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New साँसों की माला पे Quotes, Status, Photo, Video

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vksrivastav

ज़ख़्म पे ज़ख़्म दिए #Love #SAD Poetry #viral #Shaayari #vksrivastav

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नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं, पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं। जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है, वहां दीवारें बस खामोश खड़ी

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हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं,
पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं।

जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है,
वहां दीवारें बस खामोश खड़ी हैं।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं,
पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं।
जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है,
वहां दीवारें बस खामोश खड़ी

SwaTripathi

#love_shayari किसी मोड़ पे मिलेंगे 🥺

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White एक रोज किसी मोड़ पे मिलेंगे में हम 
उस वक्त हम अनजान होंगे एक दूसरे से।।

©SwaTripathi #love_shayari किसी मोड़ पे मिलेंगे 🥺

rahulyadav_0ah

#भरोसा सस्ते लोग पे मत करो

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White लोग हमेशा यकीन तब तोड़ते हैं 



जब हम उनके वफादारी के मिसाल दे रहे होते हैं।

©rahulyadav_0ah #भरोसा सस्ते लोग पे मत करो

Satish Kumar Meena

मेरे हाल पे

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mujhe chod do mere haal pe  मैं निराश हूं,
कृंदनों से।
मुक्त हो जाऊं,,
बंधनों से।
मुझे समझाने में,
बरसों लगेंगे। 
ज़ख्म गहरे हैं,,
जी भर सहेंगे।
फंस गए अब,
किसी की चाल पे,
मुझे छोड़ दो,,
मेरे हाल पे।।

©Satish Kumar Meena मेरे हाल पे

Anuj Ray

# धरती पे स्वर्ग"

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White धरती पे स्वर्ग की कल्पना को, अपनी 
आंखों से साकार होते देखने का मन करे, 

शिशिर ऋतु के शुरुआती दौर में, पहाड़ 
पर्वत की बर्फीली वादियों का भ्रमण करें।

©Anuj Ray # धरती पे स्वर्ग"

F M POETRY

#साँसों में धड़कनों में..

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White साँसों में धड़कनों में बसे हो मेरे सनम..

मुमकिन नहीं की भूल पाएं इस जनम में हम..


यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY #साँसों में धड़कनों में..

Asheesh Mishra

ईश्वर पे विश्वास रखो #राम #कृष्णा #गुरु #सद्भावना

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अनिल कसेर "उजाला"

साँसों

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नवनीत ठाकुर

# "इंसान में इंसानियत होती गर बाकी, मंदिर-मस्जिद की साजिशें होती शायद नाकाम। पंडित भुला माला, नमाज़ी भुला ईमान, दिल से दिल जोड़ने का नाम होत

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"इंसान में इंसानियत होती गर बाकी,
मंदिर-मस्जिद की साजिशें होती शायद नाकाम।।
पंडित भुला माला, नमाज़ी भुला ईमान।
दिल से दिल जोड़ने का नाम होता मज़हब,
खुदा मिलता हर दिल में, हर चेहरे में राम।।"

©नवनीत ठाकुर # "इंसान में इंसानियत होती गर बाकी,
मंदिर-मस्जिद की साजिशें होती शायद नाकाम।
पंडित भुला माला, नमाज़ी भुला ईमान,
दिल से दिल जोड़ने का नाम होत
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