातें तुमने भी कुछ जांचा पहचाना तो होगा सबके साथ खुलकर नही होती हैं बातें जब जज़्बात मिलते हैं तो होती है बातें यूं दिनभर बिज़ी रहने की जरूरत है क्या जब मन हो तभी तो की जाती है बातें सब बातें तो करते है पर दर्द सुनता कौन है बेवजह किसी के सपने खुद बुनता कौन है स्वार्थ से वशीभूत इस दुनियां में अंजान कद्र शरीफों की सराफत का करता कौन है पर इतने समय में जो भी देखा सुना और जाना है अपने अनुभवों से तुमको ही अंदाजा लगाना हैं बार बार जो प्रेम है प्रेम हैं की बात करते हो तुम गर कह दूं प्रेम हैं तो क्या ये रिश्ता निभ पाना है हैं तुमको भी पता ये जमाने की बंदिशें और रीत हां अच्छे बन सकते है हम एक दूजे के मनमीत पर अपने स्वार्थ में परिवारों को जलाना उचित है क्या जिन्होंने आज तलक हमे संभाला उन्हें रुलाना उचित हैं क्या @mr_master__sab ©Ankur tiwari #love_shayari आओ ना एक नई शुरुआत करते हैं दो चार पल बर्बाद एक साथ करते हैं इंस्टा, FB पर तो बहुत कर लिया मिलो कभी रूबरू बात करते हैं इत
Ankur tiwari
White नैनों से नैन मिले ही थे आंखों ने ही था इजहार किया दिल ने दिल को समझा और दिल ने ही इकरार किया फिर प्रेम गीत के राग छिड़े इश्क़ के कोपल नए उगे हम अनायास ही उनके झील से नयनों के लहरों में डूबे बाते हुई और होती गई इश्क भी कुछ परवान चढ़ा मुझसे ज्यादा उनके मन में अंकुर प्रेम का पला बढ़ा फिर दोनो ही मिलने भी लगे कभी रस्ते चौक चौबारो में कभी छुप छुप मिल जाते हम गलियों और बाजारों में कुछ दिन बीते चिंता बढ़ी कि क्या होगा अब अंजाम प्रिये इस सोच में डूबे डूबे होने लगे सुबह और शाम प्रिये कुछ शर्ते उसने रखी थीं कुछ बातों पर वो राजी थे हम तो ठहरे सीधे सादे पंडित पर अब्बा उसके काज़ी थे फिर बात बात पर बहस हुई और बातो में तकरार हुआ फिर ताना तानी बढ़ने लगीं जीना भी जब दुश्वार हुआ तो उसने मुझसे कहा प्रिये घर छोड़ चलो संग भाग मेरे यह दुसह विरह सही जाय न अब हर लो सब संताप मेरे उसके संग जीवन जीना है मन में मैने भी ठान लिया दुनियां से भी लड़ भिड़ जाऊं वो राजी है जब जान लिया घर पर मैने यह बात कहीं पूछा क्या उचित है क्या हैं सही सबने हाथ कर लिए खड़े कोई संग मेरे था खड़ा नही.... ©Ankur tiwari #love_shayari कुछ शर्ते उसने रखी थीं कुछ बातों पर वो राजी थे हम तो ठहरे सीधे सादे पंडित पर अब्बा उसके काज़ी थे फिर बात बात पर बहस हुई और
Ashutosh Mishra
White अपने अधिकार के लिए अपने कर्तव्य को पूरा करो एक-एक वोट महत्वपूर्ण है। किसी लोभ या दबाव में मतदान ना करें मतदान सोच विचार के करें। उचित और सुयोग्य व्यक्ति का चयन कर अपना तथा देश का भविष्य उज्जल बनाएं। अलफ़ाज मेरे✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #election_2024 उचित और सुयोग्य व्यक्ति का चयन कर अपना एवं अपने देश का भविष्य उज्वल बनाएं #वोट_अवश्य_करें #वोटिंग_हमारा_कर्तव्य #वोट poonam
Devesh Dixit
काल चक्र (दोहे) काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार। देता सबको सीख है, जो माने वह पार।। रचा ईश ने जब इसे, मकसद है कुछ खास। सदुपयोग इसका करें, उनको भी है आस।। काल चक्र के देवता, देते हैं परिणाम। जिसका जैसा कर्म है, वैसा उसको दाम।। काल चक्र बलवान है, कहते सभी सुजान। विमुुख न होना तुम कभी, बनकर के अनजान।। काल चक्र से बच सका, जरा बताओ कौन। मूल्य नहीं क्यों जानते, अभी रहो तुम मौन।। .......................................................... देवेश दीक्षित. ©Devesh Dixit #काल_चक्र #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry काल चक्र (दोहे) काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार। देता सबको सीख है, जो माने वह पार।। रचा
Devesh Dixit
