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Gurudeen Verma
White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये ------------------------------------------------------------- क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। क्यों आज हम याद-----------------------।। देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें। मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।। छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो, क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। कल तक की थी तुमने बुराई हमारी। करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।। नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा। क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा। गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।। तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा। क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।। क्यों आज हम याद-------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #गीत
PФФJД ЦDΞSHI
गीत...... बजने लगी शहनाईयाँ, चुभने लगी तम्हाईयाँ चाहे तुम्हे गहराईयाँ होने लगी रुसवाईयाँ चारो तरफ है परछाईयाँ,मौत भी लेती अगड़ाईयाँ, जीना भी चाहूं ज़ी ना सकूँ दिल मे बसी है वीरानियाँ...... ©PФФJД ЦDΞSHI #गीत #pujaudeshi
bhim ka लाडला official
Gurudeen Verma
शीर्षक - हम वह मिले तो हाथ मिलाया --------------------------------------------------------------- हम वह मिले तो हाथ मिलाया बढ़ने को आगे हाथ हिलाया।। बात हुई पलभर के लिए। हाय ! यह भी कोई मिलना हुआ।। हम वह मिले तो-------------------।। इस इंसान को क्या हो गया है। रोग इसे ऐसा क्या हो गया है।। दौड़ रहा है सुख पाने को। दौलत का भूत यह हो गया है।। रुकता नहीं करने को विश्राम। हाय ! यह भी कोई जीना हुआ।। हम वह मिले तो-----------------।। बेच दिया इसने ईमान अपना। मार दिया इसने इंसान अपना।। छोड़ दिया है करना शर्म भी। भूल गया यह भगवान अपना।। लूट रहा है मुफ़लिसों को। हाय ! यह भी कोई इंसान हुआ।। हम वह मिले तो-----------------।। हमसे मिलन भूल गया वह कल का। हमसे वादा भूल गया वह कल का।। झूठा है उसका प्यार और रिश्ता। हमसे प्यार भूल गया वह कल का।। उसके लिए अजनबी है अब हम। हाय ! यह भी कोई साथी हुआ।। हम वह मिले तो------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #गीत