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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Unsplash ऐ इश्क रूहे बेताब को जीने की वजाहत देदे,या फिर जिस्त ए फिराक में रहने की इनायत देदे/१ या खुदा नबीना चश्म में बिनाई की अलामत देदे,देखे है जो गुजिश्ता ख्वाब उन्हें पाने की शुजाअत देदे//२ ऐ गमें फिराक,अब इस गम से फ़राग़त देदे,या फिर मुझको वस्ले मसर्रत में रिफाकत देदे//३ बाद मुद्दत के जो अता हुई वही आस है हयात में,तुझे पा सकूं मै हूं मुन्तजर इन खलाओ में बशारत देदे//४ ऐ जिस्त सलीके से निभा"शमा"की रस्में उल्फत, नहीं तो उसे किसी और का होने की इजाज़त देदे//५ #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Book ऐ इश्क रूहे बेताब को जीने की वजाहत देदे,या फिर जिस्त ए फिराक में रहने की इनायत देदे/१ या खुदा नबीना चश्म में बिनाई की अलामत देदे, देख
#Book ऐ इश्क रूहे बेताब को जीने की वजाहत देदे,या फिर जिस्त ए फिराक में रहने की इनायत देदे/१ या खुदा नबीना चश्म में बिनाई की अलामत देदे, देख
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White ©मुझें लिखना आता है तभी तो मैं लिखती हूं.... जार जार होते अल्फ़ाज़ बिन्त हव्वा के हिस्से के रंजो अलम,वो मायूसी के आलम,वो शामो_ सहर जारों कतार अश्क, अलूदा चश्म से आलूदा कजरारी पलके.... वो कुछ बुने हुए ख्वाब कुछ गिले_शिकवे....?जो इब्न_आदम इल्म रखते हुए भी,औरत के अंतर्मन को जानबूझकर बेझिझक उसके द्वारा नजर अंदाज कर देना.... हां मैं लिखती हूं तरतीब से लफ्जों को पिरोकर, तमाम आलमी औरत के अंतर्मन को,उनके मन में चलते शोरगुल करते सांय सांय सन्नाटे को.... गर रही हयात तो मै बहुत कुछ लिखूंगी इन इब्न आदम पर भी .... #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर ©मुझें लिखना आता है तभी तो मैं लिखती हूं.... जार जार होते अल्फ़ाज़ बिन्त हव्वा के हिस्से के रंजो अलम,वो मायूसी के आलम,वो शामो_ सहर जारों कता
©मुझें लिखना आता है तभी तो मैं लिखती हूं.... जार जार होते अल्फ़ाज़ बिन्त हव्वा के हिस्से के रंजो अलम,वो मायूसी के आलम,वो शामो_ सहर जारों कता
read moreRam Prakash
White सच में खुराफात भी अब एैसी खुराफात करती है कजरारी अँखियों की शर्मिंदा सारी हयात करती है ©Ram Prakash #engineers_day हयात
#engineers_day हयात
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White ये कच्ची उम्र के लड़के, इश्क़ मुझे सिखाते हैं, हर गली में भंवरे बनकर, फूलों पर मंडराते हैं। साहिबा को मानकर मूरत, ख़ुद को मिर्ज़ा बताते हैं, हीर-रांझा की क़िस्सागोई में, अपने दिल बहलाते हैं। इश्क़ की हक़ीक़त से, ये नादान अनजान हैं, सिर्फ़ कलियों की ख़ुशबू तक, इनके अरमान हैं। हमने सदियों इश्क़ के हरम में, वक़्त गुज़ारे हैं, सब्र-ए-इश्क़ का मतलब, इनसे बेहतर समझे हैं। ये कच्ची उम्र के लड़के, इश्क़ को खेल समझते हैं, हर दर्द-ए-दिल को, बस अफ़साना कहते हैं। इश्क़ की राहों में, सब्र का इम्तिहान होता है, हर आशिक़ का दिल, सच्चे इश्क़ का मक़ाम होता है। इनकी मोहब्बत में, गहराई की कमी है, सिर्फ़ बाहरी चमक-धमक, दिलों में नर्मी है। इश्क़ की असलियत, तजुर्बे से समझ आती है, हर दिल में मोहब्बत की, अलग ही कहानी बसी है। ये कच्ची उम्र के लड़के, इश्क़ मुझे सिखाते हैं, पर इश्क़ की गहराई को, कहां ये समझ पाते हैं। हमने इश्क़ में सब्र और वफ़ा के क़िस्से लिखे हैं, इनकी मोहब्बत में, बस ख़्वाबों के सिलसिले हैं। ©theABHAYSINGH_BIPIN #moon_day ये कच्ची उम्र के लड़के, इश्क़ मुझे सिखाते हैं, हर गली में भंवरे बनकर, फूलों पर मंडराते हैं। साहिबा को मानकर मूरत, ख़ुद को मिर्ज़
#moon_day ये कच्ची उम्र के लड़के, इश्क़ मुझे सिखाते हैं, हर गली में भंवरे बनकर, फूलों पर मंडराते हैं। साहिबा को मानकर मूरत, ख़ुद को मिर्ज़
read moreSarfaraj idrishi
White मेरी हयात है बस रात के अँधेरे तक मुझको हवा से बचाए रखो सवेरे तक ! ©Sarfaraj idrishi #happy_diwali मेरी हयात है बस रात के अँधेरे तक ustवमे ना से बचाए रखो सवेरे तक ! Sarfraz Ahmad Raj-Simran Laj Kumar Praveen Storyteller I
#happy_diwali मेरी हयात है बस रात के अँधेरे तक ustवमे ना से बचाए रखो सवेरे तक ! Sarfraz Ahmad Raj-Simran Laj Kumar Praveen Storyteller I
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