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priya kumari
कैसे लोग इतने प्यारे रिश्तों को एक पल में भुला देते हैं, जैसे उनसे कोई रिश्ता था ही नहीं कभी और एक हम हैं जो नींद में भी उनको ही याद करते हैं। ©priya kumari #Nojoto #दर्द #quaotes #thought #लव #Break
Mohit Kumar Goyal
पथिक..
White एक शहर बसा है , दिल में मेरे , मकान हजारों तेरे नाम के है, जमीं पर हम खड़े है तेरे दीदार के लिए तो आसमान पर सितारे सजे है तेरे सत्कार के लिए ©पथिक.. #City #ऑफ #लव❤
AJAY NAYAK
White *अपने अपनो के, कल के लिए, एक व्यक्ति एक पेड़ हरा भरा सबका भविष्य –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ www.nayaksblog.com ©AJAY NAYAK #City #Trees *अपने अपनो के, कल के लिए, एक व्यक्ति एक पेड़ हरा भरा सबका भविष्य
INDIA CORE NEWS
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ARTI JI
White भगवान कहते है- तू करता वही है, जो तू चाहता है, पर होता वही है जो मैं चाहता हूँ, तू वो कर जो मैं चाहता हूँ, फिर देख होगा वही जो तू चाहता है..!!! ©ARTI JI #City #लव #hunarbaaz #शायरी #कविता #मोटिवेशनल #वीडियो #कोट्स #कॉमेडी
Chetram Nagauri
White ए परिंदे ले चल मुझे साजन के गांव अपने पिया के गांव जहां होगी मन की बातें ले चल मुझे उस पीपल की छांव उस प्रितम के संग अमर होगा मेरा भी नाम ©Chetram Nagauri #City #गांव #लव
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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थी ।।२ हटे कैसे नज़र मेरी हँसी रुख से । जिसे अब देख तर जाने की जल्दी थी ।।३ न था अपना कोई उसका मगर फिर भी । उसे हर रोज घर जाने की जल्दी थी ।।४ सँवरना देखकर तेरा मुझे लगता । तुझे दिल में उतर जाने की जल्दी थी ।।५ बताती हार है अब उन महाशय की । उन्हें भी तो मुकर जाने की जल्दी थी ।।६ नशे की लत उसे ऐसी लगी यारों । जैसे उसको भी मर जाने की जल्दी थी ।।७ सही से खिल नहीं पाये सुमन डाली । जमीं पे जो बिखर जाने की जल्दी थी ।।८ लगाये आज हल्दी चंदन वो बैठे । न जाने क्यों निखर जाने की जल्दी थी ।।९ किये सब धाम के दर्शन प्रखर ऐसे । खब़र किसको निकर जाने की जल्दी थी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थ