Find the Latest Status about मुहब्बत पर शायरी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मुहब्बत पर शायरी.
Praveen Kumar Tyagi
कितना मुश्किल है उस दिल पर दिल की कहानी लिखना जैसे बहते हुए पानी पर हो पानी लिखना ©Praveen Kumar Tyagi मुहब्बत #मुहब्बत #शायरी
मुहब्बत मुहब्बत शायरी
read moreMadhu Bala
जब भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं, तो No words कहलाते हैं! और जब अल्फाज़ों की कमी एक कवि को होने लगे तो उसे बेइंतहा मुहब्बत कहते हैं! जिसे वह काग़ज़ पर नहीं बिख़ेर सकता! बिवी ग़र मां और पत्नी दोनों का किरदार निभा सकती हैं, तो शौहर भी पिता और पती का किरदार बखू़बी निभाते हैं! Happy father's day Dear Hubby ___ मधुबाला ✍️ ## शायरी## मुहब्बत##
## शायरी## मुहब्बत##
read moreParkash Kamboj
उसे पूछो क्या वो थोड़ी सी तो वफ़ा देगा मुझको, मैं कभी रो पड़ूं तो क्या वो हंसा देगा मुझको।। प्रकाश कंबोज #शायरी #मुहब्बत
Neha Siddiki
महल हो घर हो या छोटा सा मकान हो या ना हो कुछ भी बस तू हो जा मेरा दुनिया का सबसे बड़ा इनाम होगा अपने सांसे तेरे सांसों के साथ जोड़ने को तैयार हूं हर सुख-दुख की राही बनने को तैयार हूं । #sunrays मुहब्बत शायरी
#sunrays मुहब्बत शायरी
read moreNeha Siddiki
महल हो घर हो या छोटा सा मकान हो या ना हो कुछ भी बस तू हो जा मेरा दुनिया का सबसे बड़ा इनाम होगा अपने सांसे तेरे सांसों के साथ जोड़ने को तैयार हूं हर सुख-दुख की राही बनने को तैयार हूं । #sunrays मुहब्बत शायरी
#sunrays मुहब्बत शायरी
read moreManish Kumar
अल्फ़ाज़ मेरे दिल के, अल्फ़ाज़ मेरे दिल के दिल में दबे से रह गए जुबां में लाना तो चाहता था लेकिन केह ना पाया जब उनसे रूबरू हुए बस उनकी भोली सी सूरत को देख यू ही हम तो निशब्द हो गए #love#मुहब्बत#शायरी
loveमुहब्बतशायरी
read moreAdnan_Saifi129 Instagram/israrsaifi1292167
मुहब्बत की नज़र वो है, जो दिल में जगह पायें मुहब्बत हो अगर सच्ची तो पत्थर भी मोम हो जाये ©israr saifi129 #मुहब्बत #इशक़ #शायरी
मुहब्बत इशक़ शायरी
read moreShashikant Kendre
मुहब्बत है तो कान्हा भी है मूझ में कसे बतायें मिरा ओर कबीर भी है मूझ में #हिंदी #शायरी #मुहब्बत
Sugandh Mishra
ले आया तू भी ये बात कहां अब किसी को है कोई याद कहां । कहां मिलती है लैला अब मजनू से हीर को है रांझे की फरियाद कहां । दर्द पहले भी थे , दर्द अब भी है दर्द में अब कोई इश्तिराक कहां । बेहिस हैं सभी मंजिलों के आशिक़ दर ब दर भटकने की भी कोई मियाद कहां । मीठे झूठ बोए हैं बुलबुल के दामन में कैसे वो जान पाए है छुपा सैय्याद कहां । ~सुगंध इश्तिराक- भागीदारी ,मियाद - period #शायरी #मुहब्बत #दुनिया