युवा शक्ति (दोहे) युवा शक्ति अनमोल है, चलें उचित रफ़्तार। कर सुकर्म जो बढ़ रहे, हो उनका विस्तार।। मात पिता का फर्ज़ है, उनको दें संस्कार। गलत दिशा भटकें नहीं, दोष करें स्वीकार।। युवा शक्ति को है परख, हो कैसा व्यवहार। सही बात पर हों अटल, गलत बात पर वार।। भटक गए कुछ हैं अभी, देते हैं आघात। युवा शक्ति पर चोट है, मुश्किल हैं हालात।। युवा शक्ति अब मोहती, फैंक प्रेम के जाल। जो भी इसमें है फँसी, होती बाद हलाल।। संस्कारों को छोड़ कर, नित्य करें ये काम। मात पिता को कर दुखी, खूब डुबाते नाम।। ........................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #युवा_शक्ति #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi युवा शक्ति (दोहे) युवा शक्ति अनमोल है, चलें उचित रफ़्तार। कर सुकर्म जो बढ़ रहे, हो उनका
Ravendra
Ravendra
Mahadev Son
White जीवन की परिभाषा चार लक्ष्यों को प्राप्त करना धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना है अर्थ - भौतिक समृद्धि, आय सुरक्षा, जीवन के साधन इन तीनों के लिये सभी निरंतर प्रयास करते... मोक्ष के लिये सोचते भी नहीं क्योंकि मुश्किल या मालूम ही नहीं.... मोक्ष - मुक्ति, आत्म-साक्षात्कार। जीवन की अंतिम परिणति है। मोक्ष आत्मा को भौतिक संसार के संघर्षों और पीड़ा से मुक्त करता है! आत्मा को जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म के अंतहीन चक्र से मुक्त करता है! ©Mahadev Son जीवन की परिभाषा चार लक्ष्यों को प्राप्त करना धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना ह
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} 🎆 पूजा का किसी भी धार्मिक व्यक्ति के जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है। कोई भी व्यक्ति अपने किसी ईष्ट को, अपने किसी देवता को, किसी गुरु को मानता है, तो वह उनकी कृपा भी चाहता है। वह चाहता है कि उसके ईष्ट, देवता हमेशा उसके साथ रहें, गुरु का उसे मार्गदर्शन मिलता रहे। इसी कृपा प्राप्ति के लिए जो भी साधन या कर्मकांड अथवा क्रियांए की जाती हैं, उन्हें पूजा विधि कहते हैं। धर्मक्षेत्र के अलावा कर्मक्षेत्र में भी पूजा का बहुत महत्व है इसलिये काम को भी लोग पूजा मानते हैं। 🎆 जिस प्रकार हर काम के करने की एक विधि होती है, एक तरीका होता है, उसी प्रकार पूजा की भी विधियां होती हैं, क्योंकि पूजा का क्षेत्र भी धर्म के क्षेत्र जितना ही व्यापक है। हर धर्म, हर क्षेत्र की संस्कृति के अनुसार ही वहां की पूजा विधियां भी होती हैं। मसलन मुस्लिम नमाज अदा करते हैं, तो हिंदू भजन कीर्तन, मंत्रोच्चारण हवन आदि, सिख गुरु ग्रंथ साहब के सामने माथा टेकते हैं, तो ईसाई प्रार्थनाएं करते हैं। इस तरह हर देवी-देवता, तीज-त्यौहार आदि को मनाने के लिए, अपने ईष्ट - देवता को मनाने की, खुश करने की अलग-अलग पद्धतियां हैं, इन्हें ही पूजा-पद्धतियां कहा जाता है। 🎆 जिस प्रकार गलत तरीके से किया गया कोई भी कार्य फलदायी नहीं होता, उसी प्रकार गलत विधि से की गई पूजा भी निष्फल होती है। जिस प्रकार वैज्ञानिक प्रयोगों में रसायनों का उचित मात्रा अथवा उचित मेल न किया जाये, तो वह दुर्घटना का कारण भी बन जाते हैं, उसी प्रकार गलत मंत्रोच्चारण अथवा गलत पूजा-पद्धति के प्रयोग से विपरीत प्रभाव भी पड़ते हैं, विशेषकर तंत्र विद्या में तो गलती की माफी नहीं ही मिलती। ये कर्म काण्ड है, और भगवान श्री कृष्ण की मन से की गई भक्ति सर्वोत्तम और सर्वोपरि तथा सर्वसश्रेष्ठ हैं।। ©N S Yadav GoldMine #bachpan {Bolo Ji Radhey Radhey} 🎆 पूजा का किसी भी धार्मिक व्यक्ति के जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है। कोई भी व्यक्ति अपने किसी ईष्ट को, अप
Ravendra