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"SILENT"
White अंतिम समय जब कोई नहीं जाएगा साथ एक वृक्ष जाएगा अपनी गौरैयों-गिलहरियों से बिछुड़कर साथ जाएगा एक वृक्ष अग्नि में प्रवेश करेगा वही मुझसे पहले ‘कितनी लकड़ी लगेगी’ शमशान की टाल वाला पूछेगा ग़रीब से ग़रीब भी सात मन तो लेता ही है लिखता हूँ अंतिम इच्छाओं में कि बिजली के दाहघर में हो मेरा संस्कार ताकि मेरे बाद एक बेटे और एक बेटी के साथ एक वृक्ष भी बचा रहे संसार में। ©"SILENT" #good_morning_quotes Neha@Nehit_Enola R... Ojha Twinkle Agarwal Uttarakhand queen mansee Singh Rana
#good_morning_quotes Neha@Nehit_Enola R... Ojha Twinkle Agarwal Uttarakhand queen mansee Singh Rana
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White देख कर दुनिया की रंगत दिल मेरा अब भर गया देखे यहां बदले के भाव दिल मेरा अब थक गया मुझको लगा सब प्रेम की गलियों में जीना चाहते लेकिन यहां सब लोग नफरत में है जीना चाहते कैसे लिखूं मैं तुक्ष मानवता को मैं ये जानकर बदला हैं मानवता का उसूल पैसे की खुशबू सूंघ कर देख कर दुनिया की रंगत दिल मेरा अब भर गया देख कर दुनिया की रंगत दिल मेरा अब भर गया ©"SILENT" #Hindi pantiya#Twinkle Agarwal T4_tanya_ Neha@Nehit_Enola Niaz (Harf) Surbhi Sharma
"SILENT"
White फिर मन आषाढ़ हो चला तैरती रुई धुनी हुई। बंद हवा लिखती है देह भर पसीना दीवारों में कसी हुई। माथे पर हाथ रखे बैठी है तबियत होकर छुईमुई। चप्पा-चप्पा खड़ी उमस परत-दर-परत चुनी हुई। बूँद-बूँद गल कर हम भीड़ों में बहते हैं हिम-नदी सरीखे। हम खंडित इंद्रधनु उठाए इस्पाती भाषा में चीख़े। बादामी कानों तक आकर सुनो बात अनसुनी हुई। ©"SILENT" #Hindi pantiya#Nîkîtã Guptā princess Uttarakhand queen Twinkle Agarwal Niaz (Harf)
swati soni
White Alfaz kafi nhi hote hain kabhi kabhi her bat ko byan karne ke liye jaise chand ko takte huye roshni bikherti vo rat kitna sukoon jatati hai yakayak dekhti hun jab aasman ke tare bus alag sa ehsas dil ko dilati hai kabhi baithkar dekhiye vo prakruti ki manoram chaviyan shant hokr bhi kaisa anand dilon ko de jati hai . #swati ki qalum se ✍️ ©swati soni #goodnightimages Anshu writer Twinkle Agarwal Abhishek tyagi Yash Mehta Shilpa Yadav करम गोरखपुरिया Sircastic Saurabh उत्कर्ष शुक्ल UK Sat
#goodnightimages Anshu writer Twinkle Agarwal Abhishek tyagi Yash Mehta Shilpa Yadav करम गोरखपुरिया Sircastic Saurabh उत्कर्ष शुक्ल UK Sat #Poetry #swati
read moreRustam Shaikh
White Teri deed jisko nasib wo nasib kable azij tukje sochna meri zindagi tujhe dekhna meri Eid ©Rustam Shaikh #mothers_day Ishq dawa kya meri maa ke aaghe motiyon ki rounak kya kuch bhi nahi
#mothers_day Ishq dawa kya meri maa ke aaghe motiyon ki rounak kya kuch bhi nahi
read moreswati soni
(मैने देखा है ) उड़ते पंछियों को चहचहाते हुए और बहती हुई नदियों का सैलाब देखा है कुछ पल की खुशियां तो कहीं गमों का जंजाल देखा है देखी है कहीं घनघोर बारिश तो कहीं सुखा रेगिस्तान देखा है पूछा करती हूं दुख दर्द दूसरों के अक्सर गर मैने ख़ुद को चुपचाप सा देखा है ख़्वाब तो बुनते है सभी पर पूरा होते कुछ को ही देखा है हंसते हुए उन चेहरों को और रोशनी बिखेरते जुगनुओं को हर और देखा है लिखती है कलम से कविता अपनी कवयित्री ने हर शब्द और अक्स को गौर से जो देखा है| #स्वाति की कलम से ✍️ ©swati soni #aaina #स्वातिकीकलमसे✍️ प्रशांत की डायरी Anshu writer Yash Mehta Ayushi Agrawal Rounak kumar Hem ओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री)
Reena Sharma
#reenasharma3011 बाबा ब्राऊनबियर्ड Pintu singh sweta Agarwal udass Afzal khan vicky vicky #Life
read moreJashvant
White मिरे रब की मुझ पर इनायत हुई कहूँ भी तो कैसे इबादत हुई हक़ीक़त हुई जैसे मुझ पर अयाँ क़लम बन गया है ख़ुदा की ज़बाँ मुख़ातिब है बंदे से परवरदिगार तू हुस्न-ए-चमन तू ही रंग-ए-बहार तू मेराज-ए-फ़न तू ही फ़न का सिंघार मुसव्विर हूँ मैं तू मिरा शाहकार ये सुब्हें ये शामें ये दिन और रात ये रंगीन दिलकश हसीं काएनात कि हूर-ओ-मलाइक वो जिन्नात में किया है तुझे अशरफ़-उल-मख़्लुक़ात मिरी अज़्मतों का हवाला है तू, तू ही रौशनी है उजाला है तू , फ़रिश्तों से सज्दा भी करवा दिया, कि तेरे लिए मैं ने क्या न किया ये दुनिया जहाँ बज़्म-आराईयाँ, ये महफ़िल ये मेले ये तन्हाइयाँ फ़लक का तुझे शामियाना दिया, ज़मीं पर तुझे आब-ओ-दाना दिया मिले आबशारों से भी हौसले, पहाड़ों में तुझ को दिए रास्ते ये पानी हवा और ये शम्स-ओ-क़मर, ये मौज-ए-रवाँ ये किनारा भँवर ये शाख़ों पे ग़ुंचे चटख़्ते हुए, फ़लक पे सितारे चमकते हुए ये सब्ज़े ये फूलों-भरी क्यारियाँ, ये पंछी ये उड़ती हुई तितलियाँ ये शो'ला ये शबनम ये मिट्टी ये संग, ये झरनों के बजते हुए जल-तरंग ये झीलों में हँसते हुए से कँवल, ये धरती पे मौसम की लिक्खी ग़ज़ल ये सर्दी ये गर्मी ये बारिश ये धूप, ये चेहरा ये क़द और ये रंग-रूप दरिंदों चरिन्दों पे क़ाबू दिया, तुझे भाई दे कर के बाज़ू दिया बहन दी तुझे और शरीक-ए-सफ़र, ये रिश्ते ये नाते घराना ये घर कि औलाद भी दी दिए वालदैन, अलिफ़ लाम मीम काफ़ और ऐन ग़ैन ये अक़्ल-ओ-ज़हानत शुऊ'र-ओ-नज़र, ये बस्ती ये सहरा ये ख़ुश्की ये तर और इस पर किताब-ए-हिदायत भी दी, नबी भी उतारे शरीअ'त भी दी ग़रज़ कि सभी कुछ है तेरे लिए, बता क्या किया तू ने मेरे लिए ©Jashvant इबादत मेरे रब की ADV.काव्या मझधार Chanda Yogita Agarwal Diksha Singh Neema
इबादत मेरे रब की ADV.काव्या मझधार Chanda Yogita Agarwal Diksha Singh Neema #Life
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