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Omraj
ज़िंदगी दिसंबर सी सुनो दिसंबर में दिल न दुखाया करो सर्दियों में अक्सर चोटें ज्यादा दर्द देती है। omraj uike दिसंबर की यादें
Vaseem Qureshi
दिसंबर तो आ गया, अब तुम कब आओगे कितना तड़पा हूँ मैं, और कब तक रुलाओगे... दिसंबर तो आ गया, तुम कब आओगे..! बोला था तुमने, जल्दी ही आओगे... तुम नही आये, पर तुम्हारी याद बोहत आई..! अब तो आजाओ, एक अरसा हो गया, और कितना सताओगे... दिसंबर तो आ गया, तुम कब आओगे..!!! ##दिसंबर... की..याद...
Premchand Motwani
गया दिसंबर रोता ये कहता।मैं फिर लौट कर आऊंगा साथ तुम्हारा पानेको।खुश रहो और मस्त रहो।वादा करो सब मुझसे दिसंबर की चाह
Rahul Keshwanshi
दिसंबर की विदाई बडा ही कडाई महसूस होती है भर-भर आंखे रोती है तेरे समय में जो भी सिखा खट्टा-मीठा,नमकीन,और तिखा सब मैंने स्वीकार किया सफल साल जो मिला मुझे ये तुने उपकार किया तेरी लख-लख बधाईयां ओ ऊपर वाले मूझे सफल साल दी करके प्याले बडी ही रंगीन रही ये साल मेरी। सुख दुःख समेटा खुशियां बांटी कुछ सिखा और कुछ सिखाया भी बड़ी ही महीन रही ये चाल मेरी।। बड़ी ही रंगीन रही ये साल मेरी।। दिसंबर की विदाई कवि-राहुल कुमार दिसंबर की विदाई
VS lover
वो रात थी बडी सुहानी न थी कोई कहानी दिसंबर की थी जुबानी 31 दिसंबर रात कि वो बात पुरानी दिसंबर की रात
Kumar Dilip Hiragar
अॉंखो ही अॉंखो मे प्यार हुआ फिर वो मुस्कुराये और हम गिरफ्तार हुये सर्द हवा सी उसकी मोहब्बत हुई कभी मुझे तो कभी उन्हे अलाप सी एक दुजेे की जरुरत हुई -kumar Dilip दिसंबर की मुहब्बत
Bishakha Saxena
दिसम्बर की अनुभूति दिसम्बर की अनुभूति बहुत ही लाजवाब है, साल का आखिरी महीना और आखिरी पड़ाव है॥ पूरे साल का कुछ खट्टा, कुछ मीठा अनुभूति, इस दिसम्बर के साथ यादों के पन्ने में समाहित हो जायेगा॥ साल 2022 अपने अंदर कितने धाराओ, विचारों को समेटकर, अपने विदाई के साथ नए साल को लेकर आएगा॥ बस कुछ ही दिन शेष है, इस दिसम्बर को बीतने में, तो कुछ और अच्छे यादों, ख्वाबों को समेट कर रख लेते है। इस दिसम्बर की अनोखी अनुभूतियों को, दिल के पिटारे में डालकर, खुशियों को लेकर चल पड़ते हैं। ज़िन्दगी के किताब में ये दिसम्बर माह छप गया है, अपने साथ जीने के नए अंदाज़ को लेकर चल पड़ा है। ©विशाखा कुमारी सक्सेना ©Bishakha Saxena दिसंबर की अनुभूति