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ARVIND KUMAR KASHYAP
Dr Garima tyagi
#Happynavratri ©Dr Garima tyagi सभी को नवरात्रि की हार्दिक मंगल कामनायें 💐💐💐 "आदिशक्ति है, प्रधान प्रकृति है, सत्यानंद स्वरुपिणी और बुद्धितत्व की जननी है | शान्ति, समृद्धि
Priya Gour
एक बात सीखी है "जिदंगी" तुझसे, हर कीचड़ में कमल नहीं खिला करते हैं। ©Priya Gour कीचड़ में कमल खिलते हैं...ये अधूरा सच है, हर कीचड़ में कमल नहीं खिला करते हैं। कुछ कीचड़ दलदल हुआ करते हैं...जिनमें इंसान अपने कर्मो का लेखा
Secret Quotes
शब्द हरवले आज राग लेखणीवर आहेत कवींवर आहेत कवीतांवर आहेत, कारण मी कवी नाहीत आणि होयचे पण नाही, स्वतः वर आहेत ज्यात जीव होता त्या व्यक्ती वर आहेत स्वतःच्या प्रत्येक गोष्टी वर आहेत या जीवनावर आहेत, उरलेले काही दिवस माझे नाही माहित मी कसे जगणार, काही संकेत काही शब्द काही गोष्टी काही विषय काही बंधन सगळं काही आयुष्य जगण्याचा रसं उरलेला गोडवा हिरावून नेला, जगायचं का हा मोठा प्रश्न आज डोळ्यासमोर उभा आहेत माझ्या, कुणी नसतं कुणाच शेवटी पैसा फक्त मतलबी असतं जग सारं, AS Patil✍️ एखादा दिवस वाईट असतो पण माझ्या जीवनात सगळे दिवस आनंदाचे असताना पण तो कधी मला भोगता नाही आला, दुःख काय असतं हे झोपता उठता चालता फिरता सगळीकडे
@nil J@in R@J
_*सूना समझिए सब संसार,*_ _*जहाँ नहीं राम - नाम संचार ।*_ _*सूना जानिए ज्ञान - विवेक,*_ _*जिस में राम - नाम नहीं एक ।। _*व्याख्या:-* राम-नाम के व्याप्ति के बिना सारा संसार उजाड़ समझिए । वह ज्ञान-विवेक भी खोखला, ओछा है, जो राम-नाम से रहित हो ।_ आप सभी को होली की शुभकामनाएं हैप्पी होली #NojotoQuote राम राम-राम राम! "सिमरन" नित्य सवेरे सिमरिए, अहर्निश तीनों काल। कभी तो सिमरन सुध्वनि, सुनेगा हरि दयाल।।१०।।
Mann Sagar
मनुष्य जीवन में जो भी फलस्वरूप भोगता है उसका कारण और कारक वो स्वयं होता है पर इसे स्वीकार करने के बजाय परिस्थिति और भगवान को दोष देता है।। पर परिस्थितियां हमारे कर्मो का फलस्वरूप है ।।।। ********** Human beings enjoy whatever results in life. Its cause and factor is itself. But instead of accepting it. Blames the situation and God. But circumstances are the result of our actions ... मनुष्य जीवन में जो भी फलस्वरूप भोगता है उसका कारण और कारक वो स्वयं होता है पर इसे स्वीकार करने के बजाय परिस्थिति और भगवान को दोष देता है।।
DR. SANJU TRIPATHI
दिल में छुपा है किसके क्या ये तो आज तक कोई भी कभी न जान पाता है, घायल की गति घायल ही जान सकता है और कोई भी नहीं समझ पाता है। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_118 👉 घायल की गति घायल जाने लोकोक्ति का अर्थ — जो कष्ट भोगता है वही दूसरे के कष्ट को समझ सकता है। ♥️ इ