Find the Latest Status about बढत बढत संपत्ति from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बढत बढत संपत्ति.
Nimisha Mishra HI
White परिवार ही असली संपत्ति होती है । ©Nimisha Mishra HI #life_quotes संपत्ति
#life_quotes संपत्ति #Life
read moreनेहा झा मणि
पिता के जीवित रहते जिन पुत्रों को पिता के खून पसीने से अरजे संपत्ति में चाहिए बँटवारा उन्हें उस संपत्ति में बहाये खून पसीने में अपने खून पसीने के प्रतिशत की गणना कर लेनी चाहिए तभी नये जमाने की 'सुख' पर बात हो जिसे वो अपनी शब्दों में 'हक' कहते हैं। नेहा झा मणि ©नेहा झा मणि #हक #संपत्ति #IFPWriting
#हक #संपत्ति #IFPWriting #कविता
read moreDil Waalii Baatein
#Pehlealfaaz डरता हूँ कि कही "दोस्ती" पर टैक्स ना लगा दे सरकार, क्योंकि मेरी यह "संपत्ति" मेरी आय से अधिक है... #दोस्ती #संपत्ति #आय
#दोस्ती #संपत्ति #आय #Pehlealfaaz
read moresapna Arun Pradhan
कुछ बदले ना बदले इंसान बदलता है मोहब्बत के नाम से फरेब करता है दुनिया के सबसे खूबसूरत चीज इश्क अब पूरे दुनिया में बदनाम है इश्क मोहब्बत बेनाम संपत्ति
इश्क मोहब्बत बेनाम संपत्ति
read moreArun verma
The biggest asset in the world is your mindset दुनिया में सबसे बड़ी संपत्ति आपकी मानसिकता है # मानसिकता सबसे बड़ी संपत्ति है
# मानसिकता सबसे बड़ी संपत्ति है #विचार
read moreEk villain
बुध एक कहानी सुनाते थे कहानी के अनुसार एक गांव में एक ग्रामीण था वह अपने घर के बाहर बैठा रहता था सुबह-सुबह उसके घर के सामने से कई काया निकलती थी जो सांझ ढलने पर लौट आती थी यह व्यक्ति प्रतिदिन सुबह सभी गाड़ियों की गिनती करता था यदि सांच को गायों के लौटने पर एक भी गाय कम रहती थी तो चिंतित तो जाता था ऐसे व्यक्ति को मूर्ख के सिवा और क्या कहा जा सकता है उसे दूसरों की गायों से कुछ लेना-देना नहीं परंतु है उन्हीं मैं उलझा हुआ है हम सब मानव की सती भी उसी मूर्त ग्रामीण से अलग नहीं है हम सभी अपने से अधिक दूसरों के सुख दुख का हिसाब कितना रखने में उलझे हैं दूसरों की सफलता धन भूमि संतान पद प्रतिष्ठा जिसे हमें कुछ लेना ही देना नहीं है पर उसे अपनी पीड़ा का कारण बनाए हुए हैं ©Ek villain #RanbirAlia सच्ची संपत्ति हम ही हैं
#RanbirAlia सच्ची संपत्ति हम ही हैं #Society
read moreranjit Kumar rathour
ये एक इत्तेफाक था कि मैं अपने गांव में था भागवत कथा चल रहा था स्वभाव के विपरीत मैं वहा था आदतन सुनता नही मैं लेकिन गांव है मेरा प्रवाचक ने शुरू किया भाई से भाई के बटवारा हो लेकिन संपत्ति का नही सवाल था आखिर किसका? जवाब प्रवाचक का आया बिपत्ति का बटवारा हो पता नही क्यो लगा कि मैं गलत नही हूँ जब कि मैं उस वक्त तनाव में था फिर मैं बीच मे ही चला गया मजबूत और मजबूत होकर पास ही अपने स्कूल मैदान जहा से मैने ककहरा सीखा था नमन किया उस मंदिर को यही से हर संस्कार सीखे थे मैं भाई से मिलने आया था उसकी तबियत ठीक नही थी शायद किसी के लिए ये गलत था मैं असमंजस में था लेकिन संतुष्ट हो गया आज मेरा कथा पंडाल आना सार्थक हो गया लगा आना चाहिए कभी कभी ऐसी जगह शान्ति औऱ हल दोनों मिल जाते है ©ranjit Kumar rathour विपत्ति का बटवारा #संपत्ति का नही