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SHIVAMRAJPUT_1
mamraj
बड़ी शिद्दत से चाहा है तुझे तूने भी अपनाया है मुझे लेकिन किस्मत में लिखा है कुछ और ही शायद तुम मेरी नहीं, बनोगी किसी और की #बनोगी किसी और की
HARSH369
बद्रि अपनी दुल्हनिया ले आया जैसे तैसे सुन्दर, सुशील,नटखत जैसी आलिया भट्.. पर हमारा क्या कोइ पटती ही नहीं.. जो थी वही लाने जा रहा हूं दोबारा पटे तो सही..!! ©Shreehari Adhikari369 #बद्रि की दुल्हनिया #लव
विवेक तिवारी
हां मैं हूं राम सा पर तुम सीता बनोगी क्या।। वो राम के साथ वन गई थी तुम मेरे साथ चलोगी क्या।। ©विवेक तिवारी #बनोगी
VIKAS" VKB #DEARJINDAGI
क्या तुम मेरी कविता का शीर्षक बनोगी जिन्दगी के इस राह में मेरे संग चार कदम चलोगी मेरी खुशियों में खुश हो कर,मेरी गमो में दुखी हो कर, क्या आँशुओ की बारिश बनोगो, क्या तुम मेरी कविता का शिर्षक बनोगी क्या तुम इस अजनबी को अपना समझकर, कुछ पल ही सही मगर अपना कहोगी, और कभी टूट न जाये ऐसा, मेरी दोस्ती के पतंग की वो डोर बनोगी, कहते है दोस्ती का रिश्ता, अपनो से भी ऊँची होती है क्या तुम इस रिस्ते की नींव बनोगी, चुभ जाए काटे अगर लक्ष्य की राह में, क्या तुम उसे मेरी जीवन से निकाल सकोगी, और डगमगा जाए मेरे पैर अगर राहों में चलते चलते, तो मुझे सम्भालने का वादा तुम करोगी, क्या तुम मेरी कविता का शिर्षक बनोगी, क्या तुम मेरे नादान कलम की स्याही बन कर वक्त की आवाज बनोगी, लक्ष्य सफलता की राह में, गुरु मंत्र देती शिक्षिका की तरह , मेरे कंधे से कंधा मिला कर, बंजर भूमि में होने वाली बरसात की तरह, मेरी जीवन की अनमोल रत्न बनोगी, क्या तुम मेरी कविता की शिर्षक बनोगी, जीवन के इस युद्ध में कभी मेरी सारथी बनकर, तो कभी मेरे नाव की खेवैया बनकर , मुझे इस मझधार से पार कराने का साहस करोगी जमीन पर रहने का हक तो है मेरे पास,क्या तुम मेरी आसमां बनोगी दुश्मन तो मिलेंगे अनेकों मुझे इस राह में,क्या तुम दोस्ती की मिसाल बनोगी मेरे जीवन की कल्पना में,,,,मेरे जीवन की कल्पना में, एक सच्चे दोस्त का किरदार करोगी?? क्या तुम मेरी कविता का शिर्षक बनोगी, ?? ✍✍Akki,,,,V #क्या तुम मेरी कविता की शिर्षक बनोगी,,??
sp__shyam ....
सुनो कभी ना टूटने वाला वादा बनोगी ,,, तो फिर बोलो ना मेरी राधा बनोगी .... एक अजनबी शायर ..... बोलो बनोगी राधा …..
सुधांशु सावन
तेरी आँखें जब से आईना बनी है मेरे तसव्वुर की, एक मुहाज सी छिड़ी है ख्वाहिशों की तुमसे मिलने की। बनोगी, मेरा सावन